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Semester 6: Organic Synthesis B
Reagents in Organic Synthesis: Oxidation and reduction reagents and their applications
Reagents in Organic Synthesis: Oxidation and Reduction Reagents and Their Applications
परिचय
कार्बनिक संश्लेषण में अभिकर्ताओं का उपयोग महत्वपूर्ण है। ऑक्सीकरण और अपघटन अभिकर्ता विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं में सामग्रियों के मॉडिफिकेशन और परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
ऑक्सीकरण अभिकर्ता
ऑक्सीकरण अभिकर्ता वे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो किसी अन्य पदार्थ से इलेक्ट्रॉन लेते हैं। ये अक्सर अणु में ऑक्सिजन जोड़ने या हाइड्रोजन घटाने का काम करते हैं। उदाहरण के लिए, डाइक्रोमेट, पेरोक्साइड और क्लोरीन।
अपघटन अभिकर्ता
अपघटन अभिकर्ता वे हैं जो किसी अणु में इलेक्ट्रॉन जोड़ते हैं, जिससे अणु में हाइड्रोजन का जुड़ना या ऑक्सीजन का जाना होता है। आम अपघटन अभिकर्ताओं में लिथियम एल्युमीनियम हाइड्राइड और सोडियम बोरोहाइड्राइड शामिल हैं।
ऑक्सीकरण और अपघटन का महत्व
ऑक्सीकरण और अपघटन के इन अभिकर्ताओं का उपयोग दवाओं, बायोकेमिकल्स, और अन्य औद्योगिक उत्पादों के संश्लेषण में किया जाता है। यह प्रक्रिया रासायनिक अवयवों के विशेष कार्यों को विकसित करने में मदद करती है।
आवेदन क्षेत्र
ऑक्सीकरण और अपघटन अभिकर्ताओं का उपयोग कार्बनिक रसायनों, फार्मास्यूटिकल्स, और कृषि रसायनों के निर्माण में होता है। इसके अलावा, ये रासायनिक संश्लेषण की विभिन्न तकनीकों में आवश्यक होते हैं।
Organometallic Compounds: Grignard reagents, organozinc, organolithium compounds formation and reactions
Organometallic Compounds
Grignard Reagents
ग्रिग्नार्ड अभिकर्ता, आर एम जी रिसर्च विकसित करने हेतु महत्वपूर्ण औषधि और रसायन हैं। यह रसायन मैग्नीशियम धातु के साथ ऑर्गेनिक हलाइड के संपर्क में बनने वाले अभिकर्ता को संदर्भित करते हैं। इनका उपयोग कार्बन कार्बन बांड बनाने, एनालॉग्स बनाने और अल्कोहल तैयार करने में किया जाता है।
Organ Zinc Compounds
ऑर्गेनोज़िंक यौगिक रसायनों में जिंक धातु के साथ कार्बनिक यौगिकों के संयोजन से बने होते हैं। ये रसायन आमतौर पर ज़िंक ब्रोमाइड या ज़िंक क्लोराइड के साथ बनाए जाते हैं। ऑर्गेनोज़िंक यौगिकों का उपयोग विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं में होता है, जैसे कि कार्बन कार्बन बांड निर्माण में।
Organolithium Compounds
ऑर्गेनो लिथियम यौगिक लिथियम धातु के साथ कार्बनिक यौगिकों के संयोजन से बनते हैं। ये उच्च प्रतिक्रिया करने वाले रसायन होते हैं और इनका उपयोग नये यौगिकों के निर्माण में किया जाता है। ऑर्गेनो लिथियम यौगिक आमतौर पर कार्बनील ग्रुप के साथ प्रतिक्रिया करके अत्यधिक उपयोगी उत्पादों का निर्माण करते हैं।
Reactions of Organometallic Compounds
ऑर्गेनोमेटेलिक यौगिकों की प्रतिक्रियाएँ एक महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र हैं। इन रसायनों की प्रतिक्रिया क्षमता बहुत व्यापक होती है, और इनका उपयोग कई औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है। उदाहरण के लिए, ग्रिग्नार्ड अभिकर्ताओं का उपयोग ऐल्कोहल के निर्माण में किया जाता है, जबकि ऑर्गेनोज़िंक और ऑर्गेनो लिथियम यौगिक मूलेर रसायनों और दवाओं के निर्माण के लिए संश्लेषण में उपयोगी होते हैं.
Chemistry of Aldehydes and Ketones: Nomenclature, synthesis, mechanisms of addition and oxidations
Chemistry of Aldehydes and Ketones
Item
एल्डीहाइड और कीटोन के नामकरण में प्राथमिकता का पालन करना होता है। एल्डीहाइड को -al प्रत्यय के साथ और कीटोन को -one प्रत्यय के साथ नामित किया जाता है। उदाहरण के लिए, एसीटोन (प्रोपान-2-ओन) और फॉर्मल्डिहाइड (मिथाइल-एल्डिहाइड)।
Item
एल्डीहाइड और कीटोन का संश्लेषण विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इसके प्रमुख मार्ग हैं: (1) अल्कोहल का ऑक्सीकटन, (2) कार्बोक्सिलिक एसिड का डीहाइड्रोजन, (3) एसील क्लोराइड का हाइड्रोलिसिस।
Item
एल्डीहाइड और कीटोन में न्यूक्लियोफिलिक ऐडिशन के लिए प्रतिक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। न्यूक्लियोफिलिक एजेंट जैसे कि हाइड्रॉक्सिल (OH-) और सिंथेटिक एथिलीन (C=C) का उपयोग करते हुए कर्नेल बनाने का तंत्र।
Item
एल्डीहाइड को ऑक्सीकट कर के कार्बोक्सिलिक एसिड में बदला जा सकता है। जबकि कीटोन का ऑक्सीकरण कठिन होता है। केटोन का ऑक्सीकरण देखने के लिए विभिन्न ऑक्सीडाइजिंग एजेंटों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे KMnO4 और CrO3।
Carboxylic acids and their Functional Derivatives: Preparation, reactions, acidity, derivatives
Carboxylic acids and their Functional Derivatives
Carboxylic Acids
कार्बोक्सिलिक एसिड वे कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें एक कार्बोक्सिल समूह -COOH होता है। ये यौगिक बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और कई प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं।
Preparation of Carboxylic Acids
कार्बोक्सिलिक एसिड को कई तरीकों से तैयार किया जा सकता है जैसे कि अल्कोहल के ऑक्सीडेशन, शानदार कार्बन डाइऑक्साइड के साथ हाइड्रोकार्बन की प्रतिक्रिया, और कार्बनिक यौगिकों की कार्बोक्सीलेशन प्रतिक्रिया।
Reactions of Carboxylic Acids
कार्बोक्सिलिक एसिड विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाओं में शामिल होते हैं, जैसे कि एस्ट्रिफिकेशन, न्यूक्लिफिकेशन, और अमाइड गठन। इनकी रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान कार्बन के विभिन्न बंधन और समूहों का परिवर्तन होता है।
Acidity of Carboxylic Acids
कार्बोक्सिलिक एसिड की अम्लीयता मुख्य रूप से उनके कार्बोक्सिल समूह की उपस्थिति के कारण होती है। ये एसिड अपने हाइड्रोजन परमाणु को छोड़कर आवेशित कार्बोक्सिलेट आयन बनाने की क्षमता रखते हैं।
Functional Derivatives
कार्बोक्सिलिक एसिड के कार्यात्मक व्युत्पन्न में ऐस्टर, अमाइड और एनहाइड्राइड शामिल होते हैं। ये सभी व्युत्पन्न कार्बोक्सिलिक एसिड के उत्पादन से बने होते हैं और भिन्न प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं में उपयोग होते हैं।
Reactions of Functional Derivatives
इस व्युत्पन्न का उपयोग मुख्य रूप से रासायनिक संश्लेषण में किया जाता है। ऐस्टर के गठन, ऐमाइड की प्रतिक्रिया, और एनहाइड्राइड का उपयोग प्रमुख रसायनों के निर्माण में किया जाता है।
Organic Synthesis via Enolates: Acidity, alkylation and acylation methods
Organic Synthesis via Enolates
Enolate Formation
एनोलेट्स उन सामान्य इंटरमीडिएट्स में से एक हैं जो कार्बन इलिप्सिस के साथ रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं। एनोलेट्स की प्राप्ति के लिए कार्बोनाइल यौगिकों की अम्लता एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह एसिड या बेस दोनों के प्रभाव से हो सकता है, जिसमें बेस की उपस्थिति में प्रोटॉन का हटना शामिल है।
Acidity of Enolates
एनोलेट्स की अम्लता का स्तर उनके संरचनात्मक तत्वों और उनके आसपास के समूहों पर निर्भर करता है। सामान्यतः, यदि एनोलेट के पास इलेक्ट्रोन-खींचने वाले समूह होते हैं, तो उनकी अम्लता बढ़ जाती है। एनोलेट्स के लिए pKa मान प्रायः 15-20 के बीच होते हैं जो उन्हें अपेक्षाकृत मजबूत बेस बनाता है।
Alkylation of Enolates
एनोलेट्स का एलकिलेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जहाँ एनोलेट्स को आर-लिगेंड के साथ प्रतिक्रिया कराकर कार्बन श्रृंखला को बढ़ाया जाता है। इस प्रक्रिया में सामान्यतः एक आर-हैलाइड का उपयोग किया जाता है, जो कि एनोलेट के नकारात्मक चार्ज से प्रतिक्रियाशीलता में प्रवेश करता है।
Acylation of Enolates
एनोलेट्स का एसिलेशन एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें एनोलेट्स को कॉर्बोनाइल यौगिकों के साथ प्रतिक्रिया कराकर नए कार्बन-कार्बन बंधनों का निर्माण किया जाता है। इस प्रक्रिया में एसील क्लोराइड या एसील एनहाइड्राइड का उपयोग किया जाता है।
Applications in Organic Synthesis
एनोलेट्स का उपयोग कई महत्वपूर्ण रासायनिक संश्लेषणों में किया जाता है। इनकी मदद से अल्कोहल, कार्बोक्जिलिक एसिड, और कीटोन जैसे महत्वपूर्ण यौगिकों का अनुक्रमित संश्लेषण संभव होता है। एनोलेट्स को विभिन्न स्कीमों में शामिल किया जाता है, जैसे कि दिमागी निर्माण और अन्य जटिल रसायनों का संश्लेषण।
Organic Compounds of Nitrogen: Nitro compounds, amines, reaction mechanisms and synthetic transformations
Organic Compounds of Nitrogen: Nitro compounds, amines, reaction mechanisms and synthetic transformations
Nitro Compounds
नाइट्रो यौगिक वे यौगिक होते हैं जिनमें एक या एक से अधिक नाइट्रो (-NO2) समूह होते हैं। ये आमतौर पर हाइड्रोकार्बन अणुओं में अटैच होते हैं। इनकी विशेषताएँ, प्रतिक्रियाएँ और अनुप्रयोगों का अध्ययन किया जाता है।
Amines
एमाइन्स नाइट्रोजन युक्त यौगिक हैं, जो एक या अधिक अल्किल समूहों के साथ जुड़े होते हैं। एमाइन्स के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक एमाइन। इनकी जटिलता और प्रतिक्रियाशीलता के कारण ये जैविक और औद्योगिक रसायनों में महत्वपूर्ण होते हैं।
Reaction Mechanisms
प्रतिक्रियात्मक तंत्र रासायनिक प्रतिक्रियाओं के चरणबद्ध विवरण होते हैं। नाइट्रोकंपाउंड और एमाइन के बीच प्रतिक्रियाएँ विभिन्न तंत्रों के माध्यम से होती हैं, जैसे न्यूक्लियोफिलिक अभिक्रिया, एसिड-बेस अभिक्रियाएँ आदि।
Synthetic Transformations
संश्लेषणात्मक परिवर्तन वे रासायनिक प्रक्रियाएँ हैं जिनके द्वारा एक रासायनिक यौगिक को दूसरे में परिवर्तित किया जाता है। नाइट्रो यौगिक और एमाइन का उपयोग नये यौगिक बनाने में किया जाता है। इन संश्लेषणों में विभिन्न रसायनों और तकनीकों का उपयोग होता है।
Heterocyclic Chemistry: Structures and reactions of pyrrole, furan, thiophene, pyridine, and condensed heterocycles
Heterocyclic Chemistry: Structures and reactions of pyrrole, furan, thiophene, pyridine, and condensed heterocycles
Pyrrole
पाइरोल एक हेटेरोसाइक्लिक यौगिक है जो 5-सदस्यीय रिंग में एक नाइट्रोजन परमाणु रखता है। इसकी संरचना C4H4NH है। इसका मुख्य उपयोग रासायनिक संश्लेषण में होता है। पाइरोल की प्रतिक्रियाएँ वायुमंडल में ऑक्सीजन और अन्य यौगिकों के साथ होती हैं, जैसे की एरोमैटिक यौगिकों के संश्लेषण में।
Furan
फ्यूरान एक 5-सदस्यीय हेटेरोसाइक्लिक यौगिक है, जिसमें एक ऑक्सीजन परमाणु होता है। इसकी संरचना C4H4O है। फ्यूरान का उपयोग विशेष यौगिकों जैसे फ्यूरनिअस यौगिकों के निर्माण में होता है। यह एलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रियाओं के लिए सर्वज्ञात है।
Thiophene
थायोफेन एक 5-सदस्यीय रिंग यौगिक है, जिसमें एक सल्फर परमाणु होता है। इसकी संरचना C4H4S है। थायोफेन की विशेषता इसकी स्थिरता और उष्मीय विश्लेषण में गुण हैं। यह विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोग होता है, जैसे पॉलिमर और डाई की तैयारी में।
Pyridine
पाइरिडीन एक 6-सदस्यीय हेटेरोसाइक्लिक यौगिक है, जिसमें एक नाइट्रोजन परमाणु होता है। इसकी संरचना C5H5N है। यह एक महत्वपूर्ण औद्योगिक यौगिक है जो कि औषधियों, कीटनाशकों, और रंगों के संश्लेषण में उपयोग होता है। इसके रासायनिक गुण इसे विभिन्न प्रतिक्रियाओं में गतिशील बनाते हैं।
Condensed Heterocycles
संघटित हेटेरोसाइक्लिक यौगिकों में ऐसे यौगिक शामिल होते हैं जिसमें दो या अधिक हेटेरो साइक्लिक रिंगें जुड़ी होती हैं। उदाहरण स्वरूप, इमिदाज़ोल और बेंजोथायोफेन। इनका उपयोग जैविक गतिविधियों में होता हैऔर इनका अध्ययन चिकित्सा रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण है।
Natural Products: Alkaloids and Terpenes - occurrence, structures, physiological actions, medicinal importance
Natural Products: Alkaloids and Terpenes
Alkaloids
अल्कलॉइड्स एक प्रकार के जैविक यौगिक होते हैं जो आमतौर पर पौधों में पाए जाते हैं। ये नाइट्रोजन युक्त यौगिक होते हैं और इनकी अणु संरचना में कई प्रकार की संरचनाएँ हो सकती हैं। ये विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों जैसे कि ट्यूबर, बीज, और जड़ में पाए जाते हैं। अल्कलॉइड्स का प्रभाव मानव शरीर पर कई प्रकार से पड़ता है, जैसे कि दर्द निवारक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और मनोदशा नियंत्रक। ये औषधियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Terpenes
टरपीन यौगिक एक बड़े वर्ग के प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो मुख्य रूप से पौधों में पाए जाते हैं। ये यौगिक हाइड्रोकार्बन से निर्मित होते हैं और इनमें एक या एक से अधिक अणु संरचना होती है। तरपीन का उपयोग सुगंधित तेलों में किया जाता है, जैसे कि लेमनटीन, पाइन रेजिन आदि। इनकी औषधीय उपयोगिता भी महत्वपूर्ण है, जैसे टेरपीनों के एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
Occurrence
अल्कलॉइड्स और टरपीन विभिन्न पौधों में भिन्न-भिन्न मात्रा में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, कैफीन (कोफी से) और निकोटिन (तंबाकू से) अल्कलॉइड्स के प्रमुख उदाहरण हैं। वहीं, टरपीन जैसे कि लिमोनेन नींबू और अदरक में पाए जाते हैं।
Structures
अल्कलॉइड्स की संरचना में आमतौर पर एक या एक से अधिक नाइट्रोजन एटम होते हैं। उदाहरण के लिए, मर्फीन और कोडीन की संरचना में बड़ी संख्या में रिंग्स होती हैं। दूसरी ओर, टरपीन की संरचना में एक या एक से अधिक इसोप्रेन यूनिट्स होते हैं, जो उन्हें विभिन्न प्रकार के सुगंधित यौगिकों का निर्माण करने की अनुमति देते हैं।
Physiological Actions
अल्कलॉइड्स का मानव शरीर पर कई प्रकार के प्रभाव होते हैं। ये स्नायु तंत्र पर प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे मनोदशा में बदलाव या दर्द में राहत मिलती है। टरपीन का उपयोग भी संवेदनशीलता को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
Medicinal Importance
अल्कलॉइड्स और टरपीन का औषधीय उपयोग आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। अल्कलॉइड्स जैसे कि मोरफीन दर्द निवारक के रूप में कार्य करते हैं जबकि टरपीन मुख्य रूप से अरोमाथेरेपी और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग होते हैं। उनका उपयोग कैंसर, बुखार, और अन्य रोगों के उपचार में किया जाता है।
