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Semester 2: Diploma in Microbial Technology

  • Microorganisms and their habitats - terrestrial, aquatic, atmosphere, animal, extremophiles

    Microorganisms and their habitats
    • Terrestrial Microorganisms

      स्थलीय सूक्ष्मजीव पृथ्वी की सतह पर पनपते हैं और मिट्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं और पोषक तत्वों को चक्रित करते हैं।

    • Aquatic Microorganisms

      जल सूक्ष्मजीव समुद्र, नदियों और अन्य जल स्रोतों में पाए जाते हैं। ये पारिस्थितिकी तंत्र में कई कार्य करते हैं, जैसे कि अपघटन और पोषक तत्वों का संचार।

    • Atmospheric Microorganisms

      वायुमंडलीय सूक्ष्मजीव हवा में मौजूद होते हैं। इनमें बैक्टीरिया और फफूंद शामिल होते हैं, जो वायुमंडल में विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं।

    • Animal Microorganisms

      पशु सूक्ष्मजीव जानवरों के शरीर में रहते हैं और मानवों जैसे उच्च जीवों में भी पाए जाते हैं। ये पाचन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • Extremophiles

      चरमपंथी सूक्ष्मजीव अत्यधिक स्थितियों में जीवित रहने की क्षमता रखते हैं। ये उच्च तापमान, उच्च दबाव, और उच्च क्षारीयता वाले वातावरण में विकसित होते हैं।

  • Microbial Interactions - mutualism, synergism, commensalism, competition, parasitism

    Microbial Interactions
    • Mutualism

      परजीविता वह स्थिति है जिसमें दो जीव एक-दूसरे के लिए लाभकारी होते हैं। उदाहरण के लिए, बैक्टेरिया और पौधे के जड़ में रहने वाले नाइट्रोजन फिक्सिंग बैक्टेरिया। ये बैक्टेरिया पौधों को नाइट्रोजन उपलब्ध कराते हैं, जबकि पौधों से उन्हें कार्बोहाइड्रेट मिलता है।

    • Synergism

      सहक्रियता वह स्थिति है जिसमें दो या दो से अधिक जीव मिलकर एक गहन प्रभाव उत्पन्न करते हैं। यह प्रभाव उन जीवों के व्यक्तिगत प्रभावों से अधिक होता है। उदाहरण के लिए, कुछ बैक्टेरिया मिलकर जैविक अपशिष्ट को और अधिक प्रभावी ढंग से विघटित करते हैं।

    • Commensalism

      सहिष्णुता वह स्थिति है जिसमें एक जीव को लाभ होता है और दूसरे जीव को कोई हानि या लाभ नहीं होता। उदाहरण के लिए, मानव के शरीर में रहने वाले कुछ बैक्टेरिया, जो हमारी त्वचा पर रहते हैं, मानव को हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि उनके लिए एक सुरक्षित निवास स्थान प्रदान करते हैं।

    • Competition

      प्रतिस्पर्धा वह स्थिति है जिसमें दो जीव या प्रजातियाँ एक ही संसाधन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जैसे भोजन, जल, या आवास। अगर यह प्रतिस्पर्धा गंभीर है, तो यह एक जीव या प्रजाति की उत्तरजीविता को प्रभावित कर सकती है।

    • Parasitism

      परजीविता वह स्थिति है जिसमें एक जीव (परजीवी) दूसरे जीव (host) पर निर्भर होकर जीवित रहता है और उसे हानि पहुंचाता है। उदाहरण के लिए, टॉक्सोप्लाज़्मा, जो मानव के अंदर रहकर उसे बीमार बना सकता है।

  • Biogeochemical cycling - carbon, nitrogen, phosphorous and sulphur cycles

    Biogeochemical Cycling
    • Carbon Cycle

      कार्बन चक्र में कार्बन के विभिन्न रूपों का सजीव और निर्जीव प्रक्रियाओं के माध्यम से संचलन होता है। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड का पौधों द्वारा अवशोषण, श्वसन द्वारा मुक्त होना और जीवाश्म ईंधन के रूप में संचय शामिल है।

    • Nitrogen Cycle

      नाइट्रोजन चक्र में नाइट्रोजन का वातावरण में से जीवित प्राणियों में स्थानांतरण शामिल है। यह प्रक्रिया नाइट्रोजन फिक्सेशन, अमोनिफिकेशन, नाइट्रीफिकेशन और डिनाइट्रीफिकेशन के माध्यम से होती है।

    • Phosphorous Cycle

      फॉस्फोरस चक्र मुख्य रूप से पृथ्वी की सतह में पाए जाने वाले फॉस्फेट खनिजों के माध्यम से संचालित होता है। यह चक्र पृथ्वी पर पानी के चक्र के साथ भी जुड़ा होता है, जहाँ फॉस्फोरस पौधों द्वारा अवशोषित होता है और फिर खाद्य श्रृंखला के माध्यम से आगे बढ़ता है।

    • Sulphur Cycle

      सल्फर चक्र मुख्यतः सल्फर यौगिकों के अवशोषण और उत्सर्जन के माध्यम से संचालित होता है। इसमें सल्फर हवा में सल्फर डाइऑक्साइड के रूप में, पृथ्वी में सल्फर के यौगिकों के रूप में और जीवों में अमीनो एसिड के रूप में पाया जाता है।

  • Waste management - solid and liquid waste, sewage treatment

    Waste management - solid and liquid waste, sewage treatment
    • Solid Waste Management

      ठोस कचरे का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो कचरे के निपटान, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग पर केंद्रित है। ठोस कचरे में घरेलू कचरा, औद्योगिक कचरा, निर्माण कचरा और कृषि कचरा शामिल होता है। ठोस कचरे के उचित प्रबंधन से पर्यावरण की सुरक्षा होती है और संसाधनों का संरक्षण भी होता है।

    • Liquid Waste Management

      तरल कचरे का प्रबंधन विशेष रूप से जल प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक है। तरल कचरे में घरेलू सीवेज, औद्योगिक अपशिष्ट जल और कृषि अपशिष्ट शामिल हैं। इसे शोधन प्रक्रियाओं के माध्यम से सुरक्षित बनाना महत्वपूर्ण होता है ताकि यह नदियों और जल स्रोतों को प्रदूषित न करे।

    • Sewage Treatment

      सेवेज ट्रीटमेंट एक प्रक्रिया है जिसमें गंदे पानी को साफ किया जाता है। यह प्रक्रिया विभिन्न चरणों में होती है, जैसे कि प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक उपचार। इसमें ठोस पदार्थों को हटाना, जैविक अपघटन और विषाक्त पदार्थों को कम करना शामिल है। साफ किए गए पानी का पुन: उपयोग किया जा सकता है या इसे सुरक्षित तरीके से रिलीज किया जा सकता है।

  • Microbial Bioremediation - degradation of pesticides and pollutants

    Microbial Bioremediation - Degradation of Pesticides and Pollutants
    • परिचय

      सूक्ष्मजीवों का उपयोग पर्यावरण में प्रदूषकों के अवशेषों को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया जैविक बायोरिमेडिएशन कहलाती है, जो प्राकृतिक मौलिक रूपांतरण का उपयोग करती है।

    • सूक्ष्मजीवों का श्रेणी

      सूक्ष्मजीवों की कई श्रेणियाँ हैं, जैसे बैक्टीरिया, फंगस, और अल्गी। ये सूक्ष्मजीव विभिन्न प्रदूषकों, जैसे कीटनाशकों और औद्योगिक अपशिष्टों को degrade करने में सक्षम होते हैं।

    • कीटनाशकों का विघटन

      कीटनाशक संयोगों को सूक्ष्मजीवों द्वारा विघटित करने की प्रक्रिया में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंजाइम्स कार्य करता है। ये एंजाइम्स कीटनाशकों को सरल और कम हानिकारक संयोजनों में परिवर्तित करते हैं।

    • प्रदूषण के अन्य प्रकार

      पारिस्थितिकीय प्रदूषण, जैसे भारी धातु, तेल और प्लास्टिक प्रदूषण, का बायोरिमेडिएशन के माध्यम से निवारण किया जा सकता है। विभिन्न सूक्ष्मजीव इन प्रदूषकों को भी degrade करने में सक्षम हैं।

    • प्रयोगात्मक अध्ययन और उदाहरण

      भारत में कई अध्ययन हुए हैं जहाँ तय किया गया है कि कैडमियम जैसे भारी धातुओं का विघटन सूक्ष्मजीवों के माध्यम से किया जा सकता है। ये अनुसंधान प्रदूषण नियंत्रण में सूक्ष्मजीवों की भूमिका को रेखांकित करते हैं।

    • लाभ एवं चुनौतियाँ

      सूक्ष्मजीवों का उपयोग करते हुए बायोरिमेडिएशन में लाभ हैं, जैसे कम लागत और पर्यावरण के अनुकूल होना। हालाँकि, चुनौतियाँ भी होती हैं, जैसे कि प्रक्रिया की गति और सूक्ष्मजीवों की उपलब्धता।

    • निष्कर्ष

      सूक्ष्मजीवों की मदद से बायोरिमेडिएशन एक प्रभावी तरीका है ताकि पर्यावरणीय प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। यह विज्ञान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो भविष्य में और विकसित हो सकता है।

  • Water potability - treatment and detection methods

    Water potability - treatment and detection methods
    • जल की पोटेबलिटी क्या है

      जल की पोटेबलिटी का मतलब है कि जल उपयोग के लिए सुरक्षित है या नहीं। यदि जल में हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या रसायनों की उपस्थिति है, तो वह पोटेबल नहीं माना जाता।

    • जल उपचार के तरीके

      1. उबालना: जल को उबालकर बैक्टीरिया और वायरस को समाप्त किया जा सकता है। 2. फ़िल्ट्रेशन: जल को फ़िल्टर करके अशुद्धियों को हटाया जा सकता है। 3. रसायनिक उपचार: क्लोरिनेशन या आयोडिनेशन जैसे रसायनों का उपयोग करके जल को सुरक्षित बनाया जा सकता है।

    • जल की गुणवत्ता की जाँच करने के तरीके

      1. भौतिक परीक्षण: जल के रंग, गंध और तापमान की जांच। 2. रासायनिक परीक्षण: पीएच स्तर, घुलनशील ठोस सामग्री इत्यादि की जाँच। 3. जैविक परीक्षण: बैक्टीरिया की उपस्थिति के लिए बैक्टीरियल काउंट करना।

    • जल में प्रदूषक तत्वों का पता लगाना

      जल में मौजूद हानिकारक तत्वों का पता लगाने के लिए विभिन्न परीक्षण विधियों का उपयोग किया जाता है जैसे कि उच्च प्रदर्शन तरल क्रोमैटोग्राफी (HPLC) और गैस क्रोमैटोग्राफी। इनसे विषाक्त पदार्थों और रासायनिक प्रदूषकों का सही पता लगाया जा सकता है।

  • Biofertilizer - types, mode of application, advantages and disadvantages

    Biofertilizer
    • चिकटी जैविक खाद

    • नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणु

    • फसलों के लिए फसली संयंत्रों वाले जैविक खाद

    • पौधों के विकास को बढ़ावा देने वाले माइकोरीज़ा

    • बीजों पर coating

    • भूमि में मिलाना

    • पौधों की जड़ों में डालना

    • पौधों पर स्प्रे करना

    • पर्यावरण के लिए सुरक्षित

    • रासायनिक खादों की तुलना में सस्ते

    • मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार

    • पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना

    • उपयुक्तता की कमी

    • सभी फसलों के लिए प्रभावी नहीं

    • कभी-कभी समय लेने वाली प्रक्रियाएँ

    • अन्य कारकों पर निर्भरता

  • Biopesticides - types, mode of action, integrated pest management

    Biopesticides
    • Biopesticides की परिभाषा

      Biopesticides जैविक उत्पत्ति के कीटनाशक होते हैं जो प्राकृतिक सामग्रियों से बनाए जाते हैं। ये पारिस्थितिकी के लिए कम हानिकारक होते हैं और परंपरागत कीटनाशकों का एक विकल्प प्रदान करते हैं।

    • Biopesticides के प्रकार

      Biopesticides को सामान्यतः तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है: 1. Microbial Pesticides - जो रोगाणुओं से निर्मित होते हैं। 2. Plant-Powered Pesticides - जो पौधों से निकाले गए प्राकृतिक उत्पाद होते हैं। 3. Biochemical Pesticides - जो जीवों के रसायनों से बनते हैं।

    • Biopesticides का कार्य करने का तरीका

      Biopesticides विभिन्न तरीकों से काम करते हैं। यह कीड़ों को निष्क्रिय कर सकते हैं, उनके वृद्धि को नियंत्रित कर सकते हैं या उनके प्रजनन को बाधित कर सकते हैं। Microbial pesticides जैसे Bacillus thuringiensis कीटों के आंतरिक अंगों में जाने के बाद उन्हें मारते हैं।

    • संयुक्त कीट प्रबंधन में Biopesticides का महत्व

      संयुक्त कीट प्रबंधन (IPM) में Biopesticides का उपयोग एकीकृत दृष्टिकोण से किया जाता है। यह न केवल कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन को भी बनाए रखता है। IPM में Biopesticides का उपयोग अन्य प्रबंधन तकनीकों के साथ मिलकर किया जाता है।

    • Biopesticides के लाभ और चुनौतियाँ

      Biopesticides के कई लाभ हैं जैसे कि पर्यावरण पर कम प्रभाव, रासायनिक अवशेषों की मात्रा में कमी, और प्राकृतिक वनस्पति एवं जानवरों के प्रति सुरक्षितता। हालांकि, इनके उपयोग से संबंधित कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि प्रभावकारिता और बाजार में उपलब्धता।

Diploma in Microbial Technology

B.Sc. II Year

Microbiology

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