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Semester 2: Biochemistry and Physiology
Structure and Function of Biomolecules: carbohydrates, lipids, amino acids, proteins
Structure and Function of Biomolecules
Carbohydrates
कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने होते हैं। ये शरीर में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होते हैं। इन्हें मोनोसकाराइड्स, ओलिगोसाकाराइड्स और पॉलीसाकाराइड्स में वर्गीकृत किया जा सकता है। मोनोसाकाराइड्स जैसे ग्लूकोज और फ्रक्टोज सरल शर्कराएं होती हैं, जबकि स्टार्च और ग्लीकोजन जटिल शर्कराएं होती हैं।
Lipids
लिपिड्स एक विविध समूह होते हैं जिनमें वसा, ऑयल्स, फॉस्पोलिपिड्स और स्टेरॉइड्स शामिल होते हैं। ये मुख्यतः एपोलर होते हैं और पानी में घुलते नहीं हैं। लिपिड्स ऊर्जा का संग्रहण करते हैं और कोशिका की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फॉस्पोलिपिड्स(cell membrane) का निर्माण करते हैं और स्टेरॉइड्स हार्मोन बनाने में सहायक होते हैं।
Amino Acids
एमिनो एसिड प्रोटीन के निर्माण के लिए आवश्यक मूलभूत इकाइयां होती हैं। सामान्यतः 20 प्रकार के एमिनो एसिड होते हैं। इनमें से 9 आवश्यक होते हैं जिन्हें आहार के माध्यम से प्राप्त करना आवश्यक होता है। एमिनो एसिड में एक अमीनो समूह, एक कार्बोक्सिल समूह और एक विशेष R समूह होता है जो उनकी विशेषता तय करता है।
Proteins
प्रोटीन अमीनो एसिड के लंबे स्ट्रिंग होते हैं जो एक विशेष क्रम में जुड़ते हैं। प्रोटीन शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये एंजाइम, हार्मोन और एंटीबॉडी के रूप में कार्य करते हैं। प्रोटीन की संरचना प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक होती है। इसके कार्य विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे कि katalytic activity और structural support.
Enzyme Action and Regulation: enzyme nomenclature, mechanism, kinetics, allosteric enzymes
Enzyme Action and Regulation
Enzyme Nomenclature
एंजाइम नामकरण के लिए विभिन्न श्रेणियाँ हैं। एंजाइम को उन्हें उत्प्रेरित करने वाले प्रतिक्रियाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। नामकरण में अंतरराष्ट्रीय संघ का अनुसरण किया जाता है, जिसमें एंजाइम के नाम के अंत में 'ase' जोड़ना सामान्य होता है। उदाहरण के लिए, अमाइलेज, प्रोटीज आदि।
Mechanism of Enzyme Action
एंजाइम क्रियान्वयन की प्रक्रिया में विभिन्न चरण होते हैं। यह सामान्यतः सक्रियता पर ध्यान केंद्रित करता है, जहां एंजाइम-substrate जटिलता बनाता है। इस जटिलता के टूटने पर उत्पाद उत्पन्न होते हैं। दो प्रमुख सिद्धांत हैं: लॉक-एंड-key सिद्धांत और इंड्यूस्ड फिट सिद्धांत, जो एंजाइम की विशेषता और ज्ञान को समझने में मदद करते हैं।
Enzyme Kinetics
एंजाइम कथन तेजी का अध्ययन एंजाइम की गति को चरितार्थ करता है। इसे माइकलिस-मेंटन समीकरण के माध्यम से समझा जा सकता है, जिसमें अधिकतम गति (Vmax) और माइकलिस स्थिरांक (Km) का उपयोग किया जाता है। यह समीकरण एंजाइम गतिविधि को प्रदर्शित करता है।
Metabolism of Carbohydrates and Lipids: glycolysis, citric acid cycle, gluconeogenesis, fatty acid metabolism
कार्बोहाइड्रेट्स का मेटाबोलिज़्म
कार्बोहाइड्रेट्स का मेटाबोलिज़्म मुख्य रूप से दो प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है: ग्लाइकोलाइसिस और ग्लूकोनियोजेनेसिस।
ग्लाइकोलाइसिस
ग्लाइकोलाइसिस एक एरोबिक या एनएरोबिक प्रक्रिया है जो ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने के लिए होता है। इसके दौरान ग्लूकोज को दो पायरोवेट में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया में 10 चरण होते हैं।
सिट्रिक एसिड चक्र
सिट्रिक एसिड चक्र, जिसे क्रीब्स चक्र भी कहा जाता है, पायरोवेट को कोएंजाइम A के साथ मिलाकर एसीटिल-CoA बनाता है। यह चक्र ऊर्जा के उत्पादन के लिए NADH और FADH2 का उत्पादन करता है।
ग्लूकोनियोजेनेसिस
ग्लूकोनियोजेनेसिस वह प्रक्रिया है जिसमें ग्लूकोज का निर्माण होता है। यह मुख्य रूप से यकृत में होता है और यह ऊर्जा के निचले स्तर पर शरीर को ग्लूकोज प्रदान करता है।
वसा का मेटाबोलिज़्म
वसा का मेटाबोलिज़्म मुख्यतः फैटी एसिड और ग्लिसरॉल के रूपांतरण के माध्यम से होता है। यह एरोबिक प्रक्रिया में उर्जा उत्पन्न करता है।
फैटी एसिड मेटाबोलिज़्म
फैटी एसिड मेटाबोलिज़्म मुख्य रूप से बीटा ऑक्सीडेशन के माध्यम से होता है, जिसमें फैटी एसिड का ऊर्जा के निर्माण के लिए टूटना शामिल है।
Metabolism of Proteins and Nucleotides: amino acid catabolism, urea cycle, nucleotides and vitamins, oxidative phosphorylation
Metabolism of Proteins and Nucleotides
अमीनो एसिड का अपघटन
अमीनो एसिड का अपघटन प्रोटीन मेटाबॉलिज्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रक्रिया शरीर में एसिड और ऊर्जा का उत्पादन करती है। प्रमुख अपघटन पथों में ट्रांसैमिनेशन और डेहाइड्रोजनेशन शामिल हैं। इस प्रक्रिया के अंत में, एनर्जेटिक यौगिक जैसे एटीपी का निर्माण होता है।
यूरिया चक्र
यूरिया चक्र एक महत्वपूर्ण जैव रासायनिक चक्र है जो शरीर में अमोनिया का विषमुक्त करने का कार्य करता है। यह लिवर में होता है और इसमें विभिन्न एनजाइम्स और उपद्रवियों की सहायकता होती है। यूरिया चक्र के माध्यम से, अमोनिया को यूरिया में परिवर्तित किया जाता है, जिसे फिर मूत्र के माध्यम से बाहर निकाला जाता है।
न्यूक्लियोटाइड्स और विटामिन्स
न्यूक्लियोटाइड्स DNA और RNA के मुख्य घटक हैं। वे ऊर्जा के भंडारण और हस्तांतरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विटामिन्स, विशेषकर बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स, न्यूक्लियोटाइड्स के सिंथेसिस में सहायक होते हैं। ये यौगिक शरीर के मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलेशन
ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलेशन ऊर्जा उत्पादन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो माइटोकॉन्ड्रिया में होती है। यह एटीपी का उत्पादन करती है और इलेक्ट्रॉन्स के ट्रांफर के द्वारा ऊर्जा को मुक्त करती है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन एक अंतिम इलेक्ट्रॉन रिसीवर के रूप में कार्य करती है।
Digestion and Respiration: gastrointestinal tract, digestion, respiration mechanisms, respiratory pigments
Digestion and Respiration
Gastrointestinal Tract
मानव का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट विभिन्न अंगों का समूह है जो खाद्य पदार्थों की पाचन के लिए जिम्मेदार है। यह मुँह से शुरू होकर अन्ननली, पेट, छोटी आंत, और बड़ी आंत तक होता है। इस ट्रैक्ट में विभिन्न ग्रंथियाँ भी होती हैं जो पाचन रस का उत्पादन करती हैं।
Digestion
पाचन प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों का छोटे भागों में टूटना शामिल है ताकि शरीर द्वारा उन्हें अवशोषित किया जा सके। मुँह में लार द्वारा खाद्य पदार्थों का प्रारंभिक पाचन होता है। इसके बाद, पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पाचन एंजाइमों द्वारा पाचन होता है। छोटी आंत में अतिरिक्त एंजाइमों और पित्त का योगदान होता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण होता है।
Respiration Mechanisms
श्वसन प्रक्रिया में ऑक्सीजन का अवशोषण और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन शामिल है। श्वसन दो प्रकार की होती है: बाहरी श्वसन, जिसमें गैसों का परिवहन वायव्यमंडल से रक्त में होता है, और आंतरिक श्वसन, जिसमें कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन के लिए ऑक्सीजन का उपयोग होता है।
Respiratory Pigments
श्वसन वर्णक शरीर में ऑक्सीजन के परिवहन में मदद करते हैं। मानव शरीर में सबसे प्रमुख श्वसन वर्णक हेमोग्लोबिन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। यह ऑक्सीजन के साथ बंधकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँचाता है। अन्य जीवों में विभिन्न प्रकार के श्वसन वर्णक होते हैं, जैसे कि हीमोसाइनिन।
Circulation and Excretion: blood components, haemostasis, heart structure, cardiac cycle, kidney structure and urine formation
Circulation and Excretion
Blood Components
रक्त मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जाता है: प्लाज्मा, रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स। प्लाज्मा तरल भाग है जो पोषक तत्वों, हार्मोन्स और अपशिष्ट पदार्थों को ले जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अंगों तक पहुंचाती हैं। सफेद रक्त कोशिकाएं रोगों से लड़ने में मदद करती हैं और प्लेटलेट्स रक्त जमने में सहायक होती हैं।
Haemostasis
हेमोस्टेसिस वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करता है। यह प्रक्रिया तीन चरणों में होती है: रक्त वाहिकाओं की संकीर्णता, प्लेटलेट्स की एकत्रित होने की क्रिया और रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया। यह प्रक्रियाएं मिलकर रक्तस्त्राव को रोकने में सहायक होती हैं।
Heart Structure
दिल एक पंप की तरह कार्य करता है और यह चार कक्षों में बांटा जाता है: दो दाएं और दो बाएं अट्रिया और वेंट्रिकल्स। दिल के भीतर वाल्व होते हैं जो रक्त के प्रवाह को एक दिशा में सुरक्षित रखते हैं। दिल की पेशियां मांसपेशी टिश्यू से बनी होती हैं, और यह अनैच्छिक होती हैं, जिससे यह स्वचालित रूप से धड़कता है।
Cardiac Cycle
कार्डियक साइकल दिल की धड़कन की एक पूर्ण चक्र है, जिसमें दो मुख्य चरण होते हैं: डाइस्टोल और सिस्टोल। डाइस्टोल के दौरान दिल के कक्ष भरते हैं, जबकि सिस्टोल के दौरान रक्त को धमनियों में पंप किया जाता है। यह प्रक्रिया दिल के पंपिंग कार्य को सुनिश्चित करती है।
Kidney Structure
गुर्दे शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं जो रक्त को शुद्ध करने का काम करते हैं। गुर्दे का मुख्य कार्य रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को निकालना और तरल संतुलन बनाए रखना है। गुर्दे में नेफ्रॉन्स होते हैं, जो फ़िल्टरेशन का कार्य करते हैं, और यह अपशिष्ट पदार्थों को यूरिन में परिवर्तित करते हैं।
Urine Formation
यूरिन निर्माण की प्रक्रिया मुख्य रूप से तीन चरणों में होती है: फ़िल्टरेशन, पुन: अवशोषण और स्राव। गुर्दे के नेफ्रॉन्स में रक्त से अपशिष्ट पदार्थ फ़िल्टर होते हैं, आवश्यक पोषक तत्व पुनः अवशोषित होते हैं और अन्य अपशिष्ट पदार्थ यूरिन के रूप में बाहर निकाले जाते हैं। यह प्रक्रिया शरीर के लिए आवश्यक तरल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करती है.
Nervous System and Endocrinology: neuron structure, action potential, synapses, endocrine glands and hormones
Nervous System and Endocrinology
Neuron Structure
न्यूरॉन का निर्माण कोशिका के मुख्य भाग से होता है जिसे सेल बॉडी कहते हैं। इसके अलावा, इसमें डेंड्राइट्स और एक्सॉन होते हैं। डेंड्राइट्स संकेतों को रिसीव करते हैं जबकि एक्सॉन एक्शन पोटेंशियल को आगे भेजता है।
Action Potential
एक्शन पोटेंशियल एक विद्युत संकेत है जो न्यूरॉन के एक्सॉन के साथ यात्रा करता है। यह मुख्य रूप से सेल के झिल्ली द्वारा आयनों के प्रवाह के कारण उत्पन्न होता है। एक्शन पोटेंशियल की प्रक्रिया में डिपोलराइजेशन और रिपोलराइजेशन शामिल होते हैं।
Synapses
सिनेप्स एक ऐसा स्थान है जहां एक न्यूरॉन दूसरे न्यूरॉन या मांसपेशी सेल से संपर्क करता है। इसमें प्री-सिनेप्टिक और पोस्ट-सिनेप्टिक भाग होते हैं। सिनेप्टिक क्लिफ्ट में न्यूरॉन्स के बीच संकेतों का आदान-प्रदान होता है।
Endocrine Glands
एंडोक्राइन ग्रंथियाँ वो ग्रंथियाँ हैं जो हार्मोन्स का स्राव करती हैं। ये ग्रंथियाँ रक्त के माध्यम से हार्मोन्स का वितरण करती हैं। मुख्य एंडोक्राइन ग्रंथियों में पिट्यूटरी, थायरॉयड, और अड्रिनल ग्रंथियाँ शामिल हैं।
Hormones
हार्मोन्स जैव रासायनिक सिग्नल होते हैं जो शरीर के अंगों और सिस्टम्स के बीच संचार में मदद करते हैं। ये मेटाबॉलिज्म, विकास, और सुरक्षात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। प्रमुख हार्मोन्स में इंसुलिन, थायरॉक्सिन, और एड्रेनालिन शामिल हैं.
Muscular System: histology of muscle types, ultrastructure, muscle contraction mechanisms
मांसपेशी प्रणाली
मांसपेशी प्रकारों का हिस्टोलॉजी
मांसपेशी प्रणाली तीन प्रकार की होती है: कंकाली मांसपेशी, चिकनी मांसपेशी और हृदय मांसपेशी। कंकाली मांसपेशी स्वयं ऐच्छिक होती है और इसके फाइबर लंबी, दानेदार और खंडित होते हैं। चिकनी मांसपेशी अनैच्छिक होती है और इसके फाइबर छोटे और धुंधले होते हैं। हृदय मांसपेशी भी अनैच्छिक होती है, लेकिन इसके फाइबर विशेष रूप से शाखित होते हैं और यह एक सिंपाटिक नेटवर्क में होते हैं।
मांसपेशी संरचना
मांसपेशियों का माइक्रोस्ट्रक्चर मांसपेशी फाइबर्स से मिलकर बनता है, जो कि सूक्ष्मतापरक स्तर पर रेशेदार प्रोटीन जैसे एक्टिन और मायोसिन होते हैं। ये प्रोटीन मांसपेशी संकुचन के लिए जिम्मेदार होते हैं। मांसपेशियों में उपास्थि, रक्त वाहिकाएँ और तंत्रिकाएँ भी होती हैं जो फाइबर्स को पोषण और संवेग प्रदान करती हैं।
मांसपेशियों के संकुचन की प्रक्रिया
मांसपेशी संकुचन के मुख्य तंत्र का आधार सरीसृप तंत्र के सिद्धांत पर होता है। जब तंत्रिका उत्तेजना न्यूरोमस्क्युलर जंक्शन तक पहुंचती है, तो कैल्शियम आयन मुक्त होते हैं। ये कैल्शियम आयन एक्टिन और मायोसिन के बीच बंधन को प्रारंभ करते हैं, जिससे संकुचन होता है। यह प्रक्रिया एटीपी के उपयोग के द्वारा ऊर्जा विकसित करती है।
सारांश
मांसपेशी प्रणाली शरीर की गतिशीलता और कार्य हेतु आवश्यक है। इसके विभिन्न प्रकारों और संरचनाओं के समझ से हमें मांसपेशी संकुचन और कार्यप्रणाली को बेहतर रूप से समझने में मदद मिलती है। मांसपेशी की हिस्टोलॉजी और सूक्ष्म संरचना की जानकारी आज के जीवविज्ञान में महत्वपूर्ण है।
