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Semester 6: Evolution of Geographical Thought

  • Contribution of Indian Geographers in Ancient India.

    Contribution of Indian Geographers in Ancient India
    • प्राचीन भारत में भूगोल का इतिहास

      प्राचीन भारत में भूगोल का ज्ञान प्रारंभिक सभ्यता से जुड़ा हुआ था। उपनिषदों और वेदों में भूगोल की पहली झलक मिलती है। नदी-घाटी सभ्यताएँ भूगोल के महत्व को समझती थीं और अपने स्थलों का चयन इस आधार पर करती थीं।

    • भूदर्शनशीलता और स्थलाकृतिक ज्ञान

      भारतीय भूगोलवेत्ताओं ने भूदर्शनशीलता (topography) और स्थलाकृति (landform) के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वराहमिहिर, एक प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता, ने अपने ग्रंथ 'ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त' में भौगोलिक विशेषताओं का वर्णन किया।

    • पारंपरिक मानचित्रण

      प्राचीन भारतीय मानचित्रण में लाल और काले रंगों का उपयोग किया जाता था। मानचित्रों का उपयोग तत्कालीन लोग व्यापार और आक्रमण के लिए करते थे। भारत के विभिन्न भागों की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले मानचित्र तैयार किए गए।

    • विज्ञान और ज्योतिष में योगदान

      भारत के भूगोलवेत्ताओं ने विज्ञान और ज्योतिष में भी योगदान दिया। वराहमिहिर और आर्यभट्ट जैसे विद्वानों ने खगोलशास्त्र को भूगोल के अध्ययन से जोड़ा। उन्होंने विभिन्न ग्रहों की स्थिति को समझने के लिए भूगोल का उपयोग किया।

    • भौतिक भूगोल के अध्ययन में योगदान

      प्राचीन भारतीय भूगोलवेत्ताओं ने भौतिक भूगोल का अध्ययन किया, जिसमें जलवायु, जलस्रोत और वनस्पति का विवरण शामिल था। रघु वंश से जुड़ी काव्य रचनाएँ भूगोल के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं।

  • Early Origins of Geographical Thinking, Concepts of distributions; relationships, interactions, area differentiation and spatial organization in Geography

    Early Origins of Geographical Thinking
    • प्रारंभिक भूगोलिक सोच का विकास

      प्राचीन सभ्यताओं में भूगोलिक सोच का आरंभ हुआ। लोग अपने चारों ओर की भौगोलिक विशेषताओं को समझने में रुचि रखते थे। इसके अंतर्गत भूमि, जल, जंगल, और मौसम के बारे में ज्ञान शामिल था।

    • वितरण के सिद्धांत

      भूगोल में वितरण का अर्थ है कि विभिन्न तत्वों का स्थान और उनके बीच के संबंधों का अध्ययन। उदाहरण स्वरूप, जनसंख्या, वनस्पति और जलवायु का वितरण भूगोल में एक महत्वपूर्ण पहलू है।

    • संबंध और इंटरएक्शन

      भूगोल में संबंध का मतलब है कि कैसे विभिन्न तत्व एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। जैसे कि जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र का आपस में संबंध।

    • क्षेत्रीय विविधता

      भूगोल में क्षेत्रीय विविधता का मतलब है कि विभिन्न क्षेत्रों के बीच के भौगोलिक, सांस्कृतिक और आर्थिक अंतर। यह अध्ययन यह जानने में मदद करता है कि विभिन्न स्थानों की विशेषताएँ कैसे भिन्न होती हैं।

    • स्थानिक संगठन

      स्थानिक संगठन का अर्थ है कि कैसे मानव और प्राकृतिक तत्व एक स्थान पर व्यवस्थित होते हैं। इसमें विभिन्न तत्वों का स्थान, उनके बीच की दूरी और संरचना का अध्ययन किया जाता है।

  • Dualisms in geography; systematic & Regional geography, physical & human geography, Systematic and with regional geography. The myth and reality about dualisms.

    Dualisms in Geography
    • Systematic Geography

      व्यवस्थित भूगोल एक ऐसी शाखा है जो भूगोल के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करती है। यह विषय-वस्तु आधारित है और इसमें भौगोलिक प्रक्रियाओं, घटना, और विषयों का विवरण होता है। इसमें भौतिक भूगोल, मानव भूगोल, पर्यावरण भूगोल आदि शामिल हैं।

    • Regional Geography

      क्षेत्रीय भूगोल विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों को अध्ययन करता है। यह क्षेत्र विशेष के भौतिक, मानव, आर्थिक, और सांस्कृतिक विशेषताओं का विश्लेषण करता है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशेषताएं और समस्याएं होती हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।

    • Physical Geography

      भौतिक भूगोल पृथ्वी की प्राकृतिक विशेषताओं जैसे भू-आकृतियों, जलवायु, और पारिस्थितिकी का अध्ययन करता है। यह भू-जल, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करता है।

    • Human Geography

      मानव भूगोल मानव गतिविधियों और उनके भौगोलिक वितरण का अध्ययन करता है। इसमें जनसंख्या, शहरीकरण, संस्कृति, और सामाजिक संरचनाएं शामिल हैं। यह समझने में मदद करता है कि कैसे मानव व्यवहार भौगोलिक स्थानों को प्रभावित करता है।

    • Systematic vs Regional Geography

      व्यवस्थित और क्षेत्रीय भूगोल दोनों का महत्व है, लेकिन दोनों का दृष्टिकोण अलग है। व्यवस्थित भूगोल बेहतर संक्षेपण और सिद्धांत विकास पर फोकस करता है, जबकि क्षेत्रीय भूगोल स्थानीय विशेषताओं और सांस्कृतिक भिन्नताओं को उजागर करता है।

    • Myth and Reality about Dualisms

      भूगोल में द्वैतों के बारे में बहुत से मिथक प्रचलित हैं, जैसे कि ये विषय एक-दूसरे से अलग हैं। वास्तव में, दोनों शाखाएं एक-दूसरे के पूरक हैं। व्यवस्थित भूगोल में सिद्धांतिक ज्ञान उपलब्ध कराता है जबकि क्षेत्रीय भूगोल इसका व्यावहारिक अनुप्रयोग करता है।

  • Contribution of Greek & Roman geographers in ancient world.

    Contribution of Greek & Roman geographers in ancient world
    • Introduction

      ग्रीक और रोम के भूगोलियों ने प्राचीन काल में भौगोलिक ज्ञान को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यों ने न केवल उनकी संस्कृति में बल्कि बाद की संस्कृतियों और विज्ञान में भी गहरा प्रभाव डाला।

    • ग्रीक भूगोलियों की भूमिका

      ग्रीक भूगोलियों जैसे कि हेरोडोटस, एराटोस्टेनीज, और स्ट्रैबो ने पृथ्वी के आकार, मैपिंग और क्षेत्रीय अध्ययन में योगदान दिया। एराटोस्टेनीज ने सबसे पहले पृथ्वी का व्यास मापा और भूगोल के सिद्धांत को स्थापित किया।

    • रोमन भूगोलियों की भूमिका

      रोम के भूगोलियों ने ग्रीक ज्ञान का संकलन किया और उसे सुधारते हुए विस्तारित किया। प्लिनी द एल्डर और टोलेमी जैसे भूगोलियों ने भूगोल की मानक पद्धतियों को विकसित किया। उनका 'गिओग्राफिया' कार्य मानचित्रण और जगहों की पहचान में महत्वपूर्ण था।

    • मैपिंग और टोपोग्राफी

      गर्म जलवायु और भौगोलिक विविधता के कारण, ग्रीको-रोमन भूगोलियों ने विस्तृत मानचित्र तैयार किए। ये मानचित्र उस समय के ज्ञान का संकलन थे और यात्रा, व्यापार, और साम्राज्य विस्तार में मददगार रहे।

    • विज्ञान और दर्शन पर प्रभाव

      भूगोल का अध्ययन विज्ञान और दर्शन में महत्वपूर्ण समझ प्रदान करता है। ग्रीक और रोमन भूगोलियों ने स्थान, सर्वेक्षण, और प्राकृतिक साइटों के अध्ययन से भूगोल को एक विद्या के रूप में स्थापित किया।

    • निष्कर्ष

      ग्रीक और रोमन भूगोलियों का योगदान आज भी भूगोल की परंपराओं और सिद्धांतों में स्पष्ट है। उनके विचारों ने बाद की पीढ़ियों के लिए एक ठोस आधार स्थापित किया, जो आधुनिक भूगोल से संबंधित ज्ञान का हिस्सा है।

  • Contribution of Arab geographers in Middle ages, Renaissance period in Europe. Renowned travelers and their geographical discoveries.

    Contribution of Arab geographers in Middle Ages and Renaissance period in Europe
    • Arab Geographers in the Middle Ages

      अरब भूगोलवेत्ताओं ने मध्य युग में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भूगोल, जलवायु, और विविध देशों की सामरिक स्थिति पर अध्ययन किया। विभिन्न यात्राओं के माध्यम से इन्होंने नक्शे बनाए और अद्वितीय भौगोलिक जानकारी प्रस्तुत की।

    • Notable Arab Travelers

      प्रसिद्ध अरब यात्रा करने वालों में इब्न बतूता और इब्न खलदून शामिल हैं। इनके यात्रा वृत्तांतों ने तत्कालीन भूगोल और सांस्कृतिक स्थलों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।

    • Geographical Discoveries

      अरब भूगोलवेत्ताओं ने विस्तृत क्षेत्रों का पता लगाया, जैसे कि अफ्रीका, एशिया और यूरोप। इनकी खोजों ने बाद में यूरोपीय पुनर्जागरण के दौरान भूगोल के अध्ययन को नए आयाम दिए।

    • Impact on Renaissance Period in Europe

      अरब भूगोलवेत्ताओं की खोजों ने यूरोप के पुनर्जागरण काल में भूगोल के अध्ययन में महत्वपूर्ण स्थान रखा। उनके कार्यों से यूरोप में वैज्ञानिक और भौगोलिक सिद्धांतों की नींव रखी गई।

  • German school of thought - Kant, Humboldt, Ritter, Richthofen, Ratzel, Hettner French school of thought - Contribution of Blache & Brunhes.

    German and French School of Thought in Geography
    • German School of Thought

      जर्मन भूगोल के प्रमुख विचारक इम्‍मानुएल कांट थे, जिनका योगदान भौगोलिक विज्ञान के सिद्धांतों में महत्वपूर्ण था। कांट ने प्राकृतिक और मानव भूगोल के बीच के संबंध को समझने का प्रयास किया।

    • Wilhelm von Humboldt

      हम्बोल्ट ने भूगोल का अध्ययन सांस्कृतिक और भौतिक दोनों दृष्टिकोणों से किया। उनका मानना था कि भौगोलिक तत्व लोग के जीवन को प्रभावित करते हैं।

    • Karl Ritter

      रिटर ने भौगोलिक ज्ञान को विकासात्मक दृष्टिकोण से समझने की कोशिश की। उन्होंने भौगोलिक अध्ययन को एक वैज्ञानिक महत्व दिया और सामाजिक विज्ञानों के साथ इसके संबंध की व्याख्या की।

    • Richthofen

      रिच्थोफेन को भूगोल के विकास में टेरेन के प्रति ध्यान आकर्षित करने वाला समझा जाता है। उन्होंने भौगोलिक प्रक्रियाओं के अध्ययन पर जोर दिया।

    • Friedrich Ratzel

      रात्जेल ने स्थान और वातावरण के संबंध पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने मानव विकास को भौगोलिक कारकों के परिप्रेक्ष्य में समझा।

    • Hettner

      हेटनर ने भौगोलिक सिद्धांतों को औपचारिक रूप देने का कार्य किया। उन्होंने भूगोल को सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ में स्थान दिया।

  • Soviet geographers, American school - Contribution of Sample, Hunthington & Carl Sauer. British school - Contribution of Mackinder, Herbertson & L.D. Stamp.

    Soviet geographers, American school, British school - Contribution of Sample, Hunthington & Carl Sauer; Mackinder, Herbertson & L.D. Stamp
    सोवियत भूगोलज्ञों ने भूगोल के अध्ययन में अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए।
    • भौगोलिक नक्सों का विकास और उनका विश्लेषण

    • आर्थिक भूगोल में गहरा अध्ययन

    • पारिस्थितिकी और मानव भूगोल के बीच संबध स्थापित करना

    अमेरिकी स्कूल ने भूगोल के दृष्टिकोण में विविधता और नए आयाम जोड़े।
    भूगोल की सामाजिक-आर्थिक पक्षों पर ध्यान केंद्रित किया।
    संस्कृति और भूगोल के बीच संबंधों को उजागर किया।
    सांस्कृतिक भूगोल में गहरा शोध किया और पर्यावरणीय प्रभावों पर बल दिया।
    ब्रिटिश स्कूल ने भूगोल के अध्ययन में ठोस सिद्धांत और व्यवहारिक दृष्टिकोण पेश किए।
    भू-राजनीति और रणनीतिक भूगोल के सिद्धांत पर काम किया।
    भूगोल के शिक्षण और उसकी विधियों को विकसित किया।
    समाज और अर्थव्यवस्था के विकास में भूगोल की भूमिका पर कार्य किया।
  • Paradigms in Geography, Thomas Kuhn theory about the growth and development of science. Application of Kuhn Model in Geography.

    Paradigms in Geography and Thomas Kuhn's Theory of Science Growth
    • थॉमस कुहन का सिद्धांत

      थॉमस कुहन ने बताया कि विज्ञान में विकास एक क्रमबद्ध प्रक्रिया है जो सामान्य विज्ञान, संकट, क्रांति और नया सामान्य विज्ञान जैसे चरणों से गुजरती है।

    • भूगोल में वैचारिक आदान-प्रदान

      भौगोलिक सोच के विकास में विभिन्न धाराओं का योगदान होता है, जैसे कि भौतिक भूगोल, मानवीय भूगोल और आर्थिक भूगोल।

    • भूगोल में कुहन मॉडल का अनुप्रयोग

      कुहन के सिद्धांत का उपयोग भूगोल में विभिन्न पारंपरिक और आधुनिक दृष्टिकोणों के अध्ययन में किया जाता है, जिसमें नई खोजों और सिद्धांतों का अवलोकन किया जाता है।

    • भूगोल के विभिन्न विकल्प

      भूगोल में विभिन्न पद्धतियों और विकल्पों की पहचान, जैसे कि गुणात्मक और मात्रात्मक अध्ययन, नियमात्मक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण।

    • भूगोल में परिप्रेक्ष्य का परिवर्तन

      कुहन के मॉडल के तहत, भूगोल में घटनाओं और बदलावों की व्याख्या अलग-अलग संदर्भों और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के आधार पर की जाती है।

Evolution of Geographical Thought

A110602T

BA Geography

Sixth Semester

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