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Semester 6: Indian & New Literatures in English

  • Prose: Mahatma Gandhi – Hind Swaraj: XVII – Passive Resistance, XVIII-Education

    Prose: Mahatma Gandhi – Hind Swaraj: XVII – Passive Resistance, XVIII-Education
    • Passive Resistance

      महात्मा गांधी ने निष्क्रिय प्रतिरोध की अवधारणा को प्रस्तुत किया। यह एक ऐसा संघर्ष है जिसमें कोई भी शारीरिक हिंसा का सहारा नहीं लिया जाता। गांधी के अनुसार, सत्य और अहिंसा पर आधारित इस प्रतिरोध ने समाज के कमजोर वर्गों को भी सशक्त किया।

    • शिक्षा की भूमिका

      गांधी के अनुसार शिक्षा का मूल उद्देश्य व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। उन्होंने शिक्षा को समाज सुधार और स्वतंत्रता प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण उपकरण माना। उन्होंने वोक्शनल शिक्षा पर जोर दिया ताकि लोग अपने कार्यों से जुड़ सकें।

    • गांधी का दृष्टिकोण

      गांधी ने शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने सामाजिक और नैतिक शिक्षा पर जोर दिया। उनका मानना था कि सच्ची शिक्षा वह है जो व्यक्ति को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करे।

    • निष्कर्ष

      महात्मा गांधी का निष्क्रिय प्रतिरोध और शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक है। यह न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा था, बल्कि औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होने का भी एक तरीका था।

  • Prose: Urvashi Butalia : 'Memory' from the Other Side of Silence : Voices from the Partition of India

    Prose: Urvashi Butalia: Memory from the Other Side of Silence: Voices from the Partition of India
    • परिचय

      उर्वशी बुटालिया की पुस्तक स्मृति: साइलेंस के दूसरी ओर का दृष्टव्य, भारत के विभाजन की आवाजें प्रस्तुत करती है। इसमें विभाजन के दौरान लोगों के अनुभवों को उजागर किया गया है।

    • विभाजन का संदर्भ

      विभाजन के समय की घटनाएँ और यह कैसे लोगों की यादों में बसी हैं। इस समय की कठिनाइयों और चुनौतियों को बुटालिया ने संवेदनशीलता से चित्रित किया है।

    • स्मृति और पहचान

      बुटालिया के लेखन में स्मृति के महत्व को उजागर किया गया है। यादें केवल व्यक्तिगत नहीं होती, बल्कि सामूहिक पहचान को भी प्रभावित करती हैं।

    • आवाजें और अनुभव

      बुटालिया ने विभाजन के कई अनसुने किस्सों को साझा किया है। ये किस्से न केवल त्रासदी, बल्कि साहस और सहानुभूति का भी चित्रण करते हैं।

    • निष्कर्ष

      उर्वशी बुटालिया की इस कृति से हमें विभाजन के अनुभवों की गंभीरता को समझने का अवसर मिलता है। यह हमें स्मृति की शक्ति और उसके सामाजिक प्रभाव पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है।

  • Poetry: Toru Dutt : Our Casurina Tree, Nissim Mahapatra : A Poem of Dedication, Jayanta Mahapatra : A Country, Keki N. Daruwala : Mother

    Poetry of Toru Dutt and Contemporary Indian Poets
    • Toru Dutt: Our Casurina Tree

      टोरू डत्त का कविता 'हमारा कसूरीना वृक्ष' प्रकृति और मानवीय अनुभव के बीच संबंध को उजागर करती है। इस कविता में एक पेड़ का महत्व और उसकी सुंदरता के साथ-साथ उसकी निरंतरता का उल्लेख है। यह कविता जीवन के चक्र और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों पर विचार करती है।

    • Nissim Ezekiel: A Poem of Dedication

      निस्सिम महापात्र की कविता 'एक समर्पण की कविता' को समर्पण और प्रेम के तत्वों के माध्यम से देखा जा सकता है। यह कविता पर्यावरण के साथ जीने की आवश्यकता और मानवीय भावनाओं की गहराई पर प्रकाश डालती है। लेखक की व्यक्तिगत स्मृतियां और उनके अनुभव कविता का केंद्रीय तत्व हैं।

    • Jayanta Mahapatra: A Country

      जयंत महापात्र की 'एक देश' शीर्षक वाली कविता में भारत की सांस्कृतिक विविधता और मानवीय संबंधों की जटिलता की खोज है। यह कविता समाज की वास्तविकताओं और व्यक्ति के स्थान पर विचार करती है। महापात्र की शैली और दृष्टिकोण भारतीय परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    • Keki N. Daruwala: Mother

      केकी एन. दारुवाला की 'माँ' कविता माँ के प्रति सम्मान और भक्ति का प्रदर्शन करती है। यह भारतीय संस्कृति में माँ के स्थान को उजागर करती है और उसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। कविता में परिवार, प्रेम और सुरक्षा के संदेश है, जो भावनात्मक गहराई में मुस्कुराती है।

  • Drama: Mahesh Dattani - Seven Steps Around the Fire, Asif Currimbhoy - The Doldrummers

    Drama: Mahesh Dattani - Seven Steps Around the Fire, Asif Currimbhoy - The Doldrummers
    • Mahesh Dattani

      महेश dattani भारतीय नाटककार हैं, जो समकालीन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 'Seven Steps Around the Fire' उनकी एक प्रमुख कृति है, जो समलैंगिकता, पहचान और पारिवारिक संबंधों के जटिल गतिकी को दर्शाती है।

    • Seven Steps Around the Fire

      यह नाटक एक समलैंगिक जोड़े के इर्द-गिर्द घूमता है, जो समाज और परिवार द्वारा उत्पीड़न का सामना करते हैं। इसमें धार्मिकता, परंपरा और आधुनिकता के बीच का संघर्ष है।

    • Asif Currimbhoy

      असिफ कुर्रिम्भॉय एक महत्वपूर्ण भारतीय नाटककार हैं, जिनका काम सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरा ध्यान देता है। वे आधुनिक भारतीय नाटक के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    • The Doldrummers

      'The Doldrummers' नाटक उन व्यक्तियों के जीवन की कहानी है जो अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। यह नाटक नकारात्मकता, निराशा और व्यक्तिगत संघर्षों की थीम पर केंद्रित है।

    • निष्कर्ष

      महेश dattani और asif currimbhoy जैसे नाटककारों ने भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके नाटक सामाजिक मुद्दों को उजागर करते हैं और दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करते हैं।

  • Fiction: Kamala Markandaya – Nectar in a Sieve, Mulk Raj Anand – Untouchable

    Fiction: Kamala Markandaya – Nectar in a Sieve, Mulk Raj Anand – Untouchable
    कमला मार्कंडया भारतीय लेखिका हैं जो अपने उपन्यास 'NECTAR IN A SIEVE' के लिए जानी जाती हैं।
    यह उपन्यास ग्रामीण भारत में एक महिला की कठिनाइयों और संघर्षों को दर्शाता है।
    सीता, जो अपने परिवार के लिए संघर्ष करती है।
    सामाजिक असमानता, जीवन की निरंतरता, और स्त्री की भूमिका।
    यह कहानी सीता के दृष्टिकोण से कही गई है जो एक साधारण किसान की पत्नी है।
    सीता और उसके पति ने कई विकट परिस्थितियों का सामना किया, जैसे कि बाढ़ और बेरोजगारी।
    उपन्यास में सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तन को दर्शाया गया है।
    मुल्क राज आनंद भारतीय अंग्रेजी साहित्य के एक प्रमुख लेखक हैं।
    उनका उपन्यास 'UNTOUCHABLE' जातिगत भेदभाव और सामाजिक अत्याचारों पर आधारित है।
    भोलू, जो एक चमार है और उसके दर्द को दर्शाता है।
    जातिवाद, मानवता, और समाजिक सुधार।
    यह कहानी एक दिन की घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है जो भोलू द्वारा अनुभव की जाती हैं।
    भोलू की यात्रा और उसकी अपमान का सामना सामाजिक व्यवस्था द्वारा।
    उपन्यास में सामाजिक स्थायीता और न्याय के लिए आवाज उठाई गई है।
  • Prose: Frantz Fanon – Black Skin, White Masks Chapter 4, Nivedita Menon – Seeing Like a Feminist Chapter 2

    Prose: Frantz Fanon – Black Skin, White Masks Chapter 4 and Nivedita Menon – Seeing Like a Feminist Chapter 2
    • फ्रैंज फैनन का कार्य

      फैनन का यह अध्याय नस्लवाद और पहचान पर केंद्रित है। वह बताता है कि कैसे काले लोगों को श्वेत समाज में अपनी पहचान को संकट में पड़ता है। फैनन इस मानसिकता की आलोचना करता है कि काले लोगों को अपने रंग के कारण हीन समझा जाता है।

    • सामाजिक मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

      फैनन यह दर्शाता है कि सांस्कृतिक और नस्लीय पहचान व्यक्ति की सामाजिक स्थिति के साथ कैसे जुड़ी होती है। वह उन मानसिक संघर्षों का वर्णन करता है जो काले लोगों को श्वेत समाज में स्वीकार्यता हासिल करने के लिए झेलने पड़ते हैं।

    • निवेदिता मेनन का फेमिनिज़्म

      मेनन काChapter समकालीन भारतीय नारीवाद की चुनौतियों पर केंद्रित है। वह कहती हैं कि महिलाओं की उच्च स्थिति को नारीवाद के माध्यम से समझना आवश्यक है और यह भी बताती हैं कि कैसे महिलाओं की आवाज़ और मुद्दे अक्सर समाज में नजरअंदाज किए जाते हैं।

    • महिलाओं का अनुभव

      मेनन बताती हैं कि नारीवाद केवल महिलाओं के अधिकारों की मांग नहीं है, बल्कि यह एक दृष्टिकोण है जो समाज के हर पहलू में महिलाओं के अनुभवों को समझता है। यह समानता की खोज के लिए एक आंदोलन है।

    • आध्यात्मिक और मानसिक स्वतंत्रता

      फैनन और मेनन दोनों ही अपने-अपने कार्यों में स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हैं। वे समझते हैं कि सामाजिक और मानसिक स्वतंत्रता एक स्थायी परिवर्तन के लिए आवश्यक है।

    • निष्कर्ष

      इस विषय का अध्ययन नस्लीय और महिला उत्पीड़न के सालों पुराने मुद्दों को समझने में मदद करता है। यह हमें दर्शाता है कि कैसे पहचान और समाज में स्थान को प्रभावित करने वाले कारक एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।

  • Poetry: Pablo Neruda : If You Forget Me, Margaret Atwood : Spellings, Patrick White : Voss, Judith Wright : The Company of Lovers

    • Pablo Neruda : If You Forget Me

      पाब्लो नेरुदा की कविता If You Forget Me में प्रेम और भक्ति का गहरा भाव है। यह कविता प्रेमिका के प्रति कवि की समर्पण भावना को व्यक्त करती है। कवि बताता है कि यदि उसकी प्रेमिका उसे भूल जाती है तो वह भी उसे भूल जाएगा। यह कविता प्रेम की आपसी प्रतिबद्धता और विश्वास को दर्शाती है।

    • Margaret Atwood : Spelling

      मार्गरेट एटवुड की कविता Spelling में भाषा और उसका महत्व दर्शाया गया है। कवि भाषा के विकास और उसके साथ की यादों का जिक्र करती है। इस कविता में शब्दों की शक्ति और उनकी स्थायी छाप पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह कविता महिला अनुभवों और उनकी पहचान के लिए भाषा की भूमिका को उजागर करती है।

    • Patrick White : Voss

      पैट्रिक व्हाइट का उपन्यास Voss ऑस्ट्रेलियाई परिदृश्य में एक यात्रा का वर्णन करता है। यह कहानी एक खोजी और उसके अनुसरण करने वाले लोगों की है। यह उपन्यास पहचान, संस्कृति और अस्तित्व की खोज के विषयों को उठाता है। Voss की कहानी आम आदमी के साहस और मानवाधिकारों के सवालों पर भी प्रकाश डालती है।

    • Judith Wright : The Company of Lovers

      जुडिथ राइट की कविता The Company of Lovers प्रेम और संबंधों की जटिलता को दर्शाती है। यह कविता प्रेमियों के बीच की निकटता और अंतरंगता को बयान करती है। कविता में प्रेम की विविधताएं और इसके रहस्यमय पहलुओं का भी उल्लेख किया गया है। यह कविता भावनाओं की गहराई और प्रेम के विविध अनुभवों को दर्शाने का प्रयास करती है.

  • Fiction: Nadine Gordimer – A Guest of Honour, V.S. Naipaul – A House for Mr. Biswas

    Indian & New Literatures in English
    • Nadine Gordimer – A Guest of Honour

      नादिन गॉर्डिमर का उपन्यास 'ए गेस्ट ऑफ़ ऑनर' दक्षिण अफ़्रीका के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है। यह 1970 के दशक में साम्प्रदायिक तनाव और नस्लीय विभाजन को दर्शाता है। गॉर्डिमर के पात्र और उनके संघर्ष हमें समाज में नाइंसाफी और इंसानियत की बहाली के लिए प्रेरित करते हैं। उपन्यास में राजनीति और व्यक्तिगत संबंधों के बीच का जटिल खेल सामने आता है।

    • V.S. Naipaul – A House for Mr. Biswas

      वी.एस. नायपाल का 'A House for Mr. Biswas' त्रिनिडाड के हिंदू प्रवासी समुदाय की कहानी है। यह उपन्यास व्यक्ति की पहचान, स्वतंत्रता और आत्मसंतोष की तलाश को दर्शाता है। मुख्य पात्र मिस्टर बिस्वास अपने लिए एक घर बनाने के लिए संघर्ष करता है, जो उसे अपनी स्वतंत्रता का अहसास कराता है। नायपाल ने सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौतियों को बखूबी चित्रित किया है।

    • Comparative Analysis

      दोनों लेखक अपने-अपने संदर्भ में गहरे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उद्घाटित करते हैं। गॉर्डिमर नस्लीय विभाजन के प्रति अपनी संवेदनशीलता के माध्यम से दक्षिण अफ़्रीकी जीवन को दर्शाती हैं, जबकि नायपाल प्रवासी अनुभव और पहचान की जटिलताओं को उजागर करते हैं। दोनों कृतियाँ साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और यह दर्शाती हैं कि कैसे कहानी के माध्यम से सामाजिक विषयों पर प्रकाश डाला जा सकता है।

  • Drama: Wole Soyinka - The Lion and the Jewel

    Drama: Wole Soyinka - The Lion and the Jewel
    • Wole Soyinka ka Parichay

      Wole Soyinka, Nigeria ke prasiddh natakkaar aur sahityakar hain. Unhein 1986 mein Nobel Puraskar se sammanait kiya gaya. Unhone apne natak ke madhyam se samajik aur rajneetik vishayon par apni rai vyakt ki hai.

    • The Lion and the Jewel ka Sankshipt Vivaran

      The Lion and the Jewel, 1959 mein likha gaya natak hai. Yah ek samajik aur sanskritik pratirodh ko darshata hai. Is natak mein ek pramukh patra, Baroka, ek samriddh aur prabhavit vyakti hai, jabki Lakunle ek yuva shikshak hai.

    • Patra aur Patrachar

      Is natak ke pramukh patra hain: Sidi, ek sundar aur samarth mahila; Baroka, ek samridh rajput; aur Lakunle, ek yuva shikshak. Inke beech ke sambhand aur nafrat, samajik dhanche par prashn uthate hain.

    • Vishay aur Themes

      Is natak mein pramukh vishay samajik parivartan, naari ki svatantrata, aur parampara aur aadhunikta ke beech ke sangharsh ko darshate hain. Sangharsh ke madhyam se dikhaya gaya hai ki kaise parampara aur aadhunik vichar ek dusre ke sath sangharsh karte hain.

    • Sanskritik Prabhav

      The Lion and the Jewel mein Nigerian sanskriti ka prashansha hoti hai. Natak mein lok geet, nritya aur mantrik prathaon ka prayog hota hai, jo iske ishtaharon ko aur vivekshil banate hain.

    • Natak ka Mahatva

      Wole Soyinka ka yah natak samajik aur rajneetik muktava ko darshata hai. Yah vishesh roop se afrikai samaj mein parampara aur aadhuniकरण ke vicharon ko samjhne mein madadgar hai.

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