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Semester 5: Organic Synthesis A
Chemistry of Alkanes and Cycloalkanes: Preparation, properties, free radical halogenation, ring strain theories
Alkanes and Cycloalkanes Chemistry
परिचय
अल्केन और साइक्लोअल्केन कार्बन यौगिक हैं जो केवल सिंगल बांड (C-C) और साइक्लिक संरचना में होते हैं। यह अणु बुनियादी हाइड्रोकार्बन होते हैं।
तैयारी
अल्केन का निर्माण विभिन्न विधियों से हो सकता है जैसे: 1. क्रैकिंग - वसा या तेल को तोड़कर। 2. हाइड्रोजनीकरण - अल्केनों या अल्काइन के हाइड्रोजनीकरण द्वारा। साइक्लोअल्केन का निर्माण अल्केनों की साइक्लिककरण द्वारा किया जाता है।
गुण
अल्केन सामान्यतः नॉन-पोलर होते हैं और पानी में घुलते नहीं हैं। इनका उष्मा का तापमान, गंध और स्थिरता उनमे कार्बन आणुओं की संख्या पर निर्भर करती है।
फ्री रेडिकल हैलोजिनेशन
यह एक महत्वपूर्ण रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें फ्री रेडिकल्स की सहायता से अल्केन को हैलोज़ के साथ प्रतिक्रिया कराते हैं। यह मुख्य रूप से ब्रोमिन या क्लोरीन के उपयोग से होता है।
रिंग तनाव सिद्धांत
साइक्लोअल्केन में रिंग तनाव तब होता है जब कार्बन की संख्या सीमित होती है जिससे बांड के कोण में असमानता होती है। यह रिंग के स्थायित्व को प्रभावित करता है और उच्च रिंग तनाव वाले यौगिक अधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं।
Chemistry of Alkenes: Formation, addition reactions, regioselectivity, stereoselectivity, radical reactions
Chemistry of Alkenes
Alkenes ka Parichay
Alkenes, unsaturated hydrocarbons hote hain jo carbon-carbon double bonds (C=C) se bane hote hain. Inka general formula CnH2n hota hai. Yeh organic chemistry mein mahatvapurn sthaan rakhte hain aur inki visheshataayen alag hoti hain.
Alkenes ki Formation
Alkenes ki formation kai prakriyaon se hoti hai. Inme sabse pramukh hai dehydrohalogenation, dehydrogenation aur elimination reactions. In prakriyaon mein, alkyl halides ya alkanes ko kuch conditions ke saath treat kiya jata hai taaki double bond bana sake.
Addition Reactions
Alkenes jyaadatar addition reactions mein hissa lete hain. Yeh reactions alkenes ki double bond ko tod kar naye compounds banate hain. Addition reactions ke prakar hain: electrophilic addition, nucleophilic addition aur radical addition.
Regioselectivity
Regioselectivity ka arth hai ki addition reaction mein kahan add hoga. Markovnikov aur anti-Markovnikov rules in reactions mein important kirdaar nibhate hain, jo ki regioselective outcomes ko vyakt karte hain.
Stereoselectivity
Stereoselectivity se mool roop se yeh pata chalta hai ki reaction kaise stereoisomers ko produce karega. Alkenes ke addition reactions mein, cis aur trans isomers ka nirman hota hai, jo stereoselectivity dikhata hai.
Radical Reactions
Alkenes ko radical reactions mein bhi istemal kiya jata hai. Yeh reactions generally free radicals ke sath hoti hain. Is prakriya mein, alkene se free radical intermediates banate hain, jo aage ki reactions mein hissa leni ki sakshamata rakhte hain.
Chemistry of Alkynes: Formation, addition reactions, reactions of terminal alkynes, interconversions
Chemistry of Alkynes
Alkynes का निर्माण
अल्काइन्स का निर्माण मुख्य रूप से दो तरीके से होता है: 1. डिहैलोजनेशन: हेलोज़िन के दो अणुओं को हटाकर। 2. एल्केंस का हाइड्रेशन: एल्केंसी को एक एसिड के साथ मिलाकर अल्काइन्स प्राप्त किया जा सकता है।
अल्काइन्स की जोड़न प्रतिक्रियाएँ
अल्काइन्स कई प्रकार की जोड़न प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं, जैसे कि हाइड्रोजनीकरण, हलोजनीकरण और हाइड्रेशन। हाइड्रोजनीकरण में अल्काइन को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर अल्केन में बदल दिया जाता है।
टर्मिनल अल्काइन्स की प्रतिक्रियाएँ
टर्मिनल अल्काइन्स वे होते हैं जिनमें ट्रिपल बंधन अंत में होता है। इनकी प्रतिक्रियाएँ आमतौर पर एसिडिक हाइड्रेशन, ब्रोमिनेशन और हाइड्रोजनीकरण जैसी प्रक्रियाओं से होती हैं।
अल्काइन्स के आपसी परिवर्तन
अल्काइन्स के बीच आपसी परिवर्तन संभव है। इसे विभिन्न रसायनों के माध्यम से किया जा सकता है, जैसे कि एसीटाइलिन और अन्य उच्च रैंक वाले अल्काइन्स के बीच।
Aromaticity and Chemistry of Arenes: Benzene derivatives, aromaticity, electrophilic aromatic substitution, reduction
Aromaticity and Chemistry of Arenes
Aromaticity
अरोमैटिसिटी का तात्पर्य उन यौगिकों से है जिनमें विशेष स्थिरता होती है, यह स्थिरता मुख्य रूप से उनके इलेक्ट्रॉनिक संरचना के कारण होती है। अरोमैटिक यौगिक में एक समतल संरचना होती है जिसमें एक-एक करके पूरे साइकिल में अव्यवस्थित इलेक्ट्रॉनों का एक दायरा होता है। बेंजीन इसका उदाहरण है, जो 6 कार्बन परमाणुओं और 6 हाइड्रोजन परमाणुओं से बना है।
Benzene Derivatives
बेंजीन के डेरिवेटिव्स वो यौगिक होते हैं जो बेंजीन परमाणु के साथ एक या अधिक अन्य समूहों के संयोजन से बनते हैं। जैसे कि टोइलिन (मिथाइल बेंजीन), फिनोल (हाइड्रॉक्सिल बेंजीन), और एनिलिन (अमीन बेंजीन)। प्रत्येक डेरिवेटिव की विशिष्ट विशेषताएँ और प्रतिक्रियाएँ होती हैं।
Electrophilic Aromatic Substitution
इलेक्ट्रोफिलिक अरोमैटिक सब्स्टिट्यूशन एक महत्वपूर्ण रासायनिक प्रतिक्रिया है, जिसमें एक इलेक्ट्रोफिलिक यौगिक बेंजीन के अरोमैटिक कार्बन पर एक हाइड्रोजन परमाणु की जगह लेता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर ब्रोमिनेशन, नाइट्रेशन और सल्फोनेशन जैसी प्रतिक्रियाओं में देखी जाती है।
Reduction of Arenes
अरेन्स की कमी में उन प्रतिक्रियाओं को शामिल किया जाता है जो बेंजीन या अन्य अरोमैटिक यौगिकों को उनके संबंधित सैचुरेटेड यौगिकों में परिवर्तित करती हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर हाइड्रोजन गैस या धातु जैसे जिंक या निकल का उपयोग करके किया जाता है।
Chemistry of Alcohols: Classification, formation, reactions including glycols and glycerol
Chemistry of Alcohols
Classification of Alcohols
अल्कोहल को उनके संरचनात्मक विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। मुख्य रूप से तीन प्रकार के अल्कोहल होते हैं: 1. प्राथमिक अल्कोहल - जिनमें हाइड्रॉक्सी समूह (OH) सीधे एक कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है जो अन्य दो कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है। 2. द्वितीयक अल्कोहल - जिनमें हाइड्रॉक्सी समूह एक कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है जो अन्य दो कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है। 3. तृतीयक अल्कोहल - जिनमें हाइड्रॉक्सी समूह एक कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है जो तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है.
Formation of Alcohols
अल्कोहल्स का निर्माण कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि: 1. अल्कीन का हाइड्रोजनेशन - अल्कीन में हाइड्रोजन गैस जोड़ने से अल्कोहल बनता है। 2. अल्काइल हैलाइड का हाइड्रॉक्सिलेशन - अल्काइल हैलाइड में पानी जोड़ने से अल्कोहल प्राप्त होता है। 3. कार्बोनिल यौगिकों का हाइड्रोजीकरण - जैसे कि ऐल्डिहाइड या कीटोन को हाइड्रोजिन के साथ उपचारित करके अल्कोहल बनाए जा सकते हैं.
Reactions of Alcohols
अल्कोहल कई प्रकार की प्रतिक्रियाओं में भाग ले सकते हैं, जैसे: 1. ऑक्सीडेशन - प्राथमिक अल्कोहल को ऐल्डिहाइड में और द्वितीयक अल्कोहल को कीटोन में ऑक्सीकृत किया जा सकता है। 2. एस्टरिफिकेशन - अल्कोहल और कार्बोक्ज़िलिक एसिड के बीच प्रतिक्रिया से एस्टर का निर्माण होता है। 3. डिहाइड्रेशन - अल्कोहल का डिहाइड्रेशन करके अल्कीन का निर्माण किया जा सकता है.
Glycols and Glycerol
ग्लाइकॉल्स और ग्लिसरॉल विशेष प्रकार के अल्कोहल हैं। 1. ग्लाइकॉल्स: यह दो हाइड्रॉक्सी समूह वाले अल्कोहल हैं और यह मुख्यतः उद्योग में उपयोग होते हैं। 2. ग्लिसरॉल: यह तीन हाइड्रॉक्सी समूहों वाला अल्कोहल है और इसे पाश्चुरीकरण, सैट्राईफिकेशन एवं फूड इंडस्ट्री में मोइस्चराइज़र के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके विशेष गुण इसे चिकित्सीय और औषधीय उपयोग में महत्वपूर्ण बनाते हैं.
Chemistry of Phenols: Preparation, properties, electrophilic substitutions, rearrangements
Phenols की रसायनशास्त्र
Phenols का परिचय
Phenols वे यौगिक हैं जिनमें एक या एक से अधिक हाइड्रॉक्स (OH) समूह होते हैं जो बेंजीन रिंग से जुड़े होते हैं। ये यौगिक कार्बन और हाइड्रोजन के एक निश्चित अनुपात में होते हैं और इनमें एरोमैटिक या असीमित गुण हो सकते हैं।
Phenols की तैयारी
Phenols को विभिन्न तरीकों से तैयार किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं: 1. बेंजीन का हाइड्रॉक्सिलेशन - बेंजीन को फॉस्फोरिक एसिड या अन्य एसीड्स के साथ रिएक्ट करके। 2. अल्काइल बेंजीन के ऑक्सीकरण - अल्काइल बेंजीन को ऑक्सीडेंट के साथ रिएक्ट करके। 3. पेरोक्साइड के उपयोग से।
Phenols के गुण
Phenols के प्रमुख गुणों में शामिल हैं: 1. उच्च उग्रता - क्षार के साथ रिएक्शन करके। 2. एसिडिक स्वभाव - जोकि पानी में विलीन होते हैं। 3. एरोमैटिक रसायनों की तरह व्यवहार।
Electrophilic Substitution
Phenols में इलेक्ट्रोफिलिक सब्स्टिट्यूशन की प्रक्रिया बहुत आम है। यह प्रक्रिया OH समूह के कारण अधिक सक्रिय होती है, जो बेंजीन रिंग में इलेक्ट्रॉनों का दान करती है। उदाहरण के लिए, नाइट्रेशन, सल्फनोटेशन, और हलोजन के साथ रिएक्शन।
Rearrangements
Phenols में कुछ सूक्ष्म पुनर्गठन भी देखे जाते हैं जैसे संरक्षण द्वारा उत्पादों का परिवर्तन, जिनमें बेंजीन रिंग में स्थिति परिवर्तन भी शामिल हो सकते हैं।
Chemistry of Ethers and Epoxides: Nomenclature, formation, cleavage, ring opening, reactions with reagents
Ethers and Epoxides Chemistry
Nomenclature of Ethers
इथर का नामकरण अणु में ऑक्सीजन के साथ कार्बन के दो परमाणुओं के माध्यम से किया जाता है। इसे सामान्यत: रूट के बाद -ether जोड़कर नामित किया जाता है। उदाहरण के लिए, CH3-O-CH2-CH3 को एथिल मिथाइल इथर कहा जाएगा।
Formation of Ethers
इथर का निर्माण मुख्य रूप से एसिड-कैटलाइज्ड dehydration प्रतिक्रिया द्वारा किया जाता है। अल्कोहल के दो अणु एक सुगम्य अणु के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और इथर का निर्माण करते हैं।
Cleavage of Ethers
इथर का क्लिवेज उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं द्वारा किया जा सकता है जो इथर के ऑक्सीजन परमाणु को तोड़ देती हैं। यह आमतौर पर एसिड भेदक द्वारा किया जाता है, जो इथर को अल्कोहल और एक अन्य रासायनिक उत्पाद में तोड़ देता है।
Ring Opening of Epoxides
एपोक्साइड की रिंग खोलने की प्रतिक्रिया एसीडीक और बेसिक दोनों माध्यमों में होती है। इसमें एपोक्साइड अणु का एक कार्बोकैटियन या नुकीला अणु द्वारा आक्रमण होता है। एसीडिक स्थिति में, रिंग खोलने के लिए प्रोटॉन प्रदान किया जाता है, जबकि बेसिक स्थिति में नुकीला अणु रिंग में जाएँगा।
Reactions with Reagents
इथर और एपोक्साइड कई रसायनों के साथ प्रतिक्रियाएँ करते हैं। एथिल इथर बहुत स्थिर है, लेकिन एपोक्साइड अल्कोहल या एसीड के साथ विभिन्न प्रतिक्रिया दिखा सकते हैं। ऑक्सीकरण, हाइड्रोलिसिस और ग्रिग्नार्ड अभिक्रियाएँ महत्वपूर्ण हैं।
Chemistry of Organic Halides: Nomenclature, formation, nucleophilic substitution mechanisms, polyhalogen compounds
Organic Halides
Item
Organic halides, also known as haloalkanes or halogenated hydrocarbons, are organic compounds that contain halogen atoms (F, Cl, Br, I) attached to a carbon skeleton.
Naming follows the IUPAC system: Identify the longest carbon chain, number it, and replace the -ane ending with -ane or -ene based on saturation, and prefix with the halogen name.
Item
Free Radical Halogenation: This involves the substitution of hydrogen atoms in alkanes with halogens under UV light.
Electrophilic Addition: Alkenes react with halogens to form dihaloalkanes.
Reactions with Alcohols: Alkyl halides can be prepared by reacting alcohols with hydrogen halides.
Item
SN1 Mechanism: A two-step process where the leaving group departs first, forming a carbocation, followed by nucleophilic attack.
SN2 Mechanism: A one-step process involving a direct attack by nucleophile while the leaving group is expelled.
Steric hindrance: More crowding around the carbon affects SN2 rate.
Nature of nucleophile: Stronger nucleophiles favor substitution reactions.
Item
Compounds containing multiple halogen atoms are referred to as polyhalogen compounds, which exhibit unique chemical properties.
Chloroform (CHCl3)
Dichloroethane (C2H4Cl2)
Brominated flame retardants.
