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Semester 5: National Security of India

  • India's Geo-Strategic Location and significance - India’s Borders- Nature and characteristics of land borders; Indian ocean territory and its strategic significance

    India's Geo-Strategic Location and significance
    • India's Borders: Nature and Characteristics

      भारत की सीमाएं लगभग 15,000 किलोमीटर लंबी हैं। यह भारत को नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ जोड़ती हैं। सीमाओं की भौगोलिक स्थिति और भिन्नता सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    • Indian Ocean Territory and its Strategic Significance

      भारतीय महासागर क्षेत्र भारत की समुद्री सीमाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह समुद्री संचार, व्यापार, और रक्षा हेतु रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। भारत का समुद्री क्षेत्र न केवल दक्षिण-पूर्व एशिया बल्कि अन्य महाद्वीपों के साथ भी व्यापारिक संबंधों को मजबूत करता है।

    • Implications for National Security

      भारत की भौगोलिक स्थिति कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करती है। सीमाओं पर तनाव, आतंकवाद, और समुद्री सुरक्षा के मुद्दे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिये, उचित नीति और रणनीतियाँ आवश्यक हैं।

  • Indian Concept of National Security - Meaning and Definition; Threat Perceptions; Types of threats to India

    National Security of India
    • Item

      राष्ट्रीय सुरक्षा का अर्थ देश के लोगों, उनकी संपत्ति और उनके राजनीतिक व आर्थिक संस्थानों की रक्षा करना है। यह एक व्यापक अवधारणा है जिसमें सैन्य, आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय पहलुओं को शामिल किया जाता है।
    • Item

      भारत की सुरक्षा के संदर्भ में कई खतरे हैं, जो आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के हो सकते हैं। इनमें आतंकवाद, सीमापार के संघर्ष, साइबर हमले, और सामाजिक अस्थिरता शामिल हैं।
    • Item

      1. सैन्य खतरे: पड़ोसी देशों से संभावित युद्ध या सीमाओं पर तनाव। 2. आतंकवाद: आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के आतंकवादी समूहों से खतरा। 3. साइबर खतरे: कंप्यूटर नेटवर्क पर हमले, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। 4. आर्थिक खतरे: वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता या व्यापारिक संघर्ष। 5. सामाजिक खतरे: जातीय या धार्मिक विवादों के कारण उत्पन्न होने वाली अस्थिरता।
  • India’s Security Problems since independence - Geo-political effects of partition; Effects on Armed Forces

    India's Security Problems since Independence
    • Geo-political Effects of Partition

      भारत के विभाजन ने सुरक्षा पर कई गहरे प्रभाव डाले हैं। विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान का निर्माण हुआ, जिसने भारत के साथ प्रारंभिक तनाव उत्पन्न किया। कश्मीर विवाद इस विभाजन का सबसे प्रमुख परिणाम है, जिसने दोनों देशों के बीच कई युद्ध और संघर्ष उत्पन्न किए। सीमा विवाद और आतंकवाद ने भी भारत की सुरक्षा परेशानियों को बढ़ाया है। विभाजन ने उपमहाद्वीप के भीतर एक अस्थिरता का माहौल पैदा किया, जिससे भारत को अपने पड़ोसियों के साथ सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस हुई।

    • Effects on Armed Forces

      भारतीय सशस्त्र बलों पर विभाजन का गहरा प्रभाव पड़ा। विभाजन के समय, सेना में उच्च स्तर पर विभाजन के कारण कई सैनिकों को उनकी वफादारी के आधार पर विभाजित किया गया, जिससे भारतीय सेना की ताकत में कमी आई। इसके बाद, नए सिरे से सेना के संगठन में बदलाव किए गए और सशस्त्र बलों में तकनीकी और रणनीतिक सुधारों की आवश्यकता पड़ी। इसके अलावा, पाकिस्तान से लगातार पैदा हो रहे खतरों के मद्देनजर, भारत को अपनी रक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए कई प्रयास करने पड़े।

    • Impact of Internal Conflicts

      भारत में आंतरिक संघर्षों जैसे नक्सलवाद, separatism और साम्प्रदायिक हिंसा ने भी सुरक्षा चुनौती को बढ़ाया है। ये संघर्ष न केवल लोगों की सुरक्षा को प्रभावित करते हैं, बल्कि यह सशस्त्र बलों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी कम करते हैं। आंतरिक सुरक्षा की स्थितियों ने भारत को अपनी सेना के प्रबंधन और सैन्य नीति में बदलाव करने के लिए मजबूर किया।

    • Countermeasures and Strategic Responses

      भारत ने अपने सुरक्षा संकल्प को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि रणनीतिक गठबंधन स्थापित करना, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करना, और एक मजबूत आंतरिक सुरक्षा ढांचा बनाना। इसके साथ ही, भारत ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मंचों में अधिक सक्रिय भागीदारी निभाई है।

  • Determinants of Indian Foreign Policy - Basic Determinants: Objectives of Indian foreign policy; global and regional perspective

    Determinants of Indian Foreign Policy
    • Objectives of Indian Foreign Policy

      भारत की विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, क्षेत्रीय स्थिरता, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का संतुलन बनाए रखना हैं। यह भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करता है।

    • Global Perspective

      वैश्विक दृष्टिकोण में, भारत की विदेश नीति विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, और जी-20 के प्रति सक्रियता को दर्शाती है। भारत का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देना है।

    • Regional Perspective

      क्षेत्रीय दृष्टिकोण से, भारत की नीति दक्षिण एशिया में स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देती है। भारत ने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए कई द्विपक्षीय और मल्टीलेटरल समझौते किए हैं।

    • Cultural and Historical Factors

      संस्कृतिक और ऐतिहासिक कारक भी भारत की विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। भारतीय संस्कृति और सभ्यता की समृद्धि ने कई देशों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत बनाया है।

    • Economic Considerations

      आर्थिक कारक भी महत्वपूर्ण हैं। भारत का लक्ष्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना और व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करना है, जो विदेशी नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

    • Strategic Alliances

      स्ट्रैटेजिक एलायंस का निर्माण भी एक महत्वपूर्ण determinant है। भारत ने अमेरिका, रूस, और अन्य देशों के साथ सामरिक साझेदारी को बढ़ावा दिया है, जिससे उसकी वैश्विक भूमिका बेहतर हो सके।

  • External Dimensions of India’s security - Security problems related to Pakistan including Indo-Pak wars; Security problems related to China including 1962 Sino-Indian war; Regional Security challenges; India's Maritime Security Challenges

    External Dimensions of India's Security
    • Security Problems Related to Pakistan

      भारत और पाकिस्तान के मध्य सुरक्षा समस्याएँ कई दशकों से बनी हुई हैं। ये प्रमुख रूप से कश्मीर विवाद, आतंकवाद और सीमापार गतिविधियों के कारण हैं। भारत-पाक युद्ध 1947, 1965 और 1971 जैसे युद्धों ने इस संबंध को अधिक तनावपूर्ण बना दिया। पाकिस्तान द्वारा जारी आतंकवाद का भारतीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

    • Security Problems Related to China

      भारत और चीन के बीच सुरक्षा चुनौतियाँ भी महत्वपूर्ण हैं। 1962 का चीन-भारत युद्ध इस संबंध में एक प्रमुख घटना है। सीमाओं पर विवाद, तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे, और चीनी आक्रामकता ने सुरक्षा स्थिति को जटिल बना दिया है।

    • Regional Security Challenges

      भारत के पड़ोसी देशों, जैसे कि नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश, और भूटान के साथ भी सुरक्षा संबंधी चुनौतियाँ हैं। इन देशों में राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद जैसे मुद्दे भारत की सुरक्षा नीति को प्रभावित करते हैं।

    • India's Maritime Security Challenges

      भारत की समुद्री सुरक्षा चुनौतियों में प्रमुख समुद्री रास्तों की सुरक्षा, समुद्री आतंकवाद, और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा शामिल हैं। भारतीय महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति और समुद्री व्यापार के लिए सुरक्षा की आवश्यकता इसे और जटिल बनाती है।

  • Internal dimension of India’s security - Terrorism in Jammu & Kashmir; Insurgency in North eastern states; Naxalism

    Internal dimension of India's security: Terrorism in Jammu & Kashmir; Insurgency in North eastern states; Naxalism
    • Jammu & Kashmir में आतंकवाद

      जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद एक गंभीर समस्या है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करती है। यह समस्या अलगाववादियों, आतंकवादी संगठनों और सीमापार से हो रहे समर्थन के कारण बढ़ी है। आतंकवाद ने इस क्षेत्र के विकास को बाधित किया है और स्थानीय जनता में असुरक्षा का माहौल बनाया है।

    • उत्तर पूर्वी राज्यों में विद्रोह

      भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में विभिन्न विद्रोही समूहों की गतिविधियाँ सुरक्षा के लिए एक चुनौती हैं। इनमें से कई संगठन स्वतंत्रता या स्वायत्तता की माँग कर रहे हैं। ये विद्रोह करने वाले समूह समाज में अस्थिरता पैदा करते हैं और विकास के कामों में रुकावट डालते हैं।

    • नक्सलवाद

      भारत में नक्सलवाद एक गंभीर समस्या है, खासतौर पर मध्य भारत में। इसे माओवादी विचारधारा के तहत देखा जाता है जो आदिवासियों के अधिकारों और भूमि के मुद्दों को लेकर उत्पन्न हुई है। नक्सलियों द्वारा हिंसा और आतंक फैलाने से सुरक्षा बलों को चुनौती मिलती है और समुदायों में डर का माहौल बनता है।

  • Defence Organization in India: Structure, Objectives, Role, and Problems

    Defence Organization in India
    • संरचना

      भारत की रक्षा संगठन में तीन प्रमुख अंग हैं: सेना, नौसेना, और वायु सेना। इनका सहयोग करने हेतु अन्य कतरें जैसे कि रक्षा मंत्रालय और विभिन्न रक्षा अनुसंधान संगठन हैं।

    • उद्देश्य

      भारत के रक्षा संगठन का मुख्य उद्देश्य देश की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना है। साथ ही, इनके द्वारा आतंकवाद और अन्य अशांति के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है।

    • भूमिका

      रक्षा संगठन का मुख्य कार्य न केवल सैन्य सुरक्षा में मदद करना है, बल्कि भीतरी सुरक्षा, नीति निर्माण और सामरिक तैयारी में भी हिस्सा लेना है। यह राष्ट्रीय सामरिक रणनीतियाँ तैयार करता है।

    • समस्याएँ

      भारत के रक्षा संगठनों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि सीमित बजट, अधिकारियों की कमी, राजनीतिक हस्तक्षेप, और अद्यतन तकनीक की कमी।

    • भविष्य की दिशा

      बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के मद्देनज़र, भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं का विकास जारी रखना होगा। नई तकनीकों का समावेश, सामरिक साझेदारियों की स्थापना, और बुनियादी ढांचे में सुधार जरूरी हैं।

  • National Security Council: Structure and Role; National Security Management and Future Challenges

    National Security of India
    • National Security Council: Structure and Role

      राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का निर्धारण करती है। यह परिषद प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और अन्य प्रमुख मंत्रियों द्वारा बनाई गई है। इस परिषद का मुख्य कार्य देश की सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन करना और नीति तैयार करना है।

    • National Security Management

      राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों का समायोजन और तालमेल शामिल है। इसमें आंतरिक सुरक्षा, विदेशी नीति, आतंकवाद निरोधक प्रयास, और साइबर सुरक्षा शामिल हैं। प्रभावी प्रबंधन के लिए इन सभी क्षेत्रों के बीच समन्वय आवश्यक है।

    • Future Challenges

      भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने कई चुनौतियाँ हैं जैसे सीमा विवाद, आतंकवाद, साइबर खतरें और आंतरिक अस्थिरता। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक नीति और रणनीतियों का विकास करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक राजनीतिक परिवर्तनों का भी ध्यान रखना होगा।

National Security of India

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Defence and Strategic Studies

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