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Semester 2: Political Theory Concepts
Political Science Definition, Nature, Scope, Methods and Relations with Other Social Sciences
Political Science Definition, Nature, Scope, Methods and Relations with Other Social Sciences
Item
राजनीति विज्ञान का अर्थ है राजनीतिक गतिविधियों, सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अध्ययन। यह समाज में शक्ति, शासन और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को समझने का प्रयास करता है।
Item
राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जो मानव व्यवहार, राजनीतिक संस्थानों, एवं सत्ता के उनके प्रयोग का अध्ययन करता है। यह अक्सर विचारधाराओं, मूल्यों, और मानव संबंधों की अंतर्श्रवण करता है।
Item
राजनीति विज्ञान का दायरा बहुत व्यापक है। इसमें राजनीतिक सिद्धांत, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, सार्वजनिक नीति, प्रशासनिक विज्ञान, और राजनीतिक व्यवहार जैसे क्षेत्रों का समावेश होता है।
Item
राजनीति विज्ञान में विभिन्न अनुसंधान विधियाँ शामिल होती हैं जैसे गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण, केस अध्ययन, सर्वेक्षण, और ऐतिहासिक विधियाँ। ये विधियाँ राजनीतिक घटनाओं का गहन अध्ययन करने में सहायक होती हैं।
Item
राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से घनिष्ट संबंध है। यह समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, और मानवशास्त्र के साथ जुड़ा होता है। ये सभी विषय राजनीतिक घटनाओं को विभिन्न दृष्टिकोणों से समझने में मदद करते हैं।
Approaches to the study of Political Science Traditional approaches Historical, Philosophical or Normative. Modern Approaches Behavioralism Post Behavioralism
Political Science Approaches
Traditional Approaches
पारंपरिक दृष्टिकोण में मुख्य रूप से ऐतिहासिक, दार्शनिक और मानदंडात्मक दृष्टिकोण शामिल होते हैं। ये दृष्टिकोण राजनीति के सिद्धांतों और उनके विकास का अध्ययन करते हैं। ऐतिहासिक दृष्टिकोण में राजनीतिक घटनाओं का विश्लेषण किया जाता है, जबकि दार्शनिक दृष्टिकोण में राजनीतिक विचारों और सिद्धांतों की गहराई से पड़ताल की जाती है। मानदंडात्मक दृष्टिकोण में सही और गलत के आधार पर राजनीतिक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाता है।
Historical Approach
ऐतिहासिक दृष्टिकोण में राजनीतिक घटनाओं, आंदोलनों और व्यक्तित्वों का इतिहास के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है। यह दृष्टिकोण बताता है कि कैसे अतीत की घटनाएँ वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करती हैं।
Philosophical Approach
दार्शनिक दृष्टिकोण राजनीतिक विचारों के सिद्धांतिक और नैतिक पहलुओं की जांच करता है। यह सोचता है कि राजनीति केवल शक्ति का खेल नहीं है, बल्कि यह न्याय, समानता और स्वतंत्रता जैसे मूल्यों से भी संबंधित है।
Normative Approach
मानदंडात्मक दृष्टिकोण राजनीति में आदर्शों और मानकों का अध्ययन करता है। यह विश्लेषण करता है कि राजनीतिक क्रियाओं और नीतियों का मूल्य क्या है और ये संस्कारों के अनुरूप हैं या नहीं।
Modern Approaches
आधुनिक दृष्टिकोण में व्यवहारवाद और उसके बाद के व्यवहारवाद शामिल हैं। ये दृष्टिकोण राजनीति के अध्ययन में वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करते हैं।
Behavioralism
व्यवहारवाद एक ऐसा दृष्टिकोण है जो राजनीतिक गतिविधियों का अध्ययन व्यक्तियों के व्यवहार के संदर्भ में करता है। यह आंकड़े और घटनाओं के साक्ष्य पर आधारित होता है और इसे एक वैज्ञानिक दृष्टिकोन माना जाता है।
Post-Behavioralism
पोस्ट-व्यवहारवाद व्यवहारवाद की सीमाओं को स्वीकार करता है और नैतिक और मूल्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह राजनीति में निष्पक्षता के बजाय सामाजिक न्याय और समता की आवश्यकता को महत्व देता है।
State Definition and Elements, Origin theories Divine theory, Social Contract theory, Evolutionary theory. Functions of state Liberal theory, Socialist theory and Welfare theory
राज्य की परिभाषा और तत्व
राज्य एक संगठित राजनीतिक इकाई है, जिसमें एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र, स्थायी जनसंख्या, एक सरकार और अंतरराष्ट्रीय मान्यता होती है।
राज्य के चार मुख्य तत्व होते हैं: 1. भौगोलिक क्षेत्र 2. स्थायी जनसंख्या 3. सरकार 4. अंतरराष्ट्रीय मान्यता।
ईश्वरीय सिद्धांत के अनुसार राज्य भगवान के द्वारा स्थापित किया जाता है और इसकी सत्ता धार्मिक आधार पर होती है।
यह सिद्धांत कहता है कि राज्य का गठन समाज के सदस्यों के बीच एक सामाजिक अनुबंध के माध्यम से होता है।
यह सिद्धांत करता है कि राज्य का विकास समाज के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विकास के आधार पर होता है।
राज्य के मूल कार्यों में नागरिकों की सुरक्षा, सामाजिक कल्याण, wirtschaftliche विकास, और कानून व्यवस्था का निर्माण शामिल है।
लिबरल सिद्धांत के अनुसार, राज्य को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
सोशलिस्ट सिद्धांत राज्य के माध्यम से समाज की आर्थिक समानता की ओर अग्रसर होने का समर्थन करता है।
कल्याणकारी सिद्धांत के अनुसार, राज्य को अपने नागरिकों की सामाजिक और आर्थिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
Sovereignty Monism and Pluralism. Law Definition, Source, Classification. Punishment Theories of punishment
Sovereignty Monism and Pluralism
Sovereignty Ka Parichay
Sovereignty ka matlab hai ki koi bhi rajya apne aap mein poornata se svaraj rakhta hai. Iska prabhav uske niyamon aur niyamak vyavasthaon par padta hai.
Monism
Monism ka matlab hai ki rajya mein ek hi prakar ki sovereignty hoti hai. Is prakar ki soch mein, sabhi rajyon ki sovereignty ko ek maanak maan kar dekha jata hai.
Pluralism
Pluralism ka matlab hai ki ek se adhik sources ya centers of power hotay hain, jo ki vyaktitva aur samajik sanskritiyon ke anusar bante hain. Yeh alag-alag vichardharon aur sampradayon ko samman deta hai.
Kanoon ki Paribhasha
Kanoon ko wo niyam kaha jata hai jo samaj ke vyavaharik sambandhon ko niyantrit karte hain. Inhe rajya dwara lagu kiya jata hai.
Kanoon ke Srot
Kanoon ke srot mein samvidhan, vidhi (statutes), and nyayalayon ke faisle shamil hote hain. Ye srot samaj mein kanoonik vyavastha banate hain.
Kanoon ki Vargikaran
Kanoon ko vibhinn prakar se vargikrit kiya jata hai, jaise ki prashasnik kanoon, rajya kanoon, aur nyayik kanoon.
Saza ke Siddhant
Dand dene ke kai siddhant hain, jismein prathamik roop se, pradhaan shiksha, niyantrana, aur pradarshan jaise prashna sammilit hain.
Saza ke Siddhanton ki Vivaran
Saza ke pramukh siddhanto mein samuchit dant, vyakti ke sambandh mein samajik nyaya pradan karna, aur unko sudharne ki koshish shamil hai.
Liberty, Equality, Justice, Power, Rights, Duties, Political Culture, Political participation, Political development and Political Modernization
Liberty, Equality, Justice, Power, Rights, Duties, Political Culture, Political Participation, Political Development, Political Modernization
स्वतंत्रता (Liberty)
स्वतंत्रता का अर्थ है किसी भी बाहरी हस्तक्षेप के बिना अपने विचारों और कार्यों को स्वतंत्रता से व्यक्त करने का अधिकार। यह व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता है और लोकतांत्रिक समाज का आधार है।
समानता (Equality)
समानता का तात्पर्य है सभी व्यक्तियों के अधिकारों और अवसरों में समानता। यह सुनिश्चित करता है कि सभी को समान न्याय और संसाधनों तक पहुँच प्राप्त हो।
न्याय (Justice)
न्याय का अर्थ है उचित और निष्पक्ष व्यवहार। यह समाज में कानूनों के अनुसार व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करना है।
शक्ति (Power)
शक्ति का अभिप्राय है किसी स्थिति को प्रभावित करने की क्षमता। राजनीतिक शक्ति अक्सर सरकारों और संस्थाओं के माध्यम से कार्यान्वित होती है।
अधिकार (Rights)
अधिकार वे विशेषाधिकार हैं जो प्रत्येक नागरिक को कानून द्वारा प्रदान किए जाते हैं। यह मानवाधिकारों को समाहित करते हैं जो सुरक्षा, स्वतंत्रता और समानता की गारंटी करते हैं।
कर्तव्य (Duties)
कर्तव्य का अर्थ है नागरिकों के लिए जिम्मेदारियाँ। यह लोकतंत्र में भागीदारी, कानूनों का पालन और समाज के प्रति जिम्मेदारी को समाहित करता है।
राजनीतिक संस्कृति (Political Culture)
राजनीतिक संस्कृति उन मूल्यों, दृष्टिकोणों और विश्वासों का समूह है जो एक समाज में राजनीतिक जीवन को आकार देते हैं। यह चुनावी प्रक्रियाओं और राजनीतिक सहभागिता को प्रभावित करता है।
राजनीतिक भागीदारी (Political Participation)
राजनीतिक भागीदारी का तात्पर्य है नागरिकों की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी। यह चुनावों में मतदान, प्रदर्शन, और अन्य राजनीतिक क्रियाकलापों के माध्यम से हो सकता है।
राजनीतिक विकास (Political Development)
राजनीतिक विकास का अर्थ है संस्थाओं और प्रक्रियाओं में सुधार। यह राजनीतिक स्थिरता, लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना और नागरिकों की सहभागिता में वृद्धि को संदर्भित करता है।
राजनीतिक आधुनिककरण (Political Modernization)
राजनीतिक आधुनिककरण का तात्पर्य है पारंपरिक राजनीतिक और सामाजिक संरचनाओं को समकालीन प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों के साथ समायोजित करना। यह विकासशील देशों में लोकतंत्र और प्रशासनिक सुधार को बढ़ावा देता है.
Idealism, Individualism, Socialism, Capitalism, Imperialism, De colonization, Nationalism, Globalization, Feminism
Political Theory Concepts
Idealism
आदर्शवाद एक दार्शनिक विचारधारा है जो वास्तविकता के मूल तत्वों के रूप में विचारों या विचारों को मानती है। यह समाज में नैतिकता, राजनीति और धार्मिक सिद्धांतों के आदर्शों को बढ़ावा देती है। आदर्शवादी यह मानने में विश्वास करते हैं कि मानवता को उच्चतम नैतिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
Individualism
व्यक्तिवाद एक विचारधारा है जो व्यक्ति की स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय पर जोर देती है। यह मानती है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में स्वतंत्रता से चुनाव करने का अधिकार है। व्यक्तिवाद समाज में व्यक्ति के अधिकारों और उसकी स्वतंत्रता को सशक्त बनाता है।
Socialism
साम्यवाद एक आर्थिक और राजनीतिक विचारधारा है जो संसाधनों और उत्पादन के साधनों के सामूहिक स्वामित्व को स्थापित करती है। इसका उद्देश्य सामाजिक समानता और श्रमिकों की भलाई को बढ़ावा देना है। समाजवाद में सरकार का महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो आर्थिक नीतियों को निर्धारित करती है।
Capitalism
पूंजीवाद एक आर्थिक प्रणाली है जिसमें उत्पादन और वितरण के साधनों का स्वामित्व व्यक्तिगत या कॉर्पोरेट है। यह स्पष्ट रूप से निजी स्वामित्व और लाभ का सिद्धांत है। पूंजीवाद प्रतिस्पर्धा, बाजारों और व्यक्तिगत स्वार्थ पर आधारित है।
Imperialism
साम्राज्यवाद एक राजनीतिक और आर्थिक सिद्धांत है जिसके द्वारा एक राष्ट्र अपने देशों में शक्ति और प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता है। यह उपनिवेशों की स्थापना और उनके शोषण के माध्यम से होता है। साम्राज्यवाद का उद्देश्य स्रोतों और बाजारों का नियंत्रण करना है।
De-colonization
उपनिवेशीकरण की समाप्ति या आत्मनिर्णय की प्रक्रिया है जिसके तहत उपनिवेशित देश स्वतंत्रता प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तेजी से बढ़ी जब कई अफ्रीकी और एशियाई देशों ने अपने उपनिवेशों से स्वतंत्रता प्राप्त की।
Nationalism
राष्ट्रवाद एक राजनीतिक विचारधारा है जो एक राष्ट्र की पहचान और एकता पर जोर देती है। यह विचारधारा नागरिकों के बीच एकता और सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भाषाई समानता पर ध्यान केंद्रित करती है। राष्ट्रवाद किसी विशेष संस्कृति, जाति या क्षेत्र की सर्वोच्चता की भावना पैदा करता है।
Globalization
वैश्वीकरण एक प्रक्रिया है जो देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देती है। यह तकनीकी विकास, परिवहन और संचार की प्रगति के कारण संभव हुआ है। वैश्वीकरण का उद्देश्य विश्व स्तर पर लोगों और देशों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है।
Feminism
नारीवाद एक सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन है जो महिलाओं के अधिकारों, समानता और भलाई के लिए लड़ता है। यह सुझाव देता है कि महिलाओं को समान अवसर, समानता और शक्ति का अधिकार है। नारीवाद का लक्ष्य समाज में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना है।
Parliamentary System, Presidential System, Federal vs Unitary, Political Parties, Pressure Groups, Organs of Govt Executive, Legislature, Judiciary
Political Theory Concepts
Parliamentary System
संसदीय प्रणाली एक राजनीतिक प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका विधायिका से जवाबदेह होती है। इसमें प्रधानमंत्री और मंत्रियों का चयन विधायिका द्वारा किया जाता है और राष्ट्रपति या अन्य प्रमुख कार्यकारी का केवल औपचारिक कार्य होता है।
Presidential System
राष्ट्रपति प्रणाली में राष्ट्रपति कार्यपालिका का प्रमुख होता है और विधायिका से स्वतंत्र होता है। इसमें राष्ट्रपति का चयन आम चुनावों द्वारा होता है और वह कानूनों को बनाते और लागू करते हैं।
Federal vs Unitary
संघीय प्रणाली में शक्ति विभिन्न स्तरों पर विभाजित होती है, जैसे कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच। यूनिटरी प्रणाली में सभी शक्ति एक केंद्रीय सरकार के पास होती है, जो आवश्यकतानुसार स्थानीय निकायों को अधिकार दे सकती है।
Political Parties
राजनीतिक पार्टियाँ समूहों का गठन करती हैं जो राजनीतिक शक्ति और सत्ता प्राप्ति के उद्देश्य से कार्य करती हैं। ये विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करती हैं और चुनावों में भाग लेती हैं।
Pressure Groups
दबाव समूह वे संगठन होते हैं जो नीतियों और कानूनों पर प्रभाव डालने के लिए काम करते हैं लेकिन चुनावी प्रक्रिया में सीधे शामिल नहीं होते। ये विभिन्न मुद्दों पर अपने हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Organs of Govt
सरकार के अंग तीन मुख्य शाखाओं में विभाजित होते हैं: कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका। कार्यपालिका कानूनों को लागू करती है, विधायिका कानून बनाती है और न्यायपालिका कानूनों की व्याख्या और संरक्षण करती है।
Executive
कार्यपालिका सरकार का वह अंग है जो नीतियों को लागू करता है और प्रशासनिक कार्य करता है। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री शामिल होते हैं।
Legislature
विधायिका वह अंग है जो कानून बनाता है और सरकारी नीतियों पर चर्चा करता है। इसमें दो सदनों की प्रणाली (दो सदन) हो सकती है, जैसे कि लोकसभा और राज्यसभा।
Judiciary
न्यायपालिका कानूनी विवादों को सुलझाने और कानूनों की व्याख्या करने का कार्य करती है। यह संविधान की रक्षा करती है और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है.
Constitution, Constitutionalism Democracy, Public Opinion, Social Justice, Secularism, Decentralization, Theories of Representation
Political Theory Concepts
संविधान (Constitution)
संविधान एक लिखित दस्तावेज है जो किसी देश की राजनीतिक संरचना, मूल अधिकारों, और नागरिकों के कर्तव्यों को निर्धारित करता है। यह सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों और उनके कार्यों को सीमित करता है।
संविधानिकता (Constitutionalism)
संविधानिकता का अर्थ है कि राज्य की शक्ति संविधान के नियमों के अनुसार संचालित होनी चाहिए। यह शासन को कानूनी सीमा में बाँधता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।
लोकतंत्र (Democracy)
लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें जनता का शासन होता है। इसमें मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चयन करते हैं और सरकार के निर्णयों में भाग लेते हैं।
जन राय (Public Opinion)
जन राय उन विचारों और दृष्टिकोणों का समूह है जो जनता के बीच प्रचलित होते हैं। यह राजनीतिक निर्णयों और नीतियों को प्रभावित कर सकता है।
समाजिक न्याय (Social Justice)
सामाजिक न्याय का अर्थ है समानता, निष्पक्षता, और हर व्यक्ति को उसके अधिकारों का संरक्षण। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को उनके मूलभूत अधिकार मिलें।
धर्मनिरपेक्षता (Secularism)
धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य किसी भी धर्म के प्रति पक्षपाती नहीं है। यह सभी धर्मों के प्रति सम्मान और समानता की भावना को प्रोत्साहित करता है।
केंद्रित और विकेंद्रित शासन (Decentralization)
विकेंद्रीकरण का अर्थ है शासन का स्थानीय स्तर पर वितरण। इससे स्थानीय समुदायों को अपने मुद्दों पर अधिक नियंत्रण और निर्णय लेने की क्षमता मिलती है।
प्रतिनिधित्व के सिद्धांत (Theories of Representation)
प्रतिनिधित्व के सिद्धांत यह बताते हैं कि कैसे और क्यों राजनीतिक प्रतिनिधि जनता के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसमें विभिन्न मॉडल शामिल हैं जैसे कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व।
