
यह पोस्ट “BSc 2nd Semester Chemistry Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीएससी द्वितीय सेमेस्टर में रसायन शास्त्र (Chemistry) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
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इस लेख में आपको BSc 2nd सेमेस्टर रसायन शास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत दूसरे सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BSc 2nd Semester Chemistry Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीएससी सेकंड सेमेस्टर रसायन शास्त्र (Chemistry) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
📘 पेपर विवरण
कोर्स कोड: B020201T
पेपर का नाम: बायोऑर्गेनिक और औषधीय रसायन (Bioorganic and Medicinal Chemistry)
प्रकार: वैकल्पिक (Elective)
क्रेडिट: 4
कुल व्याख्यान: 60
🎯 पाठ्यक्रम परिणाम (Course Outcomes)
इस कोर्स को पढ़ने के बाद छात्र:
- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, अमीनो अम्ल, न्यूक्लिक अम्ल जैसे बायोमोलिक्यूल्स (Biomolecules) की संरचना और कार्य को समझ पाएंगे।
- औषधीय रसायन (Medicinal Chemistry) की मूल बातें जानकर दवाओं की रचना, कार्य और उपयोग को समझ सकेंगे।
- जीवन रसायन (Biochemistry), औषधि उद्योग, भोजन और पेय पदार्थ उद्योग में करियर के अवसर पा सकेंगे।
🍬 इकाई I: कार्बोहाइड्रेट की रसायन (Chemistry of Carbohydrates) – 10 व्याख्यान
- कार्बोहाइड्रेट के प्रकार: रिड्यूसिंग और नॉन-रिड्यूसिंग
- ग्लूकोज़ और फ्रुक्टोज की संरचना, ओपन चेन और साइクリック संरचना
- म्यूटारोटेशन (Mutarotation), एपीमर (Epimer), एनॉमर (Anomer)
- ग्लूकोज़ की संरचना निर्धारण (Fischer Method), हावर्थ चित्र (Haworth Projection)
- शर्कराओं का आपसी परिवर्तन: एल्डोज़ से कीटोज़ और ऊपर-नीचे की श्रृंखला में बदलाव
- डिसैकराइड (sucrose, maltose, lactose) और पॉलीसैकराइड (starch, cellulose)
📌 सरल उदाहरण:
ग्लूकोज़ और फ्रुक्टोज दोनों मीठे होते हैं, लेकिन उनकी बनावट अलग होती है। चीनी (sucrose) एक डिसैकराइड है, जिसमें दोनों जुड़े रहते हैं।
🧬 इकाई II: प्रोटीन की रसायन और एंजाइम (Chemistry of Proteins and Enzymes) – 10 व्याख्यान
- अमीनो अम्लों के प्रकार, ज़्वीटर आयन (Zwitter ion), आइसोइलेक्ट्रिक बिंदु
- प्रोटीन की चार स्तरों की संरचना – प्राथमिक से चतुर्थक
- N और C टर्मिनल की पहचान के तरीके (DNFB, Edman, Carboxypeptidase)
- सरल पेप्टाइड संश्लेषण (जैसे डाइपेप्टाइड)
- एंजाइम की क्रिया विधि, सहएंजाइम (Coenzyme), सहकारक (Cofactor)
- एंजाइम अवरोध (Inhibitors): प्रतिस्पर्धी और गैर-प्रतिस्पर्धी
📌 सरल उदाहरण:
अमीनो अम्ल दूध में पाए जाने वाले केसिन में होते हैं। एंजाइम पाचन में मदद करते हैं, जैसे पेट में पेप्सिन प्रोटीन तोड़ता है।
🧪 इकाई III: न्यूक्लिक अम्ल की रसायन (Chemistry of Nucleic Acids) – 5 व्याख्यान
- न्यूक्लिक अम्ल के घटक: एडेनिन, ग्वानिन, साइटोसिन, थायमिन
- न्यूक्लियोसाइड और न्यूक्लियोटाइड
- DNA और RNA की संरचना (Watson-Crick मॉडल)
- आनुवंशिक क्रियाएँ: प्रतिकृति (Replication), प्रतिलेखन (Transcription), अनुवादन (Translation)
📌 सरल उदाहरण:
DNA एक लंबा धागे जैसा अणु होता है, जो हमारे शरीर की पूरी जानकारी (Genes) रखता है।
💊 इकाई IV: औषधीय रसायन का परिचय (Introductory Medicinal Chemistry) – 10 व्याख्यान
- दवा की खोज और संरचना
- दवा और रिसेप्टर सिद्धांत (Drug-Receptor Theory)
- OH, NH₂, डबल बांड, Aromatic रिंग की भूमिका
- विभिन्न दवाओं का निर्माण:
- दर्द निवारक: एस्पिरिन, पेरासिटामोल
- एंटीबायोटिक: क्लोरामफेनिकोल
- जीवाणुरोधी: सल्फोनामाइड
- एंटीवायरल: एसाइक्लोविर
- तंत्रिका प्रणाली की दवाएं: डाइजेपाम
- हृदय: ग्लिसरिल ट्राइनेट्रेट
- HIV की दवा: AZT (Zidovudine)
📌 सरल उदाहरण:
पेरासिटामोल बुखार और दर्द दोनों में काम आता है। यह मेडिकल किट में आमत: मिलती है।
🧊 इकाई V: ठोस अवस्था (Solid State) – 5 व्याख्यान
- क्रिस्टल का ढाँचा (Space Lattice), यूनिट सेल
- क्रिस्टल विज्ञान के नियम: कोण स्थिरता, रैशनल इंडेक्स
- एक्स-रे विवर्तन (X-ray Diffraction), ब्रैग समीकरण (Bragg’s Equation)
- NaCl, KCl, CsCl की संरचना
📌 सरल उदाहरण:
नमक (NaCl) क्रिस्टल में छोटे-छोटे घनों (cubes) का दोहराव होता है – यही यूनिट सेल है।
🧵 इकाई VI: पॉलिमर की भूमिका (Introduction to Polymers) – 10 व्याख्यान
- मोनोमर, ओलिगोमर, पॉलिमर
- प्राकृतिक और कृत्रिम पॉलिमर: रबर, प्लास्टिक, नायलॉन
- पॉलिमर में बंध – प्राथमिक और द्वितीयक
- पॉलिमर का आणविक भार: Mn, Mw
- निर्धारण की विधियाँ: विस्कोसिटी, लाइट स्कैटरिंग, ओस्मोमेट्री
- सिलिकोन और फॉस्फाजीन (Silicones & Phosphazenes)
📌 सरल उदाहरण:
प्लास्टिक की बोतल, रबर की चप्पल और नायलॉन की रस्सी – ये सब पॉलिमर से बने होते हैं।
⚙️ इकाई VII: पॉलिमरीकरण की गति और विधियाँ (Kinetics and Mechanism of Polymerization) – 5 व्याख्यान
- पॉलिमर बनाने की विधियाँ: जोड़ अभिक्रिया (Addition), संघनन (Condensation)
- Ziegler–Natta पद्धति
- पॉलीएस्टर, पॉलीअमाइड, फिनॉल-फॉर्मल्डिहाइड, एपॉक्सी, पॉलियूरीथेन
- प्राकृतिक और कृत्रिम रबर
- ऑर्गेनिक कंडक्टिंग पॉलिमर का परिचय
📌 सरल उदाहरण:
Fevicol में मौजूद पदार्थ पॉलीविनाइल एसीटेट नामक पॉलिमर होता है जो चिपकाने में सहायक है।
🎨 इकाई VIII: सिंथेटिक डाई (Synthetic Dyes) – 5 व्याख्यान
- रंग और उसकी संरचना का संबंध
- डाई के प्रकार – एसिड, बेसिक, डिस्पर्स आदि
- सामान्य डाई का निर्माण:
- मिथाइल ऑरेंज, कॉन्गो रेड, मालाकाइट ग्रीन, क्रिस्टल वायलेट
- फिनोलफ्थलीन, फ्लोरेसिन, एलिजेरिन, इंडिगो
📌 सरल उदाहरण:
कॉन्गो रेड और मिथाइल ऑरेंज का उपयोग आमतौर पर अम्ल-क्षार की पहचान में किया जाता है।
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