यह पोस्ट “BSc 5th Semester Computer Science Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीएससी पंचम सेमेस्टर में कंप्यूटर साइंस (Computer Science) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
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इस लेख में आपको BSc 5th सेमेस्टर कंप्यूटर साइंस का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत पाँचवें सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BSc 5th Semester Computer Science Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर कंप्यूटर साइंस (Computer Science) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
📘 Paper 1: Analysis of Algorithm and Data Structures
विषय: कंप्यूटर साइंस (Computer Science)
पेपर: एल्गोरिदम का विश्लेषण और डाटा संरचनाएं (Analysis of Algorithm and Data Structures)
कोर्स कोड: B070501T
क्रेडिट: 4 | कोर: अनिवार्य
अधिकतम अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 थ्योरी)
कुल व्याख्यान: 60 (प्रति सप्ताह 4 घंटे)
🎯 कोर्स आउटकम्स (Course Outcomes):
- एल्गोरिदम डिज़ाइन के विभिन्न तरीकों (जैसे Iterative, Divide and Conquer, Dynamic Programming, Greedy) को समझ सकेंगे।
- विभिन्न डेटा स्ट्रक्चर (Array, Stack, Queue, Linked List, Tree) का कुशलता से उपयोग कर सकेंगे।
- डेटा एब्स्ट्रैक्शन और इंफॉर्मेशन हाइडिंग के साथ ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्राम तैयार कर सकेंगे।
- सॉफ़्टवेयर विकास टूल्स जैसे कंपाइलर, डिबगर, एडिटर आदि का सही प्रयोग कर सकेंगे।
📚 सिलेबस विवरण (Syllabus Details):
🟩 Unit I: एल्गोरिदम की भूमिका और डिजाइन तकनीक (Introduction and Design Techniques of Algorithms)
- एल्गोरिदम की बेसिक डिजाइन और विश्लेषण तकनीकें (Basic Design and Analysis Techniques)
- समय और स्थान जटिलता (Time and Space Complexity)
- एल्गोरिदम की शुद्धता (Correctness of Algorithm)
- एल्गोरिदम डिज़ाइन तकनीकें:
- पुनरावृत्ति (Iterative Techniques)
- विभाजित और जीतें (Divide and Conquer)
- डायनामिक प्रोग्रामिंग (Dynamic Programming)
- लालची तकनीक (Greedy Algorithms)
उदाहरण:
Fibonacci संख्या निकालना → Iterative vs. Recursive vs. Dynamic Programming
Lectures: 7
🟩 Unit II: सॉर्टिंग तकनीकें (Sorting Techniques)
- प्रारंभिक सॉर्टिंग तकनीकें:
- बबल सॉर्ट (Bubble Sort)
- इन्सर्शन सॉर्ट (Insertion Sort)
- मर्ज सॉर्ट (Merge Sort)
- उन्नत सॉर्टिंग तकनीकें:
- हीप सॉर्ट (Heap Sort)
- क्विक सॉर्ट (Quick Sort)
- रैखिक समय में सॉर्टिंग:
- बकेट सॉर्ट (Bucket Sort)
- रेडिक्स सॉर्ट (Radix Sort)
- काउंट सॉर्ट (Count Sort)
उदाहरण:
10 संख्याओं की सूची को बबल सॉर्ट से बढ़ते क्रम में सजाना
Lectures: 8
🟩 Unit III: सर्चिंग तकनीकें और जटिलता विश्लेषण (Searching Techniques and Complexity Analysis)
- रेखीय खोज (Linear Search)
- बाइनरी खोज (Binary Search)
- मेडियन और क्रम सांख्यिकी (Medians & Order Statistics)
उदाहरण:
एक सूची में “25” को खोजने के लिए बाइनरी सर्च का प्रयोग
Lectures: 7
🟩 Unit IV: ऐरेज़ (Arrays)
- एक-आयामी और बहु-आयामी ऐरे (Single and Multi-dimensional Arrays)
- स्पार्स मैट्रिक्स (Sparse Matrices)
उदाहरण:
5×5 का मैट्रिक्स जिसमें अधिकतर मान 0 हैं → Sparse Matrix Representation
Lectures: 7
🟩 Unit V: स्टैक और क्यू (Stacks and Queues)
- स्टैक को ऐरे और लिंक्ड लिस्ट से बनाना
- प्रीफिक्स, इंफिक्स और पोस्टफिक्स अभिव्यक्तियाँ (Prefix, Infix, Postfix Expressions)
- क्यू का ऐरे और लिंक्ड लिस्ट प्रतिनिधित्व
- डीक्यू (Dequeue) और प्राथमिकता क्यू (Priority Queues)
उदाहरण:
(3 + 4) × 5 को पोस्टफिक्स में बदलें → 3 4 + 5 ×
Lectures: 8
🟩 Unit VI: लिंक्ड लिस्ट्स (Linked Lists)
- सिंगली लिंक्ड लिस्ट (Singly Linked List)
- डबल लिंक्ड लिस्ट (Doubly Linked List)
- सर्कुलर लिंक्ड लिस्ट (Circular List)
- स्टैक और क्यू को लिंक्ड लिस्ट के रूप में बनाना
उदाहरण:
लिंक्ड लिस्ट में एक नए नोड को जोड़ना
Lectures: 8
🟩 Unit VII: पुनरावृत्ति (Recursion)
- सरल समस्याओं की रिकर्सिव परिभाषा और कार्यान्वयन
- रिकर्सन के फायदे और सीमाएं (Advantages and Limitations)
उदाहरण:
Factorial (n!) की गणना रिकर्सन द्वारा
Lectures: 7
🟩 Unit VIII: वृक्ष (Trees)
- ट्री का परिचय (Introduction to Tree)
- बाइनरी ट्री (Binary Tree)
- बाइनरी सर्च ट्री (Binary Search Tree)
- ट्रैवर्सल (Traversal: Inorder, Preorder, Postorder)
उदाहरण:
BST में 50, 30, 70, 20, 40, 60, 80 जोड़ना और Inorder ट्रैवर्सल करना
Lectures: 8
📘 Paper 2: Soft Computing
विषय: कंप्यूटर साइंस (Computer Science)
पेपर-II: सॉफ्ट कंप्यूटिंग (Soft Computing)
कोर्स कोड: B070502T
क्रेडिट: 4 | कोर: अनिवार्य
अधिकतम अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 थ्योरी)
कुल व्याख्यान: 60 (प्रति सप्ताह 4 घंटे)
🎯 कोर्स आउटकम्स (Course Outcomes):
- छात्र सॉफ्ट कंप्यूटिंग की मूल अवधारणाओं (Soft Computing Concepts) को समझ पाएंगे और उन्हें वास्तविक समस्याओं में प्रयोग कर सकेंगे।
- उपयुक्त न्यूरल नेटवर्क डिज़ाइन करना सीखेंगे (Neural Network Design)।
- फजी लॉजिक (Fuzzy Logic) के नियमों और निर्णय प्रणाली (Decision Making System) को विकसित करने की क्षमता आएगी।
- अनुकूलन तकनीकों (Optimization Techniques) और जेनेटिक प्रोग्रामिंग (Genetic Programming) की उपयोगिता समझ सकेंगे।
📚 सिलेबस विवरण (Syllabus Details):
🟩 Unit I: न्यूरल नेटवर्क का परिचय (Introduction to Neural Networks)
- न्यूरॉन और उसकी संरचना (Neuron and Nerve Structure)
- सिनेप्स (Synapse)
- कृत्रिम न्यूरॉन मॉडल (Artificial Neuron and Its Model)
- एक्टिवेशन फंक्शन्स (Activation Functions)
उदाहरण:
जैसे इंसान का मस्तिष्क निर्णय लेता है, वैसे ही कंप्यूटर न्यूरल नेटवर्क की मदद से पैटर्न को पहचानता है।
Lectures: 7
🟩 Unit II: न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर (Neural Network Architecture)
- सिंगल लेयर और मल्टीलेयर नेटवर्क (Single Layer and Multilayer Feedforward Networks)
- रिकरन्ट नेटवर्क (Recurrent Networks)
- परसेप्ट्रॉन और कन्वर्जेन्स नियम (Perceptron and Convergence Rule)
- सुपरवाइज्ड और अनसुपरवाइज्ड लर्निंग (Supervised & Unsupervised Learning Network)
उदाहरण:
ईमेल स्पैम को पहचानने के लिए सुपरवाइज्ड लर्निंग नेटवर्क का उपयोग।
Lectures: 8
🟩 Unit III: बैक प्रॉपेगेशन नेटवर्क – I (Back Propagation Networks – I)
- परसेप्ट्रॉन मॉडल (Perceptron Model)
- सिंगल और मल्टी लेयर परसेप्ट्रॉन (Single and Multi-layer Perceptron Model)
उदाहरण:
बच्चों को संख्याओं को पहचानना सिखाना, जैसे न्यूरल नेटवर्क इनपुट को आउटपुट में बदलना सीखता है।
Lectures: 7
🟩 Unit IV: बैक प्रॉपेगेशन नेटवर्क – II (Back Propagation Networks – II)
- बैक प्रॉपेगेशन लर्निंग मैथड्स (Back Propagation Learning Methods)
- लर्निंग कोफिशिएंट का प्रभाव (Effect of Learning Rule Coefficient)
- बैक प्रॉपेगेशन एल्गोरिद्म (Back Propagation Algorithm)
- एप्लिकेशन (Applications)
उदाहरण:
हैंडरिटन कैरेक्टर रिकग्निशन सिस्टम में बैकप्रॉपेगेशन का उपयोग।
Lectures: 8
🟩 Unit V: फजी लॉजिक का परिचय – I (Fuzzy Logic Introduction – I)
- फजी लॉजिक की मूल अवधारणाएँ (Basic Concepts of Fuzzy Logic)
- फजी सेट और क्रिस्प सेट (Fuzzy Sets and Crisp Sets)
- फजी सेट सिद्धांत और ऑपरेशंस (Fuzzy Set Theory and Operations)
- फजी सेट्स की विशेषताएँ (Properties of Fuzzy Sets)
उदाहरण:
“पानी गरम है” – यह स्पष्ट नहीं है, फजी लॉजिक ऐसी धुंधली बातों को समझने में मदद करता है।
Lectures: 7
🟩 Unit VI: फजी लॉजिक का परिचय – II (Fuzzy Logic Introduction – II)
- फजी और क्रिस्प रिलेशन (Fuzzy and Crisp Relations)
- फजी से क्रिस्प कन्वर्ज़न (Fuzzy to Crisp Conversion)
- मेंबरशिप फंक्शन (Membership Functions)
- फजी लॉजिक में इंटरफेरेंस (Inference in Fuzzy Logic)
- फजी if-then नियम (Fuzzy If-Then Rules)
- फजिफिकेशन और डिफजिफिकेशन (Fuzzification & Defuzzification)
उदाहरण:
वाशिंग मशीन में “थोड़ा गंदा”, “बहुत गंदा” जैसे निर्णय फजी लॉजिक से लिए जाते हैं।
Lectures: 8
🟩 Unit VII: जेनेटिक एल्गोरिद्म – I (Genetic Algorithm – I)
- मूल अवधारणाएँ (Basic Concepts)
- कार्यप्रणाली (Working Principle)
- जेनेटिक एल्गोरिद्म की प्रक्रिया (Procedure of GA)
- फ्लो चार्ट (Flow Chart of GA)
उदाहरण:
एक श्रेष्ठ शेड्यूल बनाने के लिए बार-बार अच्छे विकल्पों का चयन करके बेहतर उत्तर पाना।
Lectures: 7
🟩 Unit VIII: जेनेटिक एल्गोरिद्म – II (Genetic Algorithm – II)
- जेनेटिक रिप्रेजेंटेशन (Genetic Representations – Encoding)
- जेनेटिक ऑपरेटर्स (Genetic Operators)
- म्यूटेशन (Mutation)
- जनरेशन साइकिल (Generational Cycle)
उदाहरण:
डिजाइन ऑप्टिमाइजेशन जैसे “सर्वश्रेष्ठ रास्ता क्या है?” के लिए GA उपयोग किया जाता है।
Lectures: 8
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इस सेक्शन में बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों के लिए कंप्यूटर साइंस (Computer Science) के syllabus का लिंक दिया गया है |
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