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Semester 4: Abnormal Psychology

  • Abnormal Psychology: Concept and Criteria of Abnormality, Classification of Abnormality (DSM V): An Introduction

    Abnormal Psychology
    • Abnormality के सिद्धांत और मानदंड

      Abnormality का अर्थ है किसी व्यक्ति के व्यवहार या मानसिक प्रक्रियाओं में असामान्य परिवर्तन। मानसिक विकारों को समझने के लिए विभिन्न सिद्धांत हैं, जैसे कि मेडिकल मॉडल, मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण, और सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य। मानदंड जो अभिभावक या चिकित्सक असामान्य व्यवहार की पहचान करने में उपयोग करते हैं, उनमें व्यवहार का सामर्थ्य, सामाजिक मानकों से विचलन, और व्यक्ति की कार्य क्षमता शामिल हैं।

    • DSM V का परिचय

      DSM V या 'Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders, Fifth Edition' एक मानकीकृत स्रोत है जो मानसिक विकारों की वर्गीकरण और पहचान के लिए प्रयोग किया जाता है। यह चिकित्सकों को मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को पहचानने और वर्णित करने में मदद करता है। DSM V में विकारों की श्रेणियाँ और उनके लक्षण विस्तृत रूप में दिए गए हैं।

    • असामान्यता की वर्गीकरण

      DSM V में मानसिक विकारों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे कि: 1. मूड विकार (उदाहरण: डिप्रेशन, बाईपोलर विकार) 2. चिंता विकार (उदाहरण: सामान्यीकृत चिंता विकार, फोबिया) 3. मनोविज्ञानिक विकार (उदाहरण: स्किजोफ्रेनिया) 4. विकासात्मक विकार (उदाहरण: ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार) 5. व्यक्तिगतता विकार (उदाहरण: नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर) यह वर्गीकरण चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को मानसिक विकारों के उपचार और अध्ययन में सहायता करता है।

    • असामान्यता की पहचान और उपचार

      असामान्य व्यवहार की पहचान के लिए विभिन्न परीक्षण हैं, जिसमें क्लीनिकल इंटरव्यू, मानसिक स्थिति की मूल्यांकन, और मनोवैज्ञानिक परीक्षण शामिल हैं। उपचार के लिए मनोचिकित्सा, दवा, और अन्य समग्र दृष्टिकोण का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति की स्थिति के अनुसार एक अनुकूलित उपचार योजना विकसित की जाती है।

  • Anxiety Disorders: Clinical Picture and Etiology: Generalized Anxiety Disorder (GAD), Phobia, Panic Disorder and Obsessive-Compulsive Disorder (OCD)

    Anxiety Disorders: Clinical Picture and Etiology
    • Generalized Anxiety Disorder (GAD)

      व्यापक चिंता विकार (GAD) एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक और अनियंत्रित चिंता और भय महसूस होता है। इसके लक्षणों में लगातार चिंता, थकान, मांसपेशियों में तनाव, नींद में समस्या, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल हैं। GAD की उत्पत्ति कई कारकों से हो सकती है, जैसे आनुवंशिकता, पर्यावरणीय ट्रॉमा, और व्यक्तिगत चरित्र।

    • Phobia

      फोबिया एक प्रकार की विशेष चिंता विकार है जिसमें व्यक्ति को किसी विशेष वस्तु, स्थिति, या गतिविधि के प्रति भयानक और असंगत भय होता है। यह सामान्य जीवन में बाधा डाल सकता है। उदाहरणों में सामाजिक फोबिया, ऊंचाई का भय, या छोटे स्थानों का भय शामिल हैं। फोबिया का कारण व्यक्तिगत अनुभव, विकासात्मक कारक, और आनुवंशिकता हो सकता है।

    • Panic Disorder

      पैनिक विकार एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अचानक और अनियंत्रित तरीके से पैनिक अटैक (चिंता का तीव्र दौरा) महसूस होता है। ये अटैक शारीरिक प्रतिक्रियाएँ जैसे दिल की धड़कन तेज होना, सांस लेने में समस्या, और चक्कर आना आदि शामिल कर सकते हैं। यह विकार अक्सर व्यक्तिगत और पर्यावरणीय तनाव से संबंधित होता है।

    • Obsessive-Compulsive Disorder (OCD)

      अत्यधिक अनिवार्य विकार (OCD) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति के पास बिना रुके, अनिच्छुक विचार (ओब्सेशन) और प्रतिकृतियां (कंपल्शन) होती हैं। ये विचार और क्रियाएँ अक्सर व्यक्ति के सामान्य जीवन को प्रभावित करती हैं। OCD की उत्पत्ति विभिन्न कारकों से हो सकती है, जैसे आनुवंशिकता, मस्तिष्क की रसायन विज्ञान, और जीवन की घटनाएँ।

  • Dissociative Disorders- Types, Clinical Picture and Etiology

    Dissociative Disorders
    • प्रकार

      1. डिसोसिएटिव अम्नेशिया: इसमें व्यक्ति को अपनी पहचान या महत्वपूर्ण जानकारी का कोई ज्ञान नहीं होता। 2. डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर: यह एक या एक से अधिक पहचान की उपस्थिति का संकेत देता है। 3. डेरियलाइजेशन/डिसोसिएटिव डेरियलाइजेशन: इसमें व्यक्ति वास्तविकता से अलग महसूस करता है।

    • क्लिनिकल चित्र

      डिसोसिएटिव विकारों में व्यक्तियों को याददाश्त की कमी, पहचान में बदलाव, और वास्तविकता से दूर होने की अनुभूतियों का अनुभव होता है। ये लक्षण व्यक्ति के दैनिक जीवन में बाधा डाल सकते हैं।

    • कारण

      डिसोसिएटिव विकार आघात, तनाव और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं के कारण उत्पन्न हो सकते हैं। लंबी अवधि के तनाव या आघात के अनुभव व्यक्ति के मन में dissociation को जन्म दे सकते हैं।

  • Depressive Disorders: Types, Clinical Picture and Etiology

    Depressive Disorders: Types, Clinical Picture and Etiology
    • डिप्रेसिव डिसऑर्डर के प्रकार

      डिप्रेसिव डिसऑर्डर कई प्रकार के होते हैं, जैसे: 1. प्रमुख अवसादीय विकार (Major Depressive Disorder) - यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक उदासी और निराशा का अनुभव करता है। 2.persistant डिप्रेसिव विकार (Persistent Depressive Disorder) - इसे डिस्टिमिया भी कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक हल्की लेकिन निरंतर अवसाद की भावना का अनुभव करता है। 3. द्विध्रुवीय विकार (Bipolar Disorder) - इसमें व्यक्ति अवसाद के दौरे अनुभव करता है, जो ऊर्जावान मानी जाने वाली स्थिति से बदलते हैं। 4. मौसम संबंधी प्रभावी विकार (Seasonal Affective Disorder) - यह आमतौर पर सर्दियों के महीनों में होता है जब दिन की रोशनी कम होती है।

    • क्लिनिकल तस्वीर

      डिप्रेसिव डिसऑर्डर के नैदानिक लक्षणों में शामिल हैं: 1. निरंतर उदासी या खालीपन की भावना। 2. रुचि या आनंद की कमी। 3. ऊर्जा की कमी या थकान। 4. नींद में परिवर्तन - नींद की कमी या अधिक नींद। 5. आत्म-निन्दा या गिल्ट की भावना। 6. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई। 7. आत्मघाती विचार या व्यवहार।

    • एटियोलॉजी

      डिप्रेसिव डिसऑर्डर के कारण जटिल हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं: 1. जैविक कारक - आनुवंशिकी, मस्तिष्क रसायन और हार्मोनल असंतुलन। 2. मनोवैज्ञानिक कारक - व्यक्ति की सोचने की शैली और अनुभवों का इतिहास। 3. सामाजिक और पर्यावरणीय कारक - तनाव, रिश्तों की समस्याएँ, और आर्थिक संकट। 4. जीवनशैली - व्यायाम की कमी, खुराक और नशे का सेवन।

  • Schizophrenia: Types and Clinical Picture

    Schizophrenia: Types and Clinical Picture
    • Schizophrenia क्या है

      Schizophrenia एक गंभीर मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से दूर हो जाता है। इसके लक्षणों में परेशानी, भ्रम, और सामाजिक व्यवहार में बदलाव शामिल हो सकते हैं।

    • Schizophrenia के प्रकार

      Schizophrenia के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि पारानॉइड Schizophrenia, डिसऑर्गेनिज़्ड Schizophrenia, कैटेटोनिक Schizophrenia, और अनडिफ़ाइंड Schizophrenia। प्रत्येक प्रकार के विशिष्ट लक्षण होते हैं।

    • लक्षण और संकेत

      Schizophrenia के सामान्य लक्षणों में hallucinations (भ्रम), delusions (भ्रमित विचार), और नकारात्मक लक्षण जैसे कि सामाजिक वियोग या अवसाद शामिल हैं।

    • Schizophrenia का उपचार

      Schizophrenia का उपचार दवाओं, मनोचिकित्सा, और सामाजिक सहायता के माध्यम से किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि रोगी का नियमित रूप से इलाज किया जाए।

  • Learning Disabilities: Reading and Written expression

    Learning Disabilities: Reading and Written Expression
    • परिभाषा और महत्व

      अधिगम विकार विशेष रूप से पढ़ने और लिखने की क्षमता में कठिनाई होती है। अधिकांश छात्र जो पढ़ने और लिखने में कठिनाई का सामना करते हैं, वे अन्य क्षेत्रों में सामान्य या उच्च क्षमता रखते हैं।

    • पढ़ने में कठिनाइयाँ

      पढ़ने में कठिनाइयाँ कई रूपों में आती हैं, जैसे कि डिस्लेक्सिया। ये बाधाएँ शब्दों को पहचानने, पढ़ने की गति और समझ में कठिनाई पैदा करती हैं।

    • लिखने में कठिनाइयाँ

      लिखने में कठिनाइयाँ, जैसे कि डिस्क्राफिया, लेखन कौशल, वर्तनी, और व्याकरण में समस्याएँ शामिल होती हैं। इससे बच्चों की शैक्षणिक प्रगति पर असर पड़ता है।

    • कारण और प्रभाव

      अधिगम विकारों के कई कारण हो सकते हैं जैसे आनुवंशिकी, जैविक कारक, और पर्यावरणीय कारक। इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास, सामाजिक क्षमता और शैक्षणिक सफलता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

    • निदान और उपचार

      निदान के लिए विशेष मूल्यांकन आवश्यक है, जिसमें स्कूल और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर शामिल होते हैं। उपचार में विशेष शिक्षा, ट्यूशन, और व्यावहारिक तकनीकें शामिल हो सकती हैं।

  • Substance Related Disorder: Substance Abuse and Dependence; Alcohol, Nicotine, Marijuana, Sedatives and Stimulants: Etiology

    Substance Related Disorder: Substance Abuse and Dependence
    परिभाषा
    सबसटेंस संबंधी विकार, जिसे सबस्टेंस ऐब्यूज़ और डिपेंडेंस भी कहा जाता है, एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है। यह स्थिति तब होती है जब कोई व्यक्ति नशीली दवाओं या अल्कोहल के उपयोग के कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में गंभीर समस्याओं का सामना करता है।
    मुख्य पदार्थ
    मुख्य रूप से चार प्रकार के पदार्थों का दुरुपयोग होता है: अल्कोहल, निकोटीन, मारिजुआना, और सिडेटिव्स तथा स्टिमुलेंट्स।
    अल्कोहल
    अल्कोहल का दुर्व्यवहार एक सामान्य समस्या है। यह कभी-कभी शारीरिक निर्भरता का कारण बनता है, जिससे व्यक्ति को शराब के सेवन की आवश्यकता महसूस होती है।
    निकोटीन
    निकोटीन मुख्यतः तंबाकू में पाया जाता है और इसका सेवन धूम्रपान के माध्यम से किया जाता है। यह अत्यधिक addictive है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
    मारिजुआना
    मारिजुआना का सेवन भी एक सामान्य समस्या है। इसका उपयोग मानसिक और शारीरिक अनुभव को बदलने के लिए किया जाता है, लेकिन यह भी निर्भरता का कारण बन सकता है।
    सिडेटिव्स और स्टिमुलेंट्स
    सिडेटिव्स जैसे कि बेंजोडायजेपाइन और स्टिमुलेंट्स जैसे कि कोकीन और एम्फेटामाइन, उपयोगकर्ता के मस्तिष्क में रासायनिक संतुलन को बदलते हैं, जो गंभीर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
    एटियोलॉजी
    इन विकारों का विकास जीन, पर्यावरण, मनोवैज्ञानिक कारकों और व्यक्तिगत विशेषताओं के संयोजन पर निर्भर करता है।
  • Clinical Picture and Etiology of Attention-Deficit/Hyperactivity Disorder (ADHD) and Autism Spectrum Disorders

    Clinical Picture and Etiology of Attention-Deficit/Hyperactivity Disorder (ADHD) and Autism Spectrum Disorders
    • ADHD का क्लिनिकल चित्र

      ADHD एक न्यूरोबायोलॉजिकल विकार है जो बच्चों में अधिक सामान्य है। इसके मुख्य लक्षणों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अत्यधिक सक्रियता और आवेगशीलता शामिल हैं। ये लक्षण सामाजिक, शैक्षणिक और अन्य क्षेत्रों में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।

    • ADHD का कारण

      ADHD के कारणों में आनुवांशिकता, मस्तिष्क के विकास में असमानता और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। अध्ययन से पता चला है कि परिवार में ADHD का इतिहास रखने वाले बच्चों में इस विकार का विकास अधिक सामान्य होता है।

    • ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकारों का क्लिनिकल चित्र

      ऑटिज़्म एक विकासात्मक विकार है जो सामाजिक संपर्क, संवाद और व्यवहार को प्रभावित करता है। इसकी विशेषताएँ संवेदी संवेदनशीलता, रुचियों की सीमितता और व्यवहार में पैटर्न की पुनरावृत्ति शामिल हैं।

    • ऑटिज़्म के कारण

      ऑटिज़्म के कारणों में आनुवांशिकी, गर्भावस्था के दौरान जटिलताएँ और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। हाल के शोधों में जीनों और वातावरण के बीच के संबंध को भी समझने की कोशिश की गई है।

    • ADHD और ऑटिज़्म के बीच का संबंध

      ADHD और ऑटिज़्म दोनों ही विकार सामान्यतः युवा बच्चों में देखे जाते हैं। दोनों में कुछ समान लक्षण होते हैं लेकिन इनके नैदानिक मापदंड और हस्तक्षेप के तरीके भिन्न होते हैं। इसीलिए सही निदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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