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Semester 5: Basics of Remote Sensing and GIS
Remote Sensing: Definition, Type, Scope and Historical Development. Types of Satellites.
Remote Sensing: Definition, Type, Scope and Historical Development, Types of Satellites
Remote Sensing की परिभाषा
Remote Sensing वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पृथ्वी से या अन्य ग्रहों से डेटा प्राप्त किया जाता है। यह डेटा विभिन्न प्रकार के सेंसर्स और उपकरणों के माध्यम से एकत्र किया जाता है, जिनमें उपग्रह, एयरक्राफ्ट और ड्रोन शामिल हैं।
Remote Sensing के प्रकार
Remote Sensing मुख्यतः दो प्रकार का होता है: 1. पैसिव रिमोट सेंसिंग: इसमें प्राकृतिक स्रोतों जैसे सूरज की रोशनी का उपयोग किया जाता है। 2. एक्टिव रिमोट सेंसिंग: इसमें अपने स्रोत से सिग्नल का उत्सर्जन किया जाता है जैसे कि रडार।
Remote Sensing का क्षेत्रफल
Remote Sensing का उपयोग कृषि, वन्यजीवों की निगरानी, जल संसाधनों के प्रबंधन, भूकंप विज्ञान, मौसम विज्ञान और शहरी विकास में किया जाता है। यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण है।
Remote Sensing का ऐतिहासिक विकास
Remote Sensing का विकास 19वीं शताब्दी में शुरू हुआ, जब हवा से फोटो खींचने के लिए बैलून और एयरक्राफ्ट का उपयोग किया गया। 20वीं शताब्दी में, उपग्रह टेक्नोलॉजी के विकास ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी।
उपग्रहों के प्रकार
उपग्रह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: 1. भूस्थिर उपग्रह: जो पृथ्वी के स्थिर बिंदु पर orbit करते हैं। 2. लीनियर उपग्रह: जो पृथ्वी के चारों ओर elliptical orbit में चलते हैं।
Electro-magnetic radiation: Characteristics, spectral regions and bands. Stages or Process of Remote Sensing.
Electro-magnetic radiation: Characteristics, spectral regions and bands. Stages or Process of Remote Sensing
इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक विकिरण की विशेषताएं
इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक विकिरण विद्युत् और चुम्बकीय क्षेत्रों की गति है। यह विभिन्न तरंग दैर्ध्य और आवृत्तियों पर बंटा होता है। इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं: 1. तरंग दैर्ध्य: यह विकिरण की लंबाई है और इसे मीटर में मापा जाता है। 2. आवृत्ति: यह विकिरण के चक्रों की संख्या है जो एक सेकंड में उत्पन्न होती है। 3. ऊर्जा: ऊर्जा तरंग दैर्ध्य के विपरीत होती है; छोटी तरंग दैर्ध्य उच्च ऊर्जा और बड़ी तरंग दैर्ध्य कम ऊर्जा होती है।
स्पेक्ट्रल क्षेत्र और बैंड
इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंडों में विभाजित किया गया है, जैसे: 1. रेडियो तरंगें 2. माइक्रोवेव 3. इन्फ्रारेड 4. दृष्टिगोचर प्रकाश 5. अल्ट्रा वायलेट 6. एक्स-रे 7. गामा किरणें। प्रत्येक बैंड का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे संचार, चिकित्सा, और जलवायु अध्ययन।
रीमोट सेंसिंग की प्रक्रियाएँ
रीमोट सेंसिंग एक प्रक्रिया है जिससे पृथ्वी के सतह के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाती है। इसके चरण निम्नलिखित हैं: 1. डेटा संग्रह: उपग्रहों या विमान से छवियों का संग्रह। 2. डेटा प्रोसेसिंग: इकट्ठा किए गए डेटा का विश्लेषण करना और उपयोगी जानकारी प्राप्त करना। 3. डेटा विश्लेषण: डेटा का व्याख्या करना और निर्णय लेना। 4. डेटा प्रजनन: विश्लेषणित डेटा को मानचित्रों, रिपोर्टों या अन्य औजारों के रूप में प्रस्तुत करना।
Remote sensing satellites: Platform and sensors. Resolution: Spatial, Spectral, Temporal, Radiometric Resolution.
Remote sensing satellites: Platform and sensors. Resolution: Spatial, Spectral, Temporal, Radiometric Resolution.
रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट्स का प्लेटफार्म
रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट्स विभिन्न प्लेटफार्मों पर स्थापित होते हैं, जिसमें लो-ऑर्बिट सेटेलाइट्स, जियोस्टेशनरी सेटेलाइट्स, और हवाई प्लेटफार्म शामिल होते हैं। ये सेटेलाइट्स पृथ्वी की सतह से डेटा संग्रह करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों का उपयोग करते हैं।
सेनर्स का प्रकार
सेटेलाइट्स में विभिन्न प्रकार के सेनर्स लगे होते हैं जैसे कि ऑप्टिकल, इन्फ्रारेड, रडार, और लिडार। इन सेनर्स का उपयोग विभिन्न प्रकार की जानकारी जैसे भूमि उपयोग, जल स्रोत, और पर्यावरणीय स्थितियों के आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए किया जाता है।
स्पैटियल रिज़ॉल्यूशन
स्पैटियल रिज़ॉल्यूशन यह निर्धारित करता है कि एक चित्र में कितनी विस्तृत जानकारी है। उच्च स्पैटियल रिज़ॉल्यूशन वाले चित्रों में अधिक विवरण होता है, जबकि निम्न रिज़ॉल्यूशन वाले चित्र अधिक सामान्य जानकारी देते हैं।
स्पेक्ट्रल रिज़ॉल्यूशन
स्पेक्ट्रल रिज़ॉल्यूशन विभिन्न तरंग दैर्ध्य की पहचान करने की क्षमता को संदर्भित करता है। उच्च स्पेक्ट्रल रिज़ॉल्यूशन वाले सेंसर विभिन्न पदार्थों की पहचान में मदद करते हैं, जैसे कि विभिन्न प्रकार के पौधों, जल, और मिट्टी।
टेम्पोरल रिज़ॉल्यूशन
टेम्पोरल रिज़ॉल्यूशन समय के साथ डेटा के अधिग्रहण की आवृत्ति को दर्शाता है। एक उच्च टेम्पोरल रिज़ॉल्यूशन सेटेलाइट अधिक बार डेटा संग्रहित कर सकता है, जो तेजी से बदलते परिदृश्यों का अध्ययन करने में मदद करता है।
रेडियामेट्रिक रिज़ॉल्यूशन
रेडियामेट्रिक रिज़ॉल्यूशन सेटेलाइट द्वारा मापी गई शक्ति या ऊर्जा की बारीकी को दर्शाता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह डेटा की विशेषता और उस पर आधारित विश्लेषण की सटीकता को प्रभावित करता है।
Remote Sensing data processing and applications: Visual and digital image processing techniques.
Remote Sensing data processing and applications: Visual and digital image processing techniques
Remote Sensing का परिचय
Remote Sensing एक तकनीक है जिसका उपयोग धरती की सतह की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसमें उपग्रह या एयरक्राफ्ट से प्राप्त चित्रों का विश्लेषण किया जाता है।
डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग
डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग में चित्रों को डिजिटल रूप में संसाधित किया जाता है। इसके अंतर्गत इमेज को सुधारना, फ़िल्टरिंग और विशेषताओं को निकालना शामिल है।
विज़ुअल इमेज प्रोसेसिंग
विज़ुअल इमेज प्रोसेसिंग में डाटा को मानव दृष्टि के अनुसार समझा जाता है। इसमें रंग, आकार और पैटर्न की पहचान शामिल है।
डेटा प्रॉसेसिंग तकनीक
डिजिटल और विज़ुअल इमेज प्रोसेसिंग तकनीकें डेटा को साफ़ करने, सुधारने और विश्लेषण करने में मदद करती हैं। ये तकनीकें विभिन्न सॉफ्टवेयर द्वारा लागू की जा सकती हैं।
अनुप्रयोग
Remote Sensing का उपयोग कृषि, पर्यावरण निगरानी, शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन और भूमिगत जल संसाधनों के प्रबंधन में किया जाता है।
Remote Sensing applications in Urban Planning, Agriculture, Forestry, Land use/Land cover Mapping, Oceanic Studies and Disaster Management.
Remote Sensing Applications in Various Fields
Urban Planning
शहरी योजना में रिमोट सेंसिंग का उपयोग विकास की सटीक योजना बनाने, भूमि उपयोग पैटर्न की पहचान, परिवहन नेटवर्क का विश्लेषण और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने के लिए किया जाता है। यह शहरों की वृद्धि और जनसंख्या घनत्व का अध्ययन करने में मदद करता है।
Agriculture
कृषि में, रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग फसल स्वास्थ्य की निगरानी, जलवायु परिवर्तन का अध्ययन, और सिंचाई प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह किसानों को फसल के साथ होने वाले नुकसान का पूर्वानुमान करने और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करने में सहायता करता है।
Forestry
वन्यजीव संरक्षण और वन प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग का महत्व है। यह वन आवरण के परिवर्तन, वनस्पति स्वास्थ्य और जैव विविधता की निगरानी करने में मदद करती है। रिमोट सेंसिंग का उपयोग वनों की कटाई और संरक्षण नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए किया जाता है।
Land Use/Land Cover Mapping
भूमि उपयोग और भूमि आवरण मैपिंग में रिमोट सेंसिंग का उपयोग भूमि की स्थिति का मूल्यांकन करने, शहरीकरण के प्रभावों को समझने और पर्यावरणीय बदलावों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। यह अध्ययन विकास योजनाओं को सूचित करने में मदद करता है।
Oceanic Studies
महासागरीय अध्ययन में रिमोट सेंसिंग का उपयोग समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र, समुद्र स्तर में परिवर्तन और समुद्री प्रदूषण की निगरानी के लिए किया जाता है। यह महासागर के तापमान और धाराओं के पैटर्न की पहचान करने में भी मदद करता है।
Disaster Management
आपदा प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावित क्षेत्रों का आकलन, बचाव कार्यों की योजना और पुनर्वास की रणनीतियों को विकसित करने के लिए किया जाता है। यह भू-स्थानिक डेटा प्रदान करता है जो निर्णय लेने में सहायक होता है।
Introduction to GIS: Definition, concept and history of GIS.
Introduction to GIS
GIS की परिभाषा
GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली) एक प्रणाली है जो भौगोलिक डेटा को इकट्ठा करने, संग्रहीत करने, विश्लेषण करने और प्रदर्शित करने के लिए उपयोग की जाती है। यह विभिन्न प्रकार के स्थानिक डेटा को एक साथ लाने की क्षमता रखती है, जैसे कि मानचित्र, छवियां और संख्यात्मक डेटा।
GIS का तत्त्व और अवधारणा
GIS में विभिन्न आयाम होते हैं, जैसे कि स्थान, डेटा, विश्लेषण और दृश्यता। यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं को डेटा का विश्लेषण करने और जटिल भौगोलिक प्रश्नों के उत्तर खोजने में मदद करती है। GIS का उपयोग पर्यावरण संरक्षण, शहरी योजना, परिवहन प्रबंधन, और आपातकालीन सेवाओं में किया जाता है।
GIS का इतिहास
GIS की उत्पत्ति 1960 के दशक में हुई थी, जब पहले भौगोलिक डेटा सिस्टम विकसित किए गए थे। पहले आधुनिक GIS प्रणाली का विकास कनाडा में हुआ था, जिसे 'Canada Geographic Information System' के नाम से जाना जाता है। समय के साथ, तकनीक में विकास हुआ और GIS प्रणाली को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया गया।
GIS का महत्व
GIS का महत्व विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है, जैसे कि कृषि, स्वास्थ्य सेवा, और प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन। यह निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुगम बनाता है और स्पष्टीकरण के लिए एक दृश्य संदर्भ प्रदान करता है।
Computer fundamentals for GIS, GIS Packages like ARC GIS, ERDAS, QGI etc.
कंप्यूटर के मौलिक सिद्धांत और जीआईएस पैकेजेस
कंप्यूटर के मौलिक सिद्धांत
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डेटा को प्रोसेस करने, संग्रहित करने और जानकारी तैयार करने में सक्षम होता है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। जीआईएस जैसी एप्लीकेशन्स के लिए कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर का सही ज्ञान आवश्यक है।
जीआईएस क्या है
भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) एक तकनीक है जो भौगोलिक डेटा को इकट्ठा करने, स्टोर करने, एनालाइज और प्रसारित करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह विभिन्न स्रोतों से डेटा लेती है और उसे मैप्स, ग्राफ्स, और रिपोर्ट्स में परिवर्तित करती है।
जीआईएस सॉफ्टवेयर पैकेजेस
जीआईएस के लिए कई प्रमुख सॉफ्टवेयर पैकेजेस उपलब्ध हैं जैसे कि ARC GIS, ERDAS, QGIS इत्यादि। इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के विश्लेषण करने, मैप बनाने और डेटा मैनेजमेंट के लिए किया जाता है।
ARC GIS
ARC GIS एक व्यापक जीआईएस सॉफ्टवेयर है जो ESRI द्वारा विकसित किया गया है। यह विभिन्न प्रकार के टूल्स और फंक्शंस प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ता जटिल डेटा सेट्स का विश्लेषण कर सकते हैं तथा इंटरैक्टिव मानचित्र बना सकते हैं।
ERDAS
ERDAS एक सॉफ्टवेयर है जो विशेष रूप से रिमोट सेंसिंग और इमेज एनालिसिस के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उपयोग उपग्रह चित्र एनालिसिस, तस्वीरों का भंडारण और विश्लेषण, और मानचित्र निर्माण के लिए किया जाता है।
QGIS
QGIS एक ओपन-सोर्स जीआईएस सॉफ्टवेयर है जो व्यापक उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय है। यह विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर कार्य करता है और अंतरिक्ष डेटा के लिए कई प्रकार के टूल्स पेश करता है। उपयोगकर्ता इसे कस्टमाइज़ भी कर सकते हैं।
Coordinate system, Datum, Raster and vector data.
Coordinate system, Datum, Raster and vector data
Coordinate System
समन्वय प्रणाली एक गणितीय प्रणाली है जिसका उपयोग पृथ्वी पर किसी बिंदु के स्थान को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। इसमें आमतौर पर भौगोलिक और प्रक्षिप्त समन्वय प्रणालियाँ शामिल होती हैं। भौगोलिक समन्वय प्रणाली में लंबाई और अक्षांतर का उपयोग होता है, जबकि प्रक्षिप्त समन्वय प्रणाली में Cartesian समन्वय (x, y) का उपयोग किया जाता है।
Datum
Datum एक संदर्भ बिंदु सेट है जिसका उपयोग भू-स्थानिक डेटा के लिए किया जाता है। यह पृथ्वी के आकार और उसके परिभाषा के संदर्भ में भौगोलिक जानकारी को सही ढंग से दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, WGS84 और NAD83 दो प्रमुख डाटम हैं, जो GPS के लिए उपयोग किए जाते हैं।
Raster Data
Raster डेटा एक ग्रिड प्रणाली पर आधारित डेटा होता है, जिसमें प्रत्येक कोशिका (पिक्सेल) में एक मान होता है। इसे तस्वीरों के रूप में समझा जा सकता है, जहाँ प्रत्येक पिक्सेल एक विशेष स्थान का प्रतिनिधित्व करता है। रास्टर डेटा आमतौर पर उपग्रह छवियों, वायुमंडलीय डेटा और अन्य चित्रात्मक डेटा के लिए उपयोग किया जाता है।
Vector Data
Vector डेटा बिंदुओं, रेखाओं और आकृतियों के रूप में डेटा को दर्शाता है। इसमें प्रत्येक वस्तु की स्थिति एक निश्चित समन्वय में होती है। यह ज्यादातर भू-स्थानिक डेटा में उपयोग होता है, जैसे कि सड़कें, नदियाँ, और अन्य भौगोलिक विशेषताएँ। वektor डेटा अधिक सटीक और अधिक विश्लेषणात्मक होता है।
