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Semester 5: Principles of Public Administration

  • Meaning, nature, Scope and Significance of Public Administration, Public and Private Administration

    Meaning, nature, Scope and Significance of Public Administration, Public and Private Administration
    • Meaning of Public Administration

      सार्वजनिक प्रशासन का अर्थ सरकार द्वारा नागरिकों के कल्याण के लिए नीतियों और कार्यक्रमों का निर्माण और कार्यान्वयन करना है। यह प्रशासनिक प्रक्रिया और संगठनों का समुचित प्रबंधन है।

    • Nature of Public Administration

      सार्वजनिक प्रशासन की प्रकृति में इसकी सार्वजनिकता, कार्यकारी औपचारिकता, और नागरिकों के प्रति जवाबदेही शामिल हैं। यह लोकतांत्रिक और प्रशासनिक एकता का प्रतीक है।

    • Scope of Public Administration

      सार्वजनिक प्रशासन का क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसमें नीति निर्माण, कार्यान्वयन, सेवाओं का प्रबंधन, बजट निर्माण, और नागरिकों की भागीदारी शामिल हैं। यह सभी सरकारी गतिविधियों को प्रभावित करता है।

    • Significance of Public Administration

      सार्वजनिक प्रशासन का महत्व समाज में स्थिरता, विकास, और न्याय सुनिश्चित करने में है। यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और सामाजिक समस्याओं के समाधान में सहायता करता है।

    • Difference between Public and Private Administration

      सार्वजनिक प्रशासन सरकार से संबंधित होता है जबकि निजी प्रशासन व्यावसायिक संस्थानों से संबंधित होता है। सार्वजनिक प्रशासन का उद्देश्य जनहित है, जबकि निजी प्रशासन का उद्देश निरंतरता और लाभ प्राप्त करना है।

    • Interrelation between Public and Private Administration

      सार्वजनिक और निजी प्रशासन के बीच एक संबंध है, जहाँ निजी क्षेत्र सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सहायता कर सकता है। दोनों का सहयोग सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है.

  • Types, Bases and Principles of Organization, Theories of Organization Scientific Management, Classical theory, Max Webers Theory of Bureaucracy, Human Relations Theory, Ecological Theory

    संस्थान के प्रकार, आधार और सिद्धांत
    • संस्थान के प्रकार

      संस्थान के कई प्रकार होते हैं जैसे कि औपचारिक और अनौपचारिक संस्थान। औपचारिक संस्थान सरकारी, गैर-सरकारी, शैक्षिक और व्यावसायिक हो सकते हैं।

    • संस्थान के आधार

      संस्थानों के आधार में संगठनात्मक संरचना, साधनों का प्रबंध, और संसाधनों का उचित उपयोग शामिल होते हैं।

    • संस्थान के सिद्धांत

      संस्थान के सिद्धांतों में स्थापना के उद्देश्य, लक्ष्य और कार्यप्रणाली की पहचान होती है।

    • वैज्ञानिक प्रबंधन

      वैज्ञानिक प्रबंधन का सिद्धांत कार्य के प्रत्येक पहलू को वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधित करके कार्यकुशलता बढ़ाने पर आधारित है।

    • क्लासिकल सिद्धांत

      क्लासिकल सिद्धांत में संगठनात्मक संरचना और प्रबंधन की पारंपरिक विधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

    • मैक्स वेबर का ब्यूक्रेसी सिद्धांत

      मैक्स वेबर के ब्यूक्रेसी सिद्धांत में स्पष्ट संगठनात्मक ढांचे, पदानुक्रम, और नियमों का पालन किया जाता है।

    • मानव संबंध सिद्धांत

      मानव संबंध सिद्धांत में कर्मचारियों के बीच सामाजिक संबंधों का महत्व दशार्ता है और इसके आधार पर कार्यकुशलता बढ़ाने की कोशिश की जाती है।

    • पारिस्थितिकीय सिद्धांत

      पारिस्थितिकीय सिद्धांत में संस्थानों का बाहरी वातावरण के साथ संबंध और उसकी अनुकूलता पर ध्यान दिया जाता है।

  • Chief Executive Types and Function, Line, Staff, Departments, Public Corporation, Boards and commissions Independent Regulatory Commissions

    Chief Executive Types and Function
    • Chief Executive Officer (CEO)

      मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) किसी संगठन का सबसे उच्च पदाधिकारी होता है। ये संगठन की सभी गतिविधियों की दिशा निर्धारित करते हैं और प्रमुख निर्णय लेते हैं।

    • Line Executives

      लाइन कार्यकारी वे लोग होते हैं जो सीधे उत्पादन या सेवा प्रदान करने के लिए उत्तरदाई होते हैं। ये संगठन की दैनिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • Staff Executives

      स्टाफ कार्यकारी सलाहकार भूमिका में होते हैं। ये संगठन के विभिन्न विभागों को समर्थन और सलाह प्रदान करते हैं।

    • Departments

      विभाग एक संगठन के कार्यों को विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित करते हैं, जैसे मानव संसाधन, वित्त, विपणन आदि। प्रत्येक विभाग का अपना प्रमुख और कार्य होता है।

    • Public Corporations

      जनता के हित में संचालित कंपनियों को सार्वजनिक निगम कहा जाता है। ये निगम सरकारी स्वामित्व में होते हैं और सामाजिक सेवाएँ प्रदान करते हैं।

    • Boards and Commissions

      बोर्ड और आयोग ऐसे निकाय होते हैं जो विशेष कार्यों के लिए बनाए जाते हैं। ये नीति निर्धारण और संचालन में सहायता करते हैं।

    • Independent Regulatory Commissions

      स्वतंत्र नियामक आयोग ऐसे आयोग होते हैं जो सरकारी नियंत्रण से स्वतंत्र होते हैं। ये जनहित में नियम और विनियम बनाते हैं।

  • Concept of Budget, Formation Execution of Budget, Account and Audit

    Budget का सिद्धांत, निर्माण, कार्यान्वयन, लेखा और लेखा परीक्षा
    • बजट की परिभाषा

      बजट एक वित्तीय योजना है जो किसी संगठन की आय और व्यय को दर्शाता है। यह आर्थिक संसाधनों के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

    • बजट का महत्व

      बजट का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का कुशलता से उपयोग करना और भविष्य की योजनाओं के लिए एक स्पष्ट दिशा प्रदान करना है। यह वित्तीय नियंत्रण और रिपोर्टिंग में मदद करता है।

    • बजट का निर्माण

      बजट निर्माण की प्रक्रिया में योजना बनाना, अनुमानित आय और व्यय की पहचान, और विभिन्न stakeholders के साथ समन्वय शामिल होता है। यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है जिसमें पूर्वानुमान, अनुमोदन, और संशोधन शामिल होते हैं।

    • बजट का कार्यान्वयन

      बजट का कार्यान्वयन बजट के अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन करना होता है। इसमें आय और व्यय को नियंत्रित करना और सुनिश्चित करना शामिल है कि सभी गतिविधियाँ बजट की सीमाओं के भीतर हों।

    • बजट का लेखा

      बजट लेखा वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा विभिन्न खर्चों और आय को दर्ज किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी वित्तीय लेन-देन सही और पारदर्शी हैं।

    • बजट की लेखा परीक्षा

      बजट की लेखा परीक्षा उन प्रक्रियाओं का एक सेट है जो यह सुनिश्चित करता है कि बजट का कार्यान्वयन सही ढंग से हुआ है। यह वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाता है।

  • Administrative Law, Administrative Tribunals

    Administrative Law and Administrative Tribunals
    • प्रशासनिक कानून की परिभाषा

      प्रशासनिक कानून वह कानून है जो प्रशासनिक कार्यों, अधिकारियों और संस्थानों के अधिकारों तथा उनके न्यायिक नियंत्रण को निर्धारित करता है। यह कानून प्रशासन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कार्य न्यायसंगत रूप से किए जाएं।

    • प्रशासनिक tribunals की भूमिका

      प्रशासनिक tribunals विशेष न्यायालय होते हैं जो प्रशासनिक कानून के तहत विवादों का निपटारा करते हैं। ये tribunals तत्कालिक और विशेषज्ञता आधारित न्याय प्रदान करते हैं, जो नागरिकों को त्वरित और सस्ता न्याय दिलाने में सहायक होते हैं।

    • प्रशासनिक अधिकार और जिम्मेदारियाँ

      प्रशासनिक अधिकारियों के पास जनता से जुड़ी सेवाओं को प्रदान करने के लिए विशेष अधिकार होते हैं। इन अधिकारों में निर्णय लेने, नीति बनाने और नियमों को लागू करने की क्षमता शामिल होती है। साथ ही, इनके खिलाफ भी निगरानी और अपील की प्रक्रियाएं होती हैं।

    • प्रशासनिक न्याय

      प्रशासनिक न्याय का तात्पर्य है उन प्रक्रियाओं से जो प्रशासनिक निर्णयों के खिलाफ अपील, पुनरीक्षण या समीक्षा की सुविधा देती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

    • प्रशासनिक tribunals का गठन

      प्रशासनिक tribunals का गठन विशेष अधिनियमों के माध्यम से किया जाता है। इन tribunals की रचना और कार्यक्षेत्र का निर्धारण उस अधिनियम में किया जाता है, जिससे यह स्थापित होते हैं।

    • प्रशासनिक कानून का महत्व

      प्रशासनिक कानून का महत्व इसलिए है कि यह सरकारी गतिविधियों को पारदर्शी बनाता है और नागरिकों को उनके अधिकारों की रक्षा करता है। यह सरकार और जनता के बीच एक सामंजस्य स्थापित करता है।

  • New public administration, New Public Management and Good Governance

    नया लोक प्रशासन, नया सार्वजनिक प्रबंधन और अच्छा शासन
    • नया लोक प्रशासन

      नया लोक प्रशासन पारंपरिक लोक प्रशासन के सिद्धांतों में बदलाव लाने का प्रयास है। यह अधिक लोकतांत्रिक, पारदर्शी और उत्तरदायी दृष्टिकोण के माध्यम से नागरिकों की सेवा करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

    • नया सार्वजनिक प्रबंधन

      इस सिद्धांत का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र में व्यापारिक दृष्टिकोण अपनाना है। यह दक्षता, प्रभावशीलता और सेवा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करता है। यह सुधारों की दिशा में नेताओं और प्रबंधकों के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देता है।

    • अच्छा शासन

      अच्छा शासन नीतियों और प्रक्रियाओं का एक सेट है जो वास्तविक लोकतंत्र, जिम्मेदारी और समर्पण के सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करता है। यह सुनिश्चित करता है कि शासन के सभी तत्व प्रभावी और पारदर्शी रूप से कार्य करें।

    • संदर्भ और प्रभाव

      नया लोक प्रशासन और नया सार्वजनिक प्रबंधन दोनों अच्छे शासन के सिद्धांतों को लागू करने का माध्यम हैं। इनका उद्देश्य समाज में विश्वास, उत्तरदायित्व और नैतिकता को बढ़ावा देना है।

  • Development administration, Concept of Administrative Development, Relationship Between Political and Permanent Executive

    Development administration, Concept of Administrative Development, Relationship Between Political and Permanent Executive
    • Development Administration

      विकास प्रशासन का अर्थ है उन सभी प्रशासनिक उपायों और प्रक्रियाओं का समुच्चय, जो आर्थिक और सामाजिक विकास को सुगम बनाने के लिए बनाए जाते हैं। इसमें योजना बनाना, कार्यान्वयन और प्रभाव मूल्यांकन शामिल हैं। विकास प्रशासन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।

    • Concept of Administrative Development

      प्रशासनिक विकास का तात्पर्य प्रशासनिक तंत्र की क्षमता में सुधार से है। यह क्षमता निर्माण, संसाधनों का प्रभावी उपयोग, और प्रशासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ाने से संबंधित है। प्रशासनिक विकास का लक्ष्य एक कुशल, प्रभावी और समर्पित प्रशासनिक तंत्र स्थापित करना है।

    • Relationship Between Political and Permanent Executive

      राजनीतिक और स्थायी कार्यकारी के बीच संबंध प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली को समझने में महत्वपूर्ण है। राजनीतिक कार्यकारी का प्रतिनिधित्व चुनावी अधिकारियों द्वारा किया जाता है, जबकि स्थायी कार्यकारी का प्रतिनिधित्व पेशेवर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाता है। ये दोनों कार्यकारी एक दूसरे पर निर्भर करते हैं, और उनके बीच सहयोग से प्रशासनिक निर्णय और नीतियां प्रभावी बनती हैं।

    • Conclusion

      विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास के सिद्धांतों को समझना आवश्यक है ताकि राजनीतिक और स्थायी कार्यकारी के बीच सामंजस्य को बढ़ावा दिया जा सके। यह प्रशासनिक तंत्र को मजबूत बनाने और विकासात्मक लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होता है।

  • Evolution of Indian Administration Ancient, Medieval, Modern

    Evolution of Indian Administration
    • प्राचीन भारत की प्रशासनिक व्यवस्था

      प्राचीन भारत में प्रशासनिक व्यवस्था मुख्यतः राजा और उसके मंत्रियों के चारों ओर केंद्रित थी। साम्राज्य की स्थिति के अनुसार विभिन्न प्रकार के शासन प्रणाली थी, जैसे कि मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य। इन साम्राज्य में सामाना अधीनता, स्थानीय स्वराज और न्याय प्रणाली की विशेषताएँ थीं।

    • मध्यकालीन भारत का प्रशासन

      मध्यकालीन भारत में प्रशासनिक व्यवस्था में मुगलों का प्रभाव प्रमुख था। मुगलों ने अपनी प्रशासनिक प्रणाली में सिविल सेवा और सैन्य विभाग की स्थापना की। वे स्थानीय स्तर पर नायब, किश्त और मंडल स्तर के अधिकारियों के माध्यम से शासन करते थे।

    • आधुनिक भारतीय प्रशासन

      ब्रिटिश राज के दौरान भारतीय प्रशासन में कई परिवर्तन हुए। भारतीय प्रशासन को न्यायिक, पुलिस, और कर संग्रहण के ढाँचे में विभाजित किया गया। 1857 के विद्रोह के बाद प्रशासन की संरचना में सुधार के लिए कई आयोगों का गठन हुआ। स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान के तहत प्रशासनिक प्रणाली को लोकतांत्रिक रूप दिया गया।

Principles of Public Administration

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