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Semester 2: Basic Research Methodology and Statistics

  • Measurement: Nature and Scales of Psychological Measurement; Properties and Functions of Measurement

    मापन: मनोवैज्ञानिक मापन की प्रकृति और स्केल
    • मनोवैज्ञानिक मापन की आवश्यकता

      मनोवैज्ञानिक मापन का मुख्य उद्देश्य मानव व्यवहार, भावना और सोच की गुणवत्ता और मात्रा को समझना है। यह हमें व्यक्तिगत विशेषताओं और मानसिक प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करने में मदद करता है।

    • मापन के प्रकार

      मापन मुख्यतः चार प्रकार का होता है: 1. गुणात्मक मापन, 2. गुणात्मक मापन, 3. रैंक मापन, 4. अनुपात मापन। प्रत्येक प्रकार के अपने विशेष उपयोग और अनुप्रयोग होते हैं जो विभिन्न शोध विधियों के अनुसार निर्धारित होते हैं।

    • मापन के स्केल

      मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्केल होते हैं, जैसे: 1. नामकरण स्केल (Nominal Scale), 2. क्रम स्केल (Ordinal Scale), 3. अंतर स्केल (Interval Scale), 4. अनुपात स्केल (Ratio Scale)। प्रत्येक स्केल की विशेषताएँ और सीमाएं होती हैं।

    • मापन के गुण

      मापन के गुण मुख्यतः सटीकता, विश्वसनीयता और वैधता होते हैं। ये गुण यह सुनिश्चित करते हैं कि माप सही, स्थायी और वास्तविकता को प्रतिबिंबित करते हैं।

    • मापन का कार्य

      मापन का मुख्य कार्य व्यवहार, विशेषताओं और मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना है, जिससे अनुसंधान और मनोवैज्ञानिक सिद्धांत का विकास हो सके। विश्लेषणात्मक आंकड़ों के माध्यम से निर्णय लेने में सहायता मिलती है।

  • Research Methods: Experimental, Correlational; Variable: Concept and Types; Hypothesis: Meaning and Types; Sampling: Concept

    Research Methods in Psychology
    • Experimental Research Methods

      प्रायोगिक अनुसंधान विधियाँ वैज्ञानिक परीक्षणों पर आधारित होती हैं, जहाँ शोधकर्ता स्वतंत्र चर को नियंत्रित करते हैं ताकि निर्भरतम चर के प्रभावों का मूल्यांकन किया जा सके। इन विधियों का उद्देश्य कारण और प्रभाव संबंधों को स्थापित करना है।

    • Correlational Research Methods

      संबंधात्मक अनुसंधान विधियाँ दो या दो से अधिक चर के बीच संबंधों का अध्ययन करती हैं। ये विधियाँ ये बताती हैं कि क्या चर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन ये कारणों की पहचान नहीं करती हैं।

    • Variables: Concept and Types

      चर वे विशेषताएँ होते हैं जिन्हें अनुसंधान में मापा या नियंत्रित किया जाता है। मुख्यतः तीन प्रकार के चर होते हैं: स्वतंत्र चर, निर्भर चर, और नियंत्रित चर। स्वतंत्र चर वह है जिसे शोधकर्ता परिवर्तित करता है, निर्भर चर पर स्वतंत्र चर का प्रभाव होता है, और नियंत्रित चर वे हैं जिन्हें स्थिर रखा जाता है।

    • Hypothesis: Meaning and Types

      अनुमान या परिकल्पना एक पूर्वानुमान है जो अनुसंधान में परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया जाता है। विभिन्न प्रकार की परिकल्पनाएँ होती हैं जैसे कि शून्य परिकल्पना, वैकल्पिक परिकल्पना, और दिशात्मक/गैर-दिशात्मक परिकल्पनाएँ।

    • Sampling: Concept

      नमूना एक ऐसे व्यक्तियों या वस्तुओं का चयन है जो पूरे जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। प्रभावी नमूनाकरण विधियाँ जैसे कि यादृच्छिक नमूना, श्रेणीबद्ध नमूना, और प्रयोजनात्मक नमूना अनुसंधान के परिणामों की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करती हैं।

  • Psychological Statistics: Introduction; Significance of Statistics, Descriptive Statistics: Mean, Standard Deviation, Percentile; Graphical Representation of Data: Polygon, Histogram

    Psychological Statistics
    • Introduction

      मनोवैज्ञानिक सांख्यिकी एक ऐसी शाखा है जो मानसिक प्रक्रियाओं और व्यवहारों के आंकड़ों का संग्रह, विश्लेषण और व्याख्या करती है। यह डेटा को संक्षिप्त और सार्थक तरीके से प्रस्तुत करने में मदद करती है।

    • Significance of Statistics

      सांख्यिकी का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह शोधकर्ताओं को डेटा को व्यवस्थित करने, समझने और निर्णायक निष्कर्ष निकालने में सहायता करती है। यह मनोवैज्ञानिक अनुसंधान में प्राकृतिक भिन्नताओं को समझने और भविष्यवाणियाँ करने का साधन भी है।

    • Descriptive Statistics

      वर्णात्मक सांख्यिकी डेटा के संक्षिप्त सारांश प्रदान करती है। यह मुख्यतः तीन तत्वों पर केंद्रित होती है: 1. Mean (सरासरी): यह सभी डेटा का औसत प्रदान करता है। 2. Standard Deviation (मानक विचलन): यह डेटा के प्रसार का मापन करता है। 3. Percentile (प्रतिशतिल): यह बताता है कि कितने प्रतिशत आंकड़े एक निश्चित मान से कम हैं।

    • Graphical Representation of Data

      डेटा का ग्राफिकल प्रतिनिधित्व डेटा को दृश्य रूप में प्रस्तुत करता है। इसमें शामिल हैं: 1. Polygon: यह विभिन्न बिंदुओं के बीच एक निरंतर रेखा बनाकर डेटा को दिखाता है। 2. Histogram: यह डेटा के वर्गों में वितरण को दिखाने वाला एक चार्ट है, जो डेटा के समूहों के बीच संबंध को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

  • The Normal Distribution: Meaning and Uses; t test: Independent Sample

    The Normal Distribution and t Test: Independent Sample
    • Normal Distribution

      सामान्य वितरण एक सांख्यिकी अवधारणा है, जिसमें डेटा एक बेलनाकार आकर में व्यवस्थित होता है। इसका अर्थ है कि अधिकतर डेटा बिंदु औसत के करीब होते हैं, और दूर जाने पर उनकी संख्या कम होती जाती है। इस वितरण की महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं: 1. इसे एक सममित बेल के आकार में दर्शाया जाता है। 2. औसत, मध्यिका और मोड सभी समान होते हैं। 3. मानक विचलन वितरण की चौड़ाई को निर्धारित करता है।

    • Uses of Normal Distribution

      सामान्य वितरण का कई क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है: 1. सांख्यिकी में मानक परीक्षणों में। 2. डेटा विश्लेषण में। 3. मनोविज्ञान में प्रयोगात्मक डेटा का विश्लेषण करने में। 4. आर्थिक मॉडलिंग में।

    • t Test: Independent Sample

      t परीक्षण एक सांख्यिकीय तकनीक है जिसका प्रयोग दो स्वतंत्र समूहों के बीच के औसतों की तुलना के लिए किया जाता है। इसमें निम्नलिखित मुख्य बातें हैं: 1. यह निर्धारित करता है कि क्या दो समूहों के बीच का अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण है। 2. इसका प्रयोग तब किया जाता है जब समूहों का आकार छोटा हो। 3. अध्ययनों में, यह परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि क्या किसी स्वतंत्र चर का प्रभाव महत्वपूर्ण है।

    • Application in Psychology

      मनोविज्ञान में, सामान्य वितरण और t परीक्षण का उपयोग करके, विभिन्न मानसिक स्थितियों और व्यवहारों का विश्लेषण किया जाता है। यह शोधकर्ताओं को डेटा के पीछे की प्रवृत्तियों को समझने और परिणामों का अर्थ लगाने में मदद करता है।

  • Correlation: Types and Interpretation

    Correlation: Types and Interpretation
    • Correlation क्या है

      Correlation एक सांख्यिकीय तकनीक है जो दो या दो से अधिक मानकों के बीच संबंध को दिखाता है। यह बताता है कि एक मान के परिवर्तन पर दूसरे मान में कितना परिवर्तन होता है।

    • Correlation के प्रकार

      1. सकारात्मक संबंध: जब एक मान बढ़ता है, तो दूसरा भी बढ़ता है। 2. नकारात्मक संबंध: जब एक मान बढ़ता है, तो दूसरा घटता है। 3. कोई संबंध नहीं: जब आंकड़े एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं।

    • Correlation को मापने के तरीके

      1. Pearson की उत्पाद क्षण-संबंध परीक्षा: यह सबसे सामान्य प्रकार की संबंध मापने की विधि है, जिसका उपयोग निरंतर डेटा के लिए किया जाता है। 2. Spearman का रैंक-संबंध परीक्षा: इसका उपयोग श्रेणीबद्ध डेटा के लिए किया जाता है।

    • Interpretation of Correlation

      Correlation का मूल्य -1 से +1 के बीच होता है। +1 का अर्थ है पूर्ण सकारात्मक संबंध, -1 का अर्थ है पूर्ण नकारात्मक संबंध, और 0 का अर्थ है कोई संबंध नहीं।

    • Correlation और causation का फर्क

      Correlation का अर्थ यह नहीं है कि एक चीज दूसरी चीज का कारण है। उदाहरण के लिए, यदि दो हिस्सों के बीच संबंध है, तो यह आवश्यक नहीं कि एक का दूसरे पर प्रभाव हो।

  • Tests: Concept and Types; Psychometric Properties of Tests: Validity and Reliability

    Tests: Concept and Types; Psychometric Properties of Tests: Validity and Reliability
    • परीक्षा का अर्थ और महत्व

      परीक्षा किसी विशेष उद्देश्य के लिए जानकारी या कौशल का आकलन करने की प्रक्रिया है। यह विभिन्न संदर्भों में महत्वपूर्ण है, जैसे शिक्षा, व्यवसाय और मनोविज्ञान।

    • परीक्षण के प्रकार

      1. मानक परीक्षण: ये वह परीक्षण हैं जिनकी प्रक्रिया और मानदंड सेट किए जाते हैं। 2. नैदानिक परीक्षण: ये व्यक्ति की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार बनाए जाते हैं। 3. आत्म-रेटिंग परीक्षण: इसमें व्यक्ति अपने परफॉर्मेंस का मूल्यांकन खुद करता है।

    • मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की मनोवैज्ञानिक विशेषताएँ

      मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की तीन मुख्य विशेषताएँ हैं: वैधता, विश्वसनीयता और मानकीकरण।

    • वैधता (Validity)

      वैधता एक परीक्षण की क्षमता है कि वह वास्तव में उस चीज़ को मापता है जिसके लिए उसे डिज़ाइन किया गया है। मुख्य प्रकार: 1. सामग्री वैधता: परीक्षण के सामग्री का मूल्यांकन। 2. वैकल्पिक वैधता: परीक्षण के परिणामों और अन्य मानकों के साथ संबंध। 3. क्राइटेरियन वैधता: परिणामों की भविष्यवाणी की सटीकता।

    • विश्वसनीयता (Reliability)

      विश्वसनीयता एक परीक्षण की स्थिरता और सुसंगतता को दर्शाती है। मुख्य प्रकार: 1. आंतरिक विश्वसनीयता: विभिन्न प्रश्नों के उत्तरों के बीच का संबंध। 2. समय के साथ विश्वसनीयता: परीक्षण को समय-समय पर दोहराने पर समान परिणाम प्राप्त करना। 3. इंटररेटर विश्वसनीयता: विभिन्न परीक्षकों के बीच सुसंगतता।

  • Intelligence Testing: Measurement of abilities: Wechsler Test of Intelligence: Meaning and Application

    Intelligence Testing: Measurement of abilities: Wechsler Test of Intelligence: Meaning and Application
    • बुद्धिमत्ता परीक्षण की परिभाषा

      बुद्धिमत्ता परीक्षण का उद्देश्य व्यक्ति की मानसिक क्षमताओं को मापना है। यह विभिन्न कौशल जैसे समस्या समाधान, तार्किक सोच, और अभिव्यक्ति के स्तर को निर्धारित करता है।

    • Wechsler परीक्षण का सार

      Wechsler परीक्षण बुद्धिमत्ता के विभिन्न पहलुओं को मापने के लिए एक मानक उपकरण है। इसे David Wechsler द्वारा विकसित किया गया था और इसमें वर्बल तथा प्रदर्शन दोनों प्रकार के स्कोर शामिल होते हैं।

    • Wechsler परीक्षण की संरचना

      Wechsler बुद्धिमत्ता परीक्षण में कई उप-परीक्षण शामिल होते हैं। वर्बल स्कोर में जानकारी, वाक्यांश, और अंकन के परीक्षण होते हैं, जबकि प्रदर्शन स्कोर में वस्तुनिष्ठ पहचान और समूह कार्य जैसे परीक्षण होते हैं।

    • बुद्धिमत्ता के मापन की विधियाँ

      Wechsler परीक्षण बुद्धिमत्ता को मापने के लिए मानकीकरण और मानदंडों का उपयोग करता है। यह सही परिणामों के लिए के लिए उन्होंने जनसंख्या का प्रतिनिधि नमूना चुना।

    • आवेदन क्षेत्र

      Wechsler परीक्षण का उपयोग शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है। यह तनाव, काउंसलिंग और विशेष शिक्षा की आवश्यकताओं का आकलन करने में मदद करता है।

  • Personality Tests: Nature and Types

    Personality Tests: Nature and Types
    • परिभाषा और महत्व

      व्यक्तित्व परीक्षण ऐसे उपकरण हैं जिनका उपयोग किसी व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और व्यवहारिक लक्षणों का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। ये व्यक्ति की अंतर्निहित विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं और विभिन्न परिस्थिति में उसके व्यवहार का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होते हैं।

    • प्रकार

      व्यक्तित्व परीक्षण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: आत्म-रिपोर्ट परीक्षण और प्रोजेक्टिव परीक्षण। आत्म-रिपोर्ट परीक्षणों में व्यक्ति अपनी प्रतिक्रियाओं को दर्ज करता है, जबकि प्रोजेक्टिव परीक्षणों में व्यक्तियों को विभिन्न स्थितियों या चित्रों को देखने और उन पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा जाता है।

    • आत्म-रिपोर्ट परीक्षण

      आत्म-रिपोर्ट परीक्षणों में सबसे मशहूर परीक्षण है MMPI (Minnesota Multiphasic Personality Inventory)। इसमें व्यक्ति को विभिन्न सवालों के जवाब देने होते हैं, और इसके आधार पर मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तित्व के लक्षणों का मूल्यांकन किया जाता है।

    • प्रोजेक्टिव परीक्षण

      प्रोजेक्टिव परीक्षणों में Rorschach Inkblot Test और Thematic Apperception Test (TAT) शामिल हैं। इन परीक्षणों में व्यक्ति को अमूर्त चित्रों या कथाओं के आधार पर अपनी सोच और भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर मिलता है।

    • उपयोग और अनुप्रयोग

      व्यक्तित्व परीक्षणों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि मनोविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य, और मानव संसाधन। ये चिकित्सकों को रोगियों की स्थिति को समझने में मदद करते हैं और कंपनियों को कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया में सहायक होते हैं।

    • सीमाएँ

      व्यक्तित्व परीक्षणों की सीमाएँ भी होती हैं। इनके परिणाम व्यक्ति के स्व-रिपोर्टिंग पर निर्भर करते हैं, जो कभी-कभी भ्रामक हो सकते हैं। इसके अलावा, सांस्कृतिक और सामाजिक कारक भी व्यक्तित्व पर प्रभाव डाल सकते हैं।

Basic Research Methodology and Statistics

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Psychology

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