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Semester 1: Cell Biology and Genetics

  • Introduction and history of Biotechnological science with special reference to contribution of Indian scholars in biological sciences

    Introduction and history of Biotechnological science with special reference to contribution of Indian scholars in biological sciences
    • Biotechnological science का परिचय

      जीविका विज्ञान की एक शाखा, जो जीवों और उनके कार्यों का उपयोग करके उत्पादों और प्रक्रियाओं को विकसित करने का अध्ययन करता है। इसमें जीन संशोधन, कोशिका संस्कृति, और अन्य बायो-प्रौद्योगिकीय तकनीकों का समावेश होता है।

    • Biotechnology का इतिहास

      बायोटेक्नोलॉजी की जड़ें प्राचीन समय में हैं जब मानव ने कृषि के लिए पौधों का चयन किया और जानवरों का पालतू बनाना शुरू किया। आधुनिक बायोटेक्नोलॉजी का आरंभ 20वीं सदी के मध्य में हुआ, जब जीन का अध्ययन किया जाने लगा।

    • भारतीय विद्वानों का योगदान

      भारत ने बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रसारक, कृषिविज्ञानी और जैव प्रौद्योगिकी में अनुसंधान करने वाले भारतीय विद्वानों ने कई सफल परियोजनाएँ संचालित की हैं, जैसे कि बायोफर्टिलizers और जेनेटिकली संशोधित फसलों का विकास।

    • प्रमुख संस्थान और शोध

      भारतीय बायोटेक्नोलॉजी अनुसंधान संस्थान (Institute of Biotechnology Research) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) जैसी संस्थाएँ उत्कृष्ट अनुसंधान कर रही हैं। इन संस्थानों के विद्वानों ने कई नवाचारों में भाग लिया है जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।

    • बायोटेक्नोलॉजी का भविष्य

      भारतीय बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। इसके तकनीकी विकास और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए सरकारले निवेश बढ़ाने की योजना बनाई है।

  • Prototype structure of animal, plant and bacterial cells, Diversity of cell size and shape, Cell theory, C-value paradox, Cell Membrane: Chemical components of biological membranes, organization and Fluid Mosaic Model, and membrane transport, Cytoskeleton and Extra cellular matrix

    Cell Biology and Genetics
    • Prototype structure of animal, plant, and bacterial cells

      पौधों, जानवरों और बैक्टीरियल कोशिकाओं की संरचना में प्रमुख भिन्नताएँ हैं। जानवरों की कोशिकाएँ आमतौर पर गोल होती हैं, जबकि पौधों की कोशिकाएँ आकार में अधिक चौड़ी और दीर्घ होती हैं। बैक्टीरियल कोशिकाएँ सरलतम संरचना की होती हैं, जिनमें सेल वॉल और प्लाज्मा मेम्ब्रेन होते हैं।

    • Diversity of cell size and shape

      कोशिकाओं का आकार और आकार विविधता में भिन्नता होती है। यह आकार, कार्य और जैविक वातावरण पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, तंत्रिका कोशिकाएँ लंबी होती हैं जबकि एरीथ्रोसाइट्स गोलाकार होती हैं।

    • Cell theory

      कोशिका सिद्धांत के अनुसार, सभी जीवित जीवों की कोशिकाएँ कोशिकाओं से बनी होती हैं। यह सिद्धांत कोशिका विकास और विभाजन के मूलभूत ज्ञान को परिभाषित करता है।

    • C-value paradox

      C-मूल्य विरोधाभास यह दर्शाता है कि अधिक जटिल जीवों में हमेशा अधिक DNA नहीं होता है। यह दिखाता है कि जीन की संख्या और जीव के आकार का संबंध सीधे नहीं होता।

    • Cell Membrane: Chemical components of biological membranes

      कोशिका की झिल्ली मुख्य रूप से लिपिड, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से बनी होती है। इनकी संरचना और संगठन कोशिका के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • Organization and Fluid Mosaic Model

      तरल मोज़ेक मॉडल के अनुसार, कोशिका की झिल्ली एक गतिशील और फ्लुइड संरचना है, जहाँ लिपिड और प्रोटीन एक-दूसरे के बीच स्वतंत्र रूप से चलते हैं।

    • Membrane transport

      कोशिका की झिल्ली के माध्यम से पदार्थों का परिवहन विभिन्न तरीकों से होता है, जैसे सक्रिय और निष्क्रिय परिवहन। यह प्रक्रिया कोशिका के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वह अपने पर्यावरण से पोषक तत्वों और अपशिष्ट उत्पादों का आदान-प्रदान कर सके।

    • Cytoskeleton

      साइटोस्केलेटन कोशिका के अंदर एक जटिल नेटवर्क है जो आकार, स्थिरता और गतिशीलता में मदद करता है।

    • Extracellular matrix

      एक्स्ट्रासेलुलर मैट्रिक्स विभिन्न प्रकार के प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेटों का जटिल मिश्रण है जो कोशिकाओं के बीच के स्थान को भरता है और कोशिकाओं के बीच संचार को सुविधाजनक बनाता है.

  • Structure and Function of Cell organelles: Lysosomes, Vacuoles and micro bodies, Ribosomes, Mitochondria, Chloroplasts, Nucleus

    Cell organelles: Structure and Function
    • Lysosomes

      लिजोसोम सेल में स्थित एक प्रकार के ऑर्गेनेल होते हैं जो उत्प्रेरकों का कार्य करते हैं। ये कोशिका के अपशिष्ट पदार्थों को खाने और उन्हें नष्ट करने में मदद करते हैं। लिजोसोम में एंजाइम होते हैं जो प्रोटीन, वसायुक्त पदार्थ और अन्य जैविक अवशेषों को तोड़ते हैं।

    • Vacuoles and Microbodies

      वैक्यूओल्स बड़े, तरल से भरे गुहाएं होती हैं जो कोशिका में पोषक तत्वों, अपशिष्ट और अन्य पदार्थों को संग्रहित करती हैं। सूक्ष्म शरीर कोशिका के भीतर छोटी संरचनाएँ होती हैं जो विशेष कार्य करती हैं, जैसे कि पेरॉक्सिसोम, जो हाइड्रोजन पेरोक्साइड को तोड़ने में मदद करते हैं।

    • Ribosomes

      राइबोसोम प्रोटीन का निर्माण करते हैं। ये सेल के सायटोप्लाज्म में या एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम पर स्थित होते हैं। राइबोसोम एमआरएनए की जानकारी को पढ़ते हैं और उसके अनुसार एमिनो एसिड को जोड़कर प्रोटीन बनाते हैं।

    • Mitochondria

      माइटोकॉन्ड्रिया को सेल की ऊर्जा का केंद्र कहा जाता है। ये एरोबिक श्वसन की प्रक्रिया में ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया में दो परतें होती हैं और इनके पास जीन भी होते हैं।

    • Chloroplasts

      क्लोरोप्लास्ट पौधों और एल्गी जैसी जीवों में होते हैं और इनका कार्य प्रकाश संश्लेषण करना है। ये हरे रंग के पिगमेंट क्लोरोफिल से भरे होते हैं जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।

    • Nucleus

      न्यूक्लियस कोशिका का नियंत्रण केंद्र है, जो डीएनए को संचित करता है। यह कोशिका की वृद्धि, विकास और विभाजन को नियंत्रित करता है। न्यूक्लियस में न्यूक्लियर膜, क्रोमोसोम और न्यूक्लियोलस होता है।

  • Chromosome structure: chromatin and chromosomes organization, euchromatin and heterochromatin, nucleosome, metaphase chromosome, genes and chromosomes, DNA as genetic material, Structure of DNA, Structural and numerical changes in human chromosomes and ploidy in plants, Mutations: Types of mutations, spontaneous and induced mutations, Physical and chemical mutagens

    Chromosome structure and mutations
    • Chromosome Structure

      क्रोमोसोम संरचना मुख्यतः क्रोमेटिन और क्रोमोसोम संगठन पर आधारित होती है। क्रोमेटिन, जो कि डीएनए और प्रोटीन का मिश्रण होता है, कोशिका के नाभिक में पाया जाता है। इसे दो प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है: युक्रोमेटिन और हेटेरोक्रोमेटिन।

    • Euchromatin and Heterochromatin

      युक्रोमेटिन खुला और सक्रिय होता है, जिसमें आमतौर पर जीन सक्रिय होते हैं। जबकि हेटेरोक्रोमेटिन घना और कम सक्रिय रहता है, जो जीन की अभिव्यक्ति को रोकता है।

    • Nucleosome

      न्यूक्लियोज़ोम डीएनए का एक संरचनात्मक इकाई है, जिसमें डीएनए को छोटा आकार देने के लिए हिस्टोन प्रोटीन के चारों ओर लपेटा जाता है। यह जीन की अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने में मदद करता है।

    • Metaphase Chromosome

      मेटाफेज क्रोमोसोम वह अवस्था होती है जब क्रोमोसोम विभाजन के दौरान सबसे संकुचित रूप में होते हैं। इस स्थिति में, क्रोमोसोम्स को आसानी से देखना और अध्ययन करना संभव होता है।

    • Genes and Chromosomes

      जीन क्रोमोसोम पर स्थित होते हैं और आनुवंशिक जानकारी को संचारित करते हैं। मानव में 46 क्रोमोसोम होते हैं, जिनमें 23 मातृ और 23 पितृ संतान।

    • DNA as Genetic Material

      डीएनए आनुवंशिक सामग्री के रूप में कार्य करता है, जो जैविक जानकारी को संग्रहीत और संचरित करता है। इसका निर्माण न्यूक्लियोटाइड्स से होता है।

    • Structure of DNA

      डीएनए का ढांचा डबल हेलिक्स के रूप में जाना जाता है, जिसमें शुगर-फॉस्फेट हड्डी और नाइट्रोजेनेस बेस होते हैं। एडेनिन-थाइमिन और ग्वानिन-साइटोसिन जोड़े बनाते हैं।

    • Structural and Numerical Changes in Human Chromosomes

      मानव क्रोमोसोम में संरचनात्मक और संख्या संबंधी परिवर्तन हो सकते हैं, जैसे क्रोमोसोमल विकार और प्लॉइडी।

    • Ploidy in Plants

      प्लांट्स में प्लॉइडी विभिन्न प्रकारों में पाया जाता है, जैसे हाप्लॉइड, डिप्लॉइड और पॉलीप्लॉइड। यह पौधों की विकासात्मक और अनुवांशिक विशेषताओं को प्रभावित करता है।

    • Mutations

      म्यूटेशन आनुवंशिक सामग्री में परिवर्तन हैं। ये स्वाभाविक या प्रेरित हो सकते हैं। स्वाभाविक म्यूटेशन सामान्य आनुवंशिक प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं, जबकि प्रेरित म्यूटेशन बाहरी कारकों के कारण होते हैं।

    • Types of Mutations

      म्यूटेशन के प्रकार में बिंदु म्यूटेशन, परिवर्तन, डिलीशन, और डुप्लिकेशन शामिल हैं।

    • Physical and Chemical Mutagens

      भौतिक एवं रासायनिक म्यूटेजन्स, जैसे कि विकिरण और रसायन, म्यूटेशन का कारण बन सकते हैं और आनुवंशिक विविधता को प्रभावित कर सकते हैं।

  • Cell cycle, Cancer and Cell Signaling: Cell Cycle: Mitosis and Meiosis, Control points in cell-cycle progression, Cell senescence and programmed cell death, Cancer – chromosomal disorders, oncogenes and tumor suppressor genes, Introduction to cell signalling and cell–cell interaction

    Cell cycle, Cancer and Cell Signaling
    • Cell Cycle

      कोशिका चक्र के दौरान कोशिकाएँ विभाजित होती हैं। इसमें दो प्रमुख प्रक्रियाएँ शामिल हैं: मीटोसिस और मीओसिस। मीटोसिस में एक कोशिका दो समान कोशिकाओं में विभाजित होती है, जबकि मीओसिस में चार अनसमान gametes बनते हैं।

    • Control Points in Cell-Cycle Progression

      कोशिका चक्र में नियंत्रण बिंदु महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे G1, G2 और M चक्र। ये बिंदु सुनिश्चित करते हैं कि कोशिका विभाजन के लिए सही समय और स्थिति में है। यदि कोई समस्या होती है, तो कोशिका चक्र रुक सकता है।

    • Cell Senescence and Programmed Cell Death

      कोशिका वृद्धावस्था कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया है, जिसमें वे विभाजन करना बंद कर देती हैं। प्रोग्राम्ड सेल डेथ, जिसे एपॉप्टोसिस भी कहा जाता है, कोशिकाओं की स्वचालित मृत्यु की प्रक्रिया है जो कि शरीर के लिए आवश्यक होती है।

    • Cancer and Chromosomal Disorders

      कैंसर एक जटिल बीमारी है जो असामान्य कोशिका विभाजन के कारण होती है। गुणसूत्रों की गड़बड़ी जैसे कि trisomy या monosomy कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • Oncogenes and Tumor Suppressor Genes

      ऑनकोजीन वह जीन होते हैं जो कोशिकाओं के असामान्य विभाजन को बढ़ावा देते हैं, जबकि ट्यूमर दबाने वाले जीन उन विभाजनों को रोकने में मदद करते हैं। इनके संतुलन में कोई गड़बड़ी कैंसर का कारण बन सकती है।

    • Cell Signaling

      कोशिका संकेतन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाएँ एक-दूसरे के साथ संवाद करती हैं। यह विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है और कोशिका वृद्धि और विभाजन में मदद करता है।

    • Cell-Cell Interaction

      कोशिकाएँ आपस में जुड़कर तंतु, ऊतक और अंग बनाती हैं। यह इंटरैक्शन विविध जैविक कार्यों में योगदान देता है, जैसे कि विकास और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली।

  • Mendelian and nonmendelian genetics: Historical developments, Organisms for genetic experimentation, Mendelian genetics, Allelic interactions: dominance, recessiveness, incomplete dominance, co-dominance, semi-dominance, pleiotropy, Sex determination and sex linkage

    Mendelian and Non-Mendelian Genetics
    • Historical Developments

      मेंडेलियन आनुवंशिकी का विकास ग्रेगर मेंडेल द्वारा किया गया था, जिन्होंने 1865 में अपने प्रयोगों को प्रस्तुत किया। मेंडेल के प्रयोग ने आनुवंशिकी के मूल सिद्धांतों की स्थापना की। बाद में, 20वीं शताब्दी में, अन्य वैज्ञानिकों ने गैर-मेंडेलियन आनुवंशिकी पर शोध किया और विभिन्न जटिलताओं को उजागर किया।

    • Organisms for Genetic Experimentation

      मेंडेल के प्रयोग में मटर के पौधों का उपयोग किया गया। इसके अलावा, सूदिंग, फल फल्गो, और चूहों जैसे अन्य जीवों का भी आनुवंशिक प्रयोगों में उपयोग किया जाता है।

    • Mendelian Genetics

      मेंडेलियन आनुवंशिकी में प्रमुख सिद्धांत हैं: गुणसूत्रों का पृथक्करण और स्वतंत्र संयोजन। यह सिद्धांत यह समझाता है कि किस प्रकार प्राथमिक गुण वंशानुक्रम में जाते हैं।

    • Allelic Interactions

      ऐलिक इंटरएक्शन में विभिन्न प्रकार की संलग्नता होती है जैसे: 1. **Dominance**: एक ऐलील दूसरे पर हावी होता है। 2. **Recessiveness**: एक ऐलील पृष्ठभूमि में छिपा रहता है। 3. **Incomplete Dominance**: दोनों ऐलील का प्रभाव मिलकर एक मध्यवर्ती स्वरूप उत्पन्न करते हैं। 4. **Co-dominance**: दोनों ऐलील का समरूप प्रभाव होता है। 5. **Semi-dominance**: एक ऐलील का प्रभाव केवल सीमा तक होता है। 6. **Pleiotropy**: एक जीन कई लक्षणों को प्रभावित करता है।

    • Sex Determination and Sex Linkage

      लिंग निर्धारण मुख्य रूप से जीन के संयोजन पर निर्भर करता है। स्त्री और पुरुष के chromosomes में अंतर होता है। लिंग से जुड़ी विशेषताएँ लिंग-लिंक्ड जीन द्वारा नियंत्रित होती हैं।

  • Linkage, crossing over and population genetics: Linkage, crossing–over, chromosome and genetic mapping, Extra chromosomal inheritance, Genetic Code, Mutations, Evolution and population genetics: Hardy Weinberg law, allelic and genotype frequencies, evolutionary genetics, natural selection

    Linkage, crossing over and population genetics
    • Linkage

      लिंकज का मतलब है जीन के निकटता का सिद्धांत। जब जीन एक ही क्रोमोसोम पर होते हैं, तो उन्हें लिंक किया जाता है। लिंकज ने उन जीन के संचरण को प्रभावित किया जो एक साथ विरासत में प्राप्त होते हैं।

    • Crossing Over

      क्रॉसिंग ओवर वह प्रक्रिया है जिसमें समकक्ष क्रोमोसोम पर जीन एक दूसरे के साथ बदलते हैं। यह प्रक्रिया जीन विविधता का एक प्रमुख स्रोत है, जो प्रजनन के समय होती है, खासकर मीओसिस के दौरान।

    • Chromosome and Genetic Mapping

      क्रोमोसोम्स जीन का संगठन करते हैं और उनका अध्ययन जीन के स्थान का निर्धारण करने में मदद करता है। जीन के मानचित्रण से वैज्ञानिक यह समझ पाते हैं कि कौन से जीन एक साथ विरासत में आते हैं।

    • Extra Chromosomal Inheritance

      एक्स्ट्रा क्रोमोसोमल विरासत का मतलब है कि कुछ गुणधर्म क्रोमोसोम के अलावा भी वंशानुगत होते हैं। जैसे, माइटोकॉन्ड्रियल DNA।

    • Genetic Code

      जीन की भाषा जिसे आनुवंशिक कोड कहा जाता है, यह प्रोटीन के संश्लेषण में सहायता करता है। यह न्यूक्लियोटाइड के क्रम का प्रयोग करता है।

    • Mutations

      म्यूटेशन आनुवंशिक सामग्री में परिवर्तन है, जो गुणसूत्रों में परिवर्तन के कारण होता है। यह प्रक्रिया जैविक विविधता के लिए महत्वपूर्ण होती है।

    • Evolution and Population Genetics

      विकास और जनसंख्या आनुवंशिकी का अध्ययन जीवों के विकास, उनके आनुवंशिक संरचना एवं विकाश प्रक्रियाओं का सम्बन्ध है।

    • Hardy Weinberg Law

      हार्डी वाइनबर्ग नियम यह बताता है कि एक बड़ी जनसंख्या में, जीन में आनुवंशिक संरचना स्थिर रहती है जब तक कि कोई बाहरी बल जैसे प्राकृतिक चयन काम न करे।

    • Allelic and Genotype Frequencies

      आलेल और जनोटाइप आवृत्तियाँ सीमित होती हैं, जो एक जनसंख्या में जीन के विभिन्न रूपों की संख्या निर्धारित करती हैं।

    • Evolutionary Genetics

      विकासात्मक आनुवंशिकी का उद्देश्य यह समझना है कि किस प्रकार आनुवंशिक परिवर्तन और प्राकृतिक चयन जैव विविधता को प्रभावित करते हैं।

    • Natural Selection

      प्राकृतिक चयन एक प्रक्रिया है जिसमें सबसे适应 जीवों की उत्तराधिकारी बनने की संभावना बढ़ती है। यह विकासशील प्रक्रिया के प्रमुख कारक में से एक है।

  • Cytological techniques: Microscopy and staining techniques, Microtomy, Karyotyping, Chromosome banding, in situ hybridization and FISH, chromosome painting, Fluorescence Activated Cell Sorting

    Cytological techniques
    सूक्ष्मदर्शी तकनीकें जटिल कोशिकाओं के अध्ययन के लिए उपयोग की जाती हैं। इसमें कोशिकाओं को देखकर उनकी संरचना और उपस्थिति का विश्लेषण किया जाता है। विभिन्न रंगीन द्रव्यों का उपयोग करके कोशिकाओं के अलग-अलग घटकों को स्पष्ट किया जाता है।
    माइक्रोटमी एक तकनीक है जिसका उपयोग तामाम कोशिकीय संरचनाओं को पतले स्लाइस में काटने के लिए किया जाता है। यह धातु या प्लास्टिक के फिक्सatives का उपयोग करके किया जा सकता है। माइक्रोटमी से प्राप्त स्लाइस को सूक्ष्मदर्शी अध्ययन के लिए तैयार किया जाता है।
    कैरियोटाइपिंग का उपयोग जीनोम और क्रोमोसोम के संख्या और संरचना का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक आनुवंशिक विकारों के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    क्रोमोसोम बैंडिंग एक तकनीक है जिसका उपयोग क्रोमोसोम के भीतर की विशेषताओं को देखने के लिए किया जाता है। बैंडिंग पैटर्न का अध्ययन कर विशिष्ट जीनों की पहचान की जा सकती है।
    इन साइटू हाइब्रिडाइजेशन और एफआईएसएच तकनीकें जीनों और क्रोमोसोमों के विश्लेषण के लिए प्रयोग की जाती हैं। ये तकनीकें विशेष रूप से आनुवंशिक जांच और रोग परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
    क्रोमोसोम पेंटिंग एक नई तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न क्रोमोसोमों की पहचान और चित्रण करने के लिए किया जाता है। यह एक साथ कई क्रोमोसोमों की जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।
    फ्लोरेसेंस एक्टिवेटेड सेल Sorting (FACS) एक तकनीक है जिसका उपयोग सेल्स को उनकी विशेषताओं के आधार पर अलग करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक शोध और चिकित्सा में महत्वपूर्ण है।

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