यह पोस्ट “BSc 4th Semester Microbiology Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर में सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
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इस लेख में आपको BSc 4th सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत चौथे सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BSc 4th Semester Microbiology Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीएससी फोर्थ सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
🟦 Paper Details (प्रश्न पत्र विवरण)
- कार्यक्रम/कक्षा (Programme/Class): डिप्लोमा (Diploma)
- वर्ष (Year): द्वितीय (Second)
- सेमेस्टर (Semester): चतुर्थ (Fourth)
- विषय (Subject): माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- कोर्स कोड (Course Code): B080401T
- कोर्स शीर्षक (Course Title): आणविक जीवविज्ञान और सूक्ष्मजीव आनुवंशिकी
(Molecular Biology and Microbial Genetics) - क्रेडिट (Credits): 4
- कोर (Core): अनिवार्य (Compulsory)
- अधिकतम अंक (Max. Marks): 25+75
- न्यूनतम उत्तीर्ण अंक (Min. Passing Marks): नियमानुसार
- कुल व्याख्यान (Total Lectures/Hours): 60 घंटे (L-T-P: 4-0-0)
🟩 Course Outcome (पाठ्यक्रम परिणाम)
इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद विद्यार्थी:
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिकाओं की रचना और कार्यों के बीच अंतर समझ पाएंगे।
- गुणसूत्रीय और एक्स्ट्रा-क्रोमोजोमल जीन की क्रियावली और प्रसारण विधियों को जान पाएंगे।
- जीन अभिव्यक्ति (gene expression) के विभिन्न स्तरों पर नियंत्रण की विधियों को समझेंगे।
- यह जान पाएंगे कि किस प्रकार आंतरिक और बाह्य संकेत जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करते हैं और इससे सूक्ष्मजीवों की विविधता तथा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है।
- उत्परिवर्तन (Mutation) की प्रक्रियाएं और उनके परिणामों को पहचान सकेंगे।
📘 Units with Explanation and Examples (इकाइयाँ विवरण सहित)
🟨 Unit I: जीनोम संगठन का अवलोकन (Overview of Genome Organization)
- मुख्य विषय:
DNA और RNA का आनुवंशिक पदार्थ के रूप में कार्य; DNA की डबल हेलिक्स संरचना; DNA के प्रकार; RNA की संरचना; DNA का denaturation व renaturation, cot curves; DNA की टोपोलॉजी (linking number, topoisomerases); प्रोकैरियोट्स, वायरस और यूकैरियोट्स में DNA का संगठन। - उदाहरण:
- E. coli में DNA सुपरकॉइल्ड फॉर्म में पैक होता है।
- DNA डेनैचरेशन उबलते पानी में होने वाली दो strands की अलगाव प्रक्रिया है।
🟨 Unit II: DNA प्रतिकृति (DNA Replication in Prokaryotes and Eukaryotes)
- मुख्य विषय:
द्विदिश (bidirectional) और एकदिश (unidirectional) प्रतिकृति; अर्ध-संरक्षणात्मक (semi-conservative) व अर्ध-अविरल (semi-discontinuous) प्रतिकृति; क्रोमोसोम के सिरों की प्रतिकृति। - उदाहरण:
- प्रोकैरियोट्स में एक ही origin होता है जबकि यूकैरियोट्स में अनेक होते हैं।
- DNA polymerase प्रमुख एंजाइम है जो DNA की प्रतिकृति करता है।
🟨 Unit III: लिप्यंतरण (Transcription in Prokaryotes and Eukaryotes)
- मुख्य विषय:
ट्रांसक्रिप्शन यूनिट की अवधारणा; प्रोकैरियोट्स और यूकैरियोट्स में सामान्य ट्रांसक्रिप्शन प्रक्रिया; ई-यूकैरियोट्स में पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल संशोधन; वैकल्पिक स्प्लाइसिंग और RNA इंटरफेरेंस। - उदाहरण:
- ई-यूकैरियोट्स में mRNA बनने के बाद उसमें कैपिंग, टेलिंग और स्प्लाइसिंग होती है।
- RNAi का उपयोग जीन साइलेंसिंग के लिए किया जाता है।
🟨 Unit IV: अनुवाद (Translation in Prokaryotes and Eukaryotes)
- मुख्य विषय:
राइबोसोम और tRNA की संरचना और प्रोसेसिंग; अनुवाद की प्रक्रिया; जेनेटिक कोड, वॉबल हाइपोथीसिस, fidelity। - उदाहरण:
- वॉबल हाइपोथीसिस tRNA के फ्लेक्सिबिलिटी को दर्शाता है जिससे एक tRNA कई codons पढ़ सकता है।
- प्रोकैरियोट्स में ट्रांसक्रिप्शन और ट्रांसलेशन एक साथ होते हैं।
🟨 Unit V: जीन अभिव्यक्ति का नियंत्रण (Regulation of Gene Expression)
- मुख्य विषय:
DNA मिथाइलेशन, हिस्टोन एसिटाइलेशन और मिथाइलेशन के माध्यम से अभिव्यक्ति का नियंत्रण; Inducible और Repressible Operon सिस्टम; ट्रांसक्रिप्शन और ट्रांसलेशन स्तर पर नियंत्रण। - उदाहरण:
- Lac operon एक inducible सिस्टम है जो केवल तब चालू होता है जब लैक्टोज उपस्थित हो।
- Tryptophan operon एक repressible प्रणाली है।
🟨 Unit VI: प्लास्मिड (Plasmids in Prokaryotes and Eukaryotes)
- मुख्य विषय:
प्लास्मिड की प्रतिकृति और विभाजन; होस्ट रेंज; प्लास्मिड असंगतता; copy number नियंत्रण; curing और amplification; प्लास्मिड के प्रकार। - उदाहरण:
- F-plasmid में यौन गुणों का कोड होता है जिससे बैक्टीरिया conjugation कर सकता है।
- एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस प्लास्मिड्स सामान्य होते हैं।
🟨 Unit VII: बैक्टीरियल जीन एक्सचेंज प्रक्रिया (Bacterial Gene Exchange Processes)
- मुख्य विषय:
आनुवंशिक सामग्री का क्षैतिज हस्तांतरण: ट्रांसफॉर्मेशन, कंजुगेशन, ट्रांसडक्शन, कॉम्प्लिमेंटेशन। - उदाहरण:
- कंजुगेशन में F+ बैक्टीरिया अपने प्लास्मिड को F- को ट्रांसफर करता है।
- ट्रांसडक्शन में वायरस DNA को एक बैक्टीरिया से दूसरे में ले जाता है।
🟨 Unit VIII: उत्परिवर्तन और DNA मरम्मत (Mutations, Mutagenesis and Repair)
- मुख्य विषय:
उत्परिवर्तन के प्रकार; भौतिक और रासायनिक उत्प्रेरक; लॉस और गेन ऑफ फंक्शन म्यूटेंट्स; रिवर्शन और सप्रेशन; एम्स टेस्ट; DNA मरम्मत प्रणाली। - उदाहरण:
- UV प्रकाश DNA में थायमीन डाइमर बनाता है जो उत्परिवर्तन का कारण होता है।
- Ames Test से किसी पदार्थ के उत्परिवर्तनकारी (mutagenic) होने का परीक्षण किया जाता है।
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इस सेक्शन में बीएससी फोर्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) के syllabus का लिंक दिया गया है |
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