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Semester 4: Bachelor of Science

  • Plant water relation, mineral nutrition, transpiration and translocation

    Plant water relation, mineral nutrition, transpiration and translocation
    • Plant Water Relation

      पौधों में पानी का संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल पौधों की शारीरिक संरचना के लिए बल्कि उनके समुचित विकास और फूलने-फलने के लिए आवश्यक है। पौधों में जल का अवशोषण मुख्यतः जड़ों के माध्यम से होता है। जल में आवश्यक पोषक तत्वों का घुलना भी महत्वपूर्ण है।

    • Mineral Nutrition

      खनिज पोषण पौधों के लिए जीवनदायी है। मिट्टी से पौधों द्वारा खनिज तत्वों का अवशोषण किया जाता है। ये खनिज तत्व पौधों के विकास, वृद्धि और प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महत्वपूर्ण खनिजों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटेशियम शामिल हैं।

    • Transpiration

      ट्रांसपिरेशन पौधों में जल की वाष्पीकरण प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया मुख्यतः पत्तियों के माध्यम से होती है और जल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। ट्रांसपिरेशन से पौधों को तापमान नियंत्रण, पोषक तत्वों का संचरण और जल का ऑक्सीजन में परिवर्तन करने में सहायता मिलती है।

    • Translocation

      ट्रांसलोकेशन से तात्पर्य है पौधों में पोषक तत्वों और जल का एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण। यह प्रक्रिया मुख्यतः फ्लोएम और जाइलेम के माध्यम से होती है। फ्लोएम पोषक तत्वों (जैसे शर्करा) का संचरण करता है जबकि जाइलेम जल और खनिज तत्वों का।

  • Carbon oxidation pathways including Krebs cycle and glycolysis

    Carbon oxidation pathways including Krebs cycle and glycolysis
    • कार्बन ऑक्सीडेशन के रास्ते

      कार्बन ऑक्सीडेशन से तात्पर्य है कि जब कार्बन यौगिक ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं, तो वे ऑक्सीकरण होते हैं। यह प्रक्रिया ऊर्जा उत्पन्न करने में मदद करती है और इससे विभिन्न जैव रसायनिक पथ खुलते हैं।

    • ग्लाइकोलाइसिस

      ग्लाइकोलाइसिस एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य ग्लूकोज को पायरुवेट में बदलना है। यह प्रक्रिया साइटोप्लाज्म में होती है और इसे 10 चरणों में विभाजित किया गया है। पहली चरण में, ग्लूकोज का फास्फोराइलेशन होता है जो कि ऊर्जा के लिए ATP प्रदान करता है।

    • क्रेब्स चक्र

      क्रेब्स चक्र, जिसे सिट्रिक एसिड चक्र भी कहा जाता है, माइटोकॉन्ड्रिया में होता है। यह पायरुवेट के ऑक्सीडेशन से शुरू होता है और ATP, NADH, और FADH2 जैसे ऊर्जा-समृद्ध यौगिकों का उत्पादन करता है। यह चक्र कार्बन के विभिन्न यौगिकों का ऑक्सीडेशन करके ऊर्जा का उत्पादन करता है।

    • कुल मिलाकर ऊर्जा उत्पादन

      ग्लाइकोलाइसिस और क्रेब्स चक्र दोनों मिलकर कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन करते हैं। ये प्रक्रियाएँ जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती हैं। ग्लाइकोलाइसिस के माध्यम से उत्पादित NADH और FADH2 को ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलेशन में उपयोग किया जाता है जिससे ATP की मात्रा में वृद्धि होती है।

  • Nitrogen metabolism and biological nitrogen fixation

    Nitrogen metabolism and biological nitrogen fixation
    • नाइट्रोजन चक्र

      नाइट्रोजन चक्र में नाइट्रोजन के विभिन्न रूपों के बीच परिवर्तन शामिल है, जिसमें नाइट्रोजन गैस, नाइट्रेट और एमोनिया शामिल हैं। यह प्रक्रिया जीवों द्वारा नाइट्रोजन के उपयोग को सुनिश्चित करती है।

    • नाइट्रोजन मेटाबॉलिज़्म

      नाइट्रोजन मेटाबॉलिज़्म में नाइट्रोजन यौगिकों का उत्पादन एवं उनका उपयोग शामिल है। यह प्रक्रिया प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड और अन्य जैविक अणुओं के निर्माण के लिए आवश्यक है।

    • जीवाणु नाइट्रोजन फिक्सेशन

      जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन फिक्सेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें कुछ विशेष जीवाणु गैस नाइट्रोजन को अम्लीय रूप में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया पौधों के लिए पोषण का प्राथमिक स्रोत है।

    • फिक्सेशन के प्रकार

      नाइट्रोजन फिक्सेशन मुख्यतः दो प्रकार की होती है: जैविक और गैर-जैविक। जैविक फिक्सेशन में जीवाणुओं का योगदान होता है, जबकि गैर-जैविक फिक्सेशन में औद्योगिक प्रक्रियाएं शामिल हैं।

    • फंडामेंटल एंजाइम्स

      नाइट्रोजन फिक्सेशन में प्रमुख एंजाइम नाइट्रोजेनीज़ होते हैं, जो नाइट्रोजन गैस को अमोनिया में परिवर्तित करते हैं। यह एंजाइम जटिलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • महत्व और उपयोग

      नाइट्रोजन मेटाबॉलिज़्म और फिक्सेशन कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह फसलों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं और प्राकृतिक मिट्टी की उर्वरता में सुधार करते हैं।

  • Lipid metabolism and photosynthesis

    Lipid metabolism and photosynthesis
    लिपिड मेटाबॉलिज्म शरीर में लिपिड के संश्लेषण और विघटन की प्रक्रिया है। यह ऊर्जा उत्पादन, कोशिकाओं की संरचना और हार्मोन उत्पादन में महत्वपूर्ण है।
    लिपिड संश्लेषण मुख्यतः फैटी एसिड और ट्राइग्लिसराइड्स के निर्माण के लिए होता है। इसे एसीटिल-कोए के माध्यम से शुरू किया जाता है।
    लिपिड का विघटन बीटॉक्साइड्स के माध्यम से होता है, जिसके परिणामस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। यह प्रक्रिया रॉक्सिडेटिव ब्रेकेज करके होती है।
    ट्राइग्लिसराइड्स ऊर्जा का मुख्य स्रोत होते हैं और वसा के रूप में संग्रहित होते हैं।
    फॉस्फोलिपिड्स कोशिका की झिल्ली में महत्वपूर्ण होते हैं और सेलुलर संरचना को बनाए रखने में मदद करते हैं।
    फोटोसिंथेसिस सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके पौधों द्वारा अपना भोजन बनाने की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया मुख्यतः क्लोरोप्लास्ट में होती है।
    यह चरण सूर्य की रोशनी की उपस्थिति में होता है, जिसमें ऊर्जा का रूपांतरण होता है और ATP और NADPH का उत्पादन होता है।
    यह चरण कार्बन डाइऑक्साइड का संयोजन करके ग्लूकोज बनाने में सहायक होता है, जो पौधों के लिए ऊर्जा का स्रोत है।
    फोटोसिंथेसिस पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, क्योंकि यह पौधों को अपना भोजन बनाने में सहायता करता है।
    फोटोसिंथेसिस के दौरान ऑक्सीजन का उत्सर्जन होता है, जो जीवन के लिए आवश्यक है।
  • Plant development, movements, dormancy and response mechanisms

    Plant development, movements, dormancy and response mechanisms
    • Plant Development

      पौधों का विकास जैविक प्रक्रियाओं के एक समूह के माध्यम से होता है। यह विकास मुख्यतः कोशिका विभाजन, वृद्धि और अंतर्विकास पर निर्भर करता है। पौधों की वृद्धि में हार्मोन जैसे ऑक्सिन, जिबberellins और साइटोकिनिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये हार्मोन कोशिकाओं की विभाजन और वृद्धि को प्रभावित करते हैं।

    • Movements of Plants

      पौधों की गति मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटी जा सकती है: 1. नॉन-डायरेक्शनल मूवमेंट (जैसे, नालियों का खुलना और बंद होना), 2. डायरेक्शनल मूवमेंट (जैसे, पौधे सूर्य के प्रकाश की दिशा में झुकते हैं - फोटोट्रॉपिज्म)। पौधों की गति में जल, ताप और ग्रेविटी जैसे कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • Dormancy in Plants

      डॉर्मेंसी एक ऐसी अवस्था है जिसमें पौधों की वृद्धि रुक जाती है। यह आमतौर पर अनुकूल परिस्थितियों के अभाव में होती है। यह अवस्था बीजों, कलियों और कंदों में देखी जा सकती है। डॉर्मेंसी पौधों को कठोर मौसम से बचाती है और अनुकूल परिस्थितियों में फिर से सक्रिय होने की अनुमति देती है।

    • Response Mechanisms of Plants

      पौधे पर्यावरण के प्रति विभिन्न प्रकार के प्रतिक्रियाएं दिखाते हैं। ये प्रतिक्रियाएं विभिन्न ऊतकों में हार्मोनल परिवर्तनों के द्वारा संचालित होती हैं। पौधों की प्रतिक्रिया प्रणाली में जैसे कि सिग्नल ट्रांसडक्शन, हार्मोनल संतुलन, और आनुवांशिकी महत्वपूर्ण होती हैं। ये प्रतिक्रियाएं बाह्य कारकों जैसे प्रकाश, तापमान, और जल की उपलब्धता के अनुसार बदलती रहती हैं.

  • Biomolecules – carbohydrates, lipids, proteins, nucleic acids

    Biomolecules
    • Carbohydrates

      कार्बोहाइड्रेट्स मुख्यतः ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक होते हैं। ये चूने, शर्करा और स्टार्च जैसे रूपों में पाए जाते हैं। इनके वर्गीकरण में मोनोसैकराइड्स, ओलिगोसैकराइड्स, और पोलीसैकराइड्स शामिल हैं।

    • Lipids

      लिपिड्स वसा और तेलों का समूह हैं, जो ऊर्जा का भंडारण करते हैं। ये सेल मेम्ब्रेन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण होते हैं। लिपिड्स को मुख्यतः ट्राइग्लिसराइड्स, फॉस्फोलिपिड्स और स्टेरॉइड्स में वर्गीकृत किया जा सकता है।

    • Proteins

      प्रोटीन अमीनो एसिड के लंबे जंजीरों से बने होते हैं और ये जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रोटीन के कई प्रकार होते हैं, जैसे एंजाइम, हार्मोन और एंटीबॉडी।

    • Nucleic Acids

      न्यूक्लिक एसिड डीएनए और आरएनए के रूप में होते हैं, जो जीन की जानकारी को संग्रहीत और संचारित करते हैं। ये कोशिकाओं में सूचना प्रणाली का आधार होते हैं।

  • Enzyme structure, functions and regulation

    Enzyme structure, functions and regulation
    • एंजाइम की संरचना

      एंजाइम प्रोटीन होते हैं जो विशेष रूप से अपनी विशिष्ट क्रियाएँ करने के लिए बनाये जाते हैं। इनकी संरचना में प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक संरचना होती है। प्राथमिक संरचना अमीनो एसिड के अनुक्रम से बनी होती है, जबकि द्वितीयक संरचना हाइड्रोजन बॉंडिंग द्वारा स्थिर होती है, जैसे कि अल्फा-हेलिक्स और बीटा-तिकोण। तृतीयक संरचना एंजाइम की आंतरिक संरचना और गतिविधि को निर्धारित करती है, और चतुर्थक संरचना विभिन्न प्रोटीन इकाइयों के संयोजन को शामिल कर सकती है।

    • एंजाइम के कार्य

      एंजाइम मुख्य रूप से जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं की गति को बढ़ाने का कार्य करते हैं। यह सक्रिय स्थल के जरिए सब्सट्रेट के साथ बंधते हैं और प्रतिक्रिया को संभव बनाने में मदद करते हैं। एंजाइमों की कार्यक्षमता विशिष्टता के साथ जुड़ी होती है, जिससे हर एंजाइम एक विशेष प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करता है।

    • एंजाइमों का नियमन

      एंजाइमों की गतिविधि विभिन्न तरीकों से नियंत्रित होती है। इनमें प्रतिस्पर्धात्मक और गैर-प्रतिस्पर्धात्मक अवरोधन उपलब्ध हैं। प्रतिस्पर्धात्मक अवरोधक सक्रिय स्थल पर सब्सट्रेट के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जबकि गैर-प्रतिस्पर्धात्मक अवरोधक एंजाइम-सब्सट्रेट कॉम्प्लेक्स को प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त, हार्मोन और अन्य नियामक यौगिक भी एंजाइम के कार्य को नियंत्रित करते हैं।

    • निष्कर्ष

      एंजाइम जीवों की प्रतिक्रिया को तेज करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी संरचना, कार्य और नियमन का अध्ययन, बायोकैमिस्ट्री और वनस्पति विज्ञान में एक महत्वपूर्ण विषय है। आगे की अनुसंधान इस क्षेत्र में एंजाइमों के औषधीय उपयोगों को और अधिक स्पष्ट कर सकता है।

  • Phytonutrients, nutraceuticals, dietary supplements, antioxidants

    Phytonutrients, Nutraceuticals, Dietary Supplements, Antioxidants
    • Phytonutrients

      फाइटोन्यूट्रिएंट्स पौधों द्वारा उत्पन्न की गई जैव सक्रिय यौगिक होते हैं। ये मानव स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट्स में विभिन्न श्रेणियाँ शामिल हैं जैसे कि कैरोटेनॉइड्स, फ्लेवोनॉयड्स, और पॉलीफेनोल्स। ये यौगिक रोगों के जोखिम को कम करने, विरोधी सूजन, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।

    • Nutraceuticals

      न्यूट्रास्यूटिकल्स वे उत्पाद होते हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। ये प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होते हैं और आमतौर पर खाद्य पदार्थों के रूप में सेवन किए जाते हैं। न्यूट्रास्यूटिकल्स का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है, जैसे कि हृदय रोग, मधुमेह, और कैंसर।

    • Dietary Supplements

      डायटरी सप्लीमेंट्स उन उत्पादों को कहते हैं जो शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करते हैं। ये विटामिन, मिनरल, हर्ब्स, या अन्य जैविक यौगिक हो सकते हैं। डायटरी सप्लीमेंट्स का उपयोग आहार में कमी को पूरा करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किया जाता है।

    • Antioxidants

      एंटीऑक्सीडेंट वे यौगिक होते हैं जो शरीर में मुक्त कणों को निरस्त करते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुँचा सकते हैं। ये विटामिन सी, विटामिन ई, और सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों में पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट का सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और विभिन्न रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है.

Bachelor of Science

B.Sc. Botany

Botany

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U.P. State Universities

Plant Physiology, Metabolism Biochemistry

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