Support Page for Teachers

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आप सभी को नमस्कार 🙏

इस दुनिया में हजारो तरह के profession हैं, लेकिन उनमें से दो ऐसे हैं जिनकी मैं बहुत इज्जत करता हूँ या यूँ कहें की वो मुझे बहुत ही special लगते हैं |

उनमें से एक हैं संगीतकार (musicians) |

वाह! क्या talent होता है इनका, क्या काबिलियत होती है, किसी को भी झुमने पर मजबूर कर देते हैं | आपने सुना होगा की तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास जब गाते थे तो दिए अपने आप जल उठते थे |

इतनी शक्ति होती है संगीत में, यह इश्वर की एक अद्भुत रचना है!

लेकिन यह पेज संगीत के लिए नहीं है और ना ही संगीतकारों के लिए |

यह पेज हमारे देश के उन करोड़ो शिक्षकों के लिए है, जो अपने ज्ञान रूपी जल से इस देश के युवा मस्तिष्क को सींच रहे हैं या अगर दुसरे शब्दों के कहें तो इस देश को एक नई दिशा दे रहे हैं |

कोई देश कितना महान है, उसके पास कितनी काबिलियत है, यहाँ तक की उस देश के लोगों का व्यवहार कैसा है, चरित्र कैसा है, सोच कैसी है बहुत हद तक उनको मिली शिक्षा और उस देश के शिक्षकों पर निर्भर करता है |

आपने कबीर दास का वह दोहा तो पढ़ा ही होगा –

“गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।

बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।”

इसमें गुरु को या शिक्षक को ईश्वर से भी महान बताया गया है |

कहा जाता है की माता-पिता के बाद गुरु का ही स्थान है |

लेकिन मेरा यह मानना है की एक मानव के निर्माण में या उसके व्यक्तित्व के निर्माण में माता-पिता से भी ज्यादा जिम्मेंदारी शिक्षक के ऊपर होती है |

एक बालक भविष्य में किस तरह का व्यवहार करेगा, उसका आचरण कैसा होगा, किस तरह का इंसान बनेगा, बहुत हद तक यह उसकी बाल्यावस्था और युवावस्था में हुई शिक्षा पर ही निर्भर करता है |

और एक देश का भविष्य कैसा होगा, वह कितना विकास करेगा या पिछड़ जायेगा यह उस देश के युवा ही तय करते हैं |

यानि देश का भविष्य -> युवा के हाथ में और युवा का भविष्य -> शिक्षक के हाथ में |

यानि indirectly देश का future शिक्षक के हाथ में ही है |

शिक्षक की महानता के बारे में मुझे कबीर दास का एक और दोहा याद आ रहा है –

“गुरू बिन ज्ञान न उपजै, गुरू बिन मिलै न मोष।

गुरू बिन लखै न सत्य को गुरू बिन मिटै न दोष।।”

अर्थात, “हे सांसरिक प्राणियों। बिना गुरू के ज्ञान का मिलना असम्भव है। तब तक मनुष्य अज्ञान रूपी अंधकार में भटकता हुआ मायारूपी सांसारिक बन्धनों मे जकड़ा रहता है जब तक कि गुरू की कृपा प्राप्त नहीं होती। मोक्ष रूपी मार्ग दिखलाने वाले गुरू हैं। बिना गुरू के सत्य एवं असत्य का ज्ञान नहीं होता। उचित और अनुचित के भेद का ज्ञान नहीं होता फिर मोक्ष कैसे प्राप्त होगा? अतः गुरू की शरण में जाओ। गुरू ही सच्ची राह दिखाएंगे।”

इन सब बातों को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की आप ही इस देश के और यहाँ के युवाओं के भाग्य विधाता हैं |

A Message for All the Teachers

अब मैं आप सभी शिक्षकों से कुछ रिक्वेस्ट करना चाहता हूँ |

अब जमाना बदल चूका है, डिजिटल युग चल रहा है | पढाई के साथ सबकुछ ही डिजिटल हो चूका है |

मैंने YouTube पर देखा है, शिक्षा के क्षेत्र में नए नए अविष्कार हुए हैं | ऐसे ऐसे tools आ गये हैं, जिससे किसी विषय को समझना बहुत ही आसान हो चूका है |

मैं यह बहुत विश्वास के साथ कह सकता हूँ की आज के युवा में, आज से 20 वर्ष पहले के युवा की तुलना में शैक्षिक रूप से और मानसिक रूप से बहुत ज्यादा विकास हुआ है | उनका मस्तिष्क विकसित हुआ है |

लेकिन मैं यह भी पुरे दावे के साथ कह सकता हूँ की आज के युवा का जितना शैक्षिक विकास हुआ है, उससे कहीं ज्यादा उसका नैतिक पतन हुआ है, उसके चरित्र का हनन हुआ है |

मुझे अच्छी तरह याद है, जब मैं छोटा था तब कक्षा 5वीं (5th Class) तक के छात्रों को नैतिक शिक्षा (moral education) दिया जाता था, उसके लिए अलग बुक हुआ करती थी, उनमें कहानियों के रूप में ही एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए जरुरी गुणों को सिखाया जाता था |

अब पता नहीं यह शिक्षा दी जाती है या नहीं |

लेकिन मुझे लगता है की आज के समय में इस तरह के शिक्षा की जरुरत 16 से 20 वर्ष के युवाओं को ज्यादा है | यही वह age होती है, यहाँ से लोग बनते और बिगड़ते हैं |

अगर सच कहें तो यह उम्र बहुत ही नाज़ुक होती है और इसी उम्र में ज्यादातर लोग बिगड़ जाते हैं |

आज कल हमारे देश ही हालात क्या है? इसे आपलोगों से बेहतर कौंन समझ सकता है? 

लोग धर्म के नाम, जाति और समुदाय के नाम पर लड़ रहे हैं | सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार से भरा पड़ा है | घूसखोरी, बेईमानी हर तरफ है | मैं यह नहीं कहता की पूरा समाज ही ख़राब हो गया है, लेकिन अधिकतर लोग तो ऐसे ही हैं |

मैं यहाँ इस बात को क्यों बता रहा हूँ??

क्योंकि जब मैं किसी को रिश्वत लेते, किसी के साथ धोखा करते, बेईमानी करते, किसी पर अत्याचार करते देखता हूँ तो पता नहीं क्यों मेरे दिमाग ऐसा ख्याल आने लगता है की किसी दिन यह इन्सान भी एक छोटा बच्चा रहा होगा, नग्न बदन इधर उधर घूमता रहा होगा |

फिर धीरे धीरे यह बड़ा हुआ, और आज इस जगह आ गया है | पहले एक साधारण इन्सान रहा होगा और आज अपने को बहुत पावरफुल समझता है |

फिर मैं सोचता हूँ, आखिर इस इन्सान के विकास में होने से ऐसी क्या कमी रह गयी होगी?

शिक्षा की?

नहीं, नहीं |

अगर यह अनपढ़ और अशिक्षित होता तो जिस पद पर यह है वहां यह होता ही नहीं |

फिर किसकी?

हाँ, अब याद आया |

इसका जवाब है – नैतिक शिक्षा की

उसने Mathematics, Science, Computer, Sociology etc. की शिक्षा तो प्राप्त कर ली | लेकिन उसने जिन्दगी के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा जिसको “नैतिक शिक्षा” कहते हैं, miss कर दिया |

उसनें कभी जिन्दगी को समझा ही नहीं, उसने इंसानियत को सिखा ही नहीं |

अगर उसको पता होता की जीवन नश्वर है, पॉवर और प्रतिष्ठा झूठी है, फिर वह इस तरह के कृत्य करता ही नहीं |

लेकिन गलती उसकी भी नहीं है, दरअसल उसके शिक्षक ने उसे कभी जीवन के बारे में बताया ही नहीं, समझाया ही नहीं |

वह तो उसे यही समझाने में व्यस्त रहा की General Studies में ज्यादा नंबर कैसे लाया जाए, रीजनिंग में कौन सी ट्रिक लगायी जाए |

और इस इन्सान ने भी कभी यह सोचकर शिक्षा ग्रहण नहीं किया की उसको एक बेहतर इन्सान बनना है, उसका उद्देश्य तो हमेशा से ही सरकारी नौकरी था |

“शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तित्व सुधार होना चाहिए, नौकरी नहीं”

मुझे अपनी जिन्दगी से जुड़ी एक घटना याद है, जब मैं 12वीं (12th class) में था, मेरे college के Principal क्लास में आये हुए थे, किसी लड़के ने कुछ कर दिया था |

उन्होंने हम सबसे एक सवाल पूछा, “क्या आप लोग ईश्वर में विश्वास करते हैं

सभी ने हाँ कहा |

फिर उन्होंने पूछा की, “अगर आपके सामने जिले के कप्तान को बैठा दिया जाए तो क्या आप कोई गलत काम कर सकते हैं?

सभी कहा: “नहीं

उन्होंने पूछा: “क्यों?

सबने कहा: “क्योंकि कप्तान की नजर हमारे ऊपर होगी

प्रिंसिपल सर ने कहा: “हाँ, मैं आपको यही समझाना चाहता हूँ, की जब भी आप कोई गलत काम करते हैं, भगवान आपको देखता रहता है | और आज से आपको यह हमेशा अपने दिमाग में रखनी है

(आपलोगों को शायद यह बात साधारण सी लगे, लेकिन मेरे मन से तभी से यह बात बैठ गयी है की “भगवान मुझको देख रहा है” फिर मैं कोई गलत काम कैसे कर सकता हूँ) 


मेरी उम्र अभी बहुत ज्यादा नहीं है, मेरी age के लड़के अभी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं |

जब मैं उनको देखता हूँ, या आज कल के किसी भी युवा को देखता हूँ, उनकी स्टडीज को देखता हूँ, तो पाता हूँ की वह बस youtube से पढाई में लगे हुए हैं, books में लगे हुए हैं | कुछ भी पढ़ रहे हैं, UPSC की तैयारी करने वाला Group-D का एग्जाम दे रहा है |

मैंने कईयों से पूछा तो उन्होंने कहा की कोई भी नौकरी मिल जाए चलेगी |

[मुझे यह बहुत गलत लगता है, और यह है भी ]

कोई कुछ भी कैसे बन सकता है, किसी का कोई vision नही है, कोई dream नहीं है, कोई passion नही है |

उन्होंने कभी अपने को समझने की कोशिश ही नहीं किया की आखिर मैं चाहता क्या हूँ? मेरी अंतरात्मा क्या चाहती है? मैं किस योग्य हूँ?

और आजकल के उनके ऑनलाइन टीचर्स 🙁

इनकी तो बात ही अलग है, कभी आपलोगों ने उनकी tagline पर गौर किया है? 😁

“सिलेक्शन होगा यहीं से”

ऐसा लगता है, जैसे सरकार ने इनको joining letter दे दिया है, और बस यह सबको बाँट देंगे |

“दहाड़ बैच”, “हुंकार बैच” 

ऐसा लगता है, ये लोग सबको सीरिया भेजने वाले हैं, लड़ाई के लिए 😁

ऐसे – ऐसे नाम के न जाने कितने बैच आपको मिल जायेंगे |

और ऐसा नहीं है की ये बस ऐसी tagline ही रखे हैं, लोगों को demotivate भी बहुत ज्यादा करते हैं, उनको pressurize करते हैं |

की पढोगे नही तो नौकरी नही मिलेगी, लोग इज्जत नही करेंगी तुम्हारी |

फैमिली के नाम पर ब्लैकमेल करते हैं |

“याद रखो, तुम्हारी माँ तुम्हारे सिलेक्शन का इंतज़ार कर रही है” 

“तुम्हारे पिता की इज्जत तुम्हारे हाथ में है”

किसी को शायद यह मोटिवेशन लगे, लेकिन यह बहुत ही घटिया dialogue है |

इस तरह के वाक्य बोलकर यह सिर्फ और सिर्फ अपने को फायदा पहुँचा रहे हैं, ताकि आप उनके videos को देखते रहें और उनके course को खरीदते रहें |

उनके लिए बस उनके customer बने रहें |

मैंने प्रयागराज की एक लाइब्रेरी का विडियो देखा था instagram पर, उसमें लड़के रात-रात भर जगकर पढाई कर रहे थे और कई तो वहीँ कम्बल डालकर सो भी गये थे |

क्या है यह सब? 😬

{आप लोगों में से बहुत से लोग इस बात से असहमत हो सकते हैं}

लेकिन आप एक candidate के level पर मत सोचिये, पूरी country के लेवल पर सोचकर देखिए | लाखो लोग एक नौकरी की तयारी कर रहे हैं, और उनमें से कितने का सिलेक्शन होगा?

बस कुछ हजार का | और बाकियों का क्या?

उनकी शिक्षा भी तो ऐसी नही है जो नौकरी के अलावा कहीं काम आ सके | इससे देश का कितना नुकसान हो रहा है |

मैं कभी भी शिक्षा ग्रहण करने के, अपने को बेहतर करने के विरोध में नही हूँ |

मैं हमेशा से ही इसके समर्थन में रहा हूँ की हमारे देश के सभी लोगों को अच्छी शिक्षा मिले और और वे योग्य बनें |


मैं आप सभी शिक्षकों से बस इतना ही रिक्वेस्ट करना चाहता हूँ, की आप ही लोग कुछ करिए इस बारे में |

छात्रों को ऐसी शिक्षा दीजिये की वह खुद को समझ सकें | की आखिर वे लोग क्या चाहते हैं?

अगर सच में ही वह सरकारी नौकरी करना चाहते हैं, तो एक अच्छा सरकारी नौकर बन सकें | देश के कुछ काम आ सकें |

ये नहीं की वे बनना चाहते थे डॉक्टर और बन गये इंजिनियर 😄

और आजकल जो नैतिकता की कमी हो गयी है, इसको भी सुधारा जा सके |

Thank You All

अंत में मैं आप सभी शिक्षकों को आपकी सेवाओं के लिए GKPAD.COM की तरफ से इससे जुड़े सभी छात्रों की तरह से धन्यवाद देता हूँ |

हमारे टेलीग्राम चैनल (@gkpadofficial) पर बहुत से प्रोफेसर, टीचर्स, कॉलेज जुड़े हुए हैं | मैं आप सभी को भी धन्यवाद देता हूँ |

इस लेख पर आप सबके विचारों और सुझाव का स्वागत है |

मैं एक Software Engineer हूँ, Web (Internet) के लिए Software create करता हूँ, अगर आप teacher हैं और आपको इस चीज़ से रिलेटेड कोई भी हेल्प चाहिए, आप कमेंट करके जरुर बताएं | 

मैं आपकी पूरी हेल्प करूँगा |

Note: अगर इस पेज पर कोई टाइपिंग मिस्टेक हो या इसकी भाषा असभ्य लगी हो तो क्षमा करें | 🙏

धन्यवाद!

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