
यह पोस्ट “BSc 6th Semester Botany Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीएससी षष्ठम सेमेस्टर में वनस्पति शास्त्र (Botany) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
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इस लेख में आपको BSc 6th सेमेस्टर वनस्पति शास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत छठे सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BSc 6th Semester Botany Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीएससी सिक्स्थ सेमेस्टर वनस्पति शास्त्र (Botany) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
📘 Paper 1: Cytogenetics, Plant Breeding & Nanotechnology
कोर्स कोड (Course Code): B040601T
पेपर का नाम (Paper Title): कोशिकाविज्ञान, पादप प्रजनन एवं नैनोप्रौद्योगिकी (Cytogenetics, Plant Breeding & Nanotechnology)
प्रकार: अनिवार्य (Core Compulsory)
क्रेडिट्स: 4
अंक वितरण: 25 (Internal) + 75 (External)
कुल व्याख्यान (Lectures): 60
🎯 पाठ्यक्रम उद्देश्य (Course Outcomes)
इस पाठ्यक्रम के अध्ययन के बाद छात्र:
- कोशिका की सूक्ष्म संरचना व कार्य को समझ पाएंगे।
- गुणसूत्रों (Chromosomes) की रचना, रसायनिक संघटन और कोशिका विभाजन की जानकारी प्राप्त करेंगे।
- मेंडेल के सिद्धांतों, जीन की वंशागत संरचना, म्यूटेशन और ‘एक जीन एक एंजाइम’ सिद्धांत को समझ सकेंगे।
- लमार्कवाद, डार्विनवाद और प्राकृतिक वरण (Natural Selection) जैसे विकासवाद संबंधी सिद्धांतों को जान सकेंगे।
📚 यूनिटवार सिलेबस (Unit-wise Syllabus in Easy Hindi with Examples)
I. कोशिका विज्ञान (Cell Biology) – 8 व्याख्यान
- कोशिका की संरचना और कार्य: जैसे दीवार (cell wall), प्लाज्मा झिल्ली (plasma membrane), माइटोकॉन्ड्रिया (शक्ति घर), राइबोसोम (प्रोटीन निर्माण केंद्र), गॉल्जी बॉडी, क्लोरोप्लास्ट आदि।
❖ उदाहरण: माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका की ऊर्जा फैक्ट्री कहलाता है। - गुणसूत्रों की रचना: सेंट्रोमेर, टेलोमेर, सैटेलाइट, लैम्पब्रश और पॉलीटीन गुणसूत्र।
- कोशिका विभाजन: माइटोसिस (सामान्य विभाजन), मियोसिस (यौन कोशिकाओं में)।
- गुणसूत्र असामान्यता: जैसे ट्राइसोमी (Down syndrome), मोनोसोमी आदि।
II. आनुवांशिकी (Genetics) – 7 व्याख्यान
- मेंडेल के नियमों (विरासत के सिद्धांत), लिंकज (linkage) और क्रॉसिंग ओवर की समझ।
- जीन इंटरैक्शन: एक से अधिक जीन मिलकर कोई विशेष गुण बनाते हैं।
❖ उदाहरण: फूलों का रंग कई जीनों की वजह से बनता है। - सेक्स डिटरमिनेशन: पौधों में लिंग निर्धारण की प्रक्रियाएँ।
- कोडोमिनेंस व इन्कम्प्लीट डोमिनेंस: जैसे – लाल और सफेद फूलों के माता-पिता से गुलाबी फूल (Incomplete Dominance)।
III. पादप प्रजनन (Plant Breeding) – 8 व्याख्यान
- पौधों का आयात (Introduction): विदेशी पौधों को भारत में लाना, जैसे ‘मक्का’ अमेरिका से आया।
- चयन विधियाँ: मास सिलेक्शन, प्योर लाइन सिलेक्शन आदि।
- हाइब्रिडाइजेशन: दो अलग किस्मों को मिलाकर नई किस्म बनाना।
❖ उदाहरण: गेहूं की उच्च उत्पादक किस्में। - म्यूटेशन व मोलिक्यूलर ब्रीडिंग: DNA मार्करों की मदद से नई किस्में बनाना।
- रोग और कीट प्रतिरोधी किस्मों का विकास।
IV. जैव सांख्यिकी (Biostatistics) – 7 व्याख्यान
- डेटा वेरिएशन समझना, औसत निकालना (Mean, Mode, Median)
- प्रयोगात्मक डेटा का परीक्षण (Chi-square test)
- MS Excel और SPSS जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग।
❖ उदाहरण: किसी खाद का पौधों पर प्रभाव पता करने के लिए सांख्यिकीय विधियाँ।
V. पादप ऊतक संवर्धन (Plant Tissue Culture) – 8 व्याख्यान
- इन विट्रो संस्कृति: लैब में पौधों के भागों से नई पौध उगाना।
- कैलस व प्रोतोप्लास्ट कल्चर, सोमैटिक हाइब्रिडाइज़ेशन
❖ उदाहरण: टमाटर और आलू को मिलाकर Pomato बनाना। - माध्यम (Medium), हार्मोन व कंटेनर की भूमिका।
- दवा उद्योगों में पौधों के माध्यम से सेकंडरी मेटाबोलाइट्स का उत्पादन।
VI. नैनोप्रौद्योगिकी (Nanotechnology) – 7 व्याख्यान
- नैनो-कण: DNA, प्रोटीन और एंजाइमों के सूक्ष्म स्वरूप में संगठन।
- बायो-नैनो पार्टिकल्स का निर्माण: पौधों से नैनो-सिल्वर या नैनो-जिंक।
❖ उदाहरण: तुलसी या नीम से नैनो-कण बनाना जो कीट नियंत्रण में सहायक हों। - नैनो कीटनाशक, नैनो-खाद व नैनो-सेंसर का उपयोग।
- मग्नेटोसोम, बायोमिनरलाइजेशन जैसे प्राकृतिक नैनो-संरचना।
VII. पौध विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI in Plant Science) – 8 व्याख्यान
- Big Data, Machine Learning, IoT और Robotics का परिचय।
- पौधों की रोग पहचान, फसल पूर्वानुमान, उपज अनुमान में AI का उपयोग।
❖ उदाहरण: मोबाइल ऐप जो पत्तियों की फोटो से रोग पहचान ले।
VIII. बॉटनी में डिजिटल तकनीक का उपयोग (Use of Digital Technologies in Botany) – 7 व्याख्यान
- डिजिटल संसाधन: INFLIBNET, ScienceDirect, Google Scholar
- स्मार्ट कृषि: IoT आधारित तापमान/नमी मापक, ऑटोमेटिक सिंचाई
- ऐंड्रॉइड ऐप बनाना जो मौसम या पौधे की जानकारी दे।
❖ उदाहरण: Kisan Suvidha ऐप, जिससे किसान मौसम और बाजार जानकारी पा सकें।
📘 Paper 2: Ecology & Environment
पेपर का नाम: पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण (Ecology & Environment)
कोर्स कोड: B040602T
सेमेस्टर: VI
विषय: बॉटनी (Botany)
क्रेडिट: 4 (Core Compulsory/Elective)
अधिकतम अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 बाह्य)
न्यूनतम उत्तीर्णांक: विश्वविद्यालय के नियम अनुसार
कुल व्याख्यान: 60 घंटे
कोर्स आउटकम्स (Course Outcomes):
इस पाठ्यक्रम को पढ़ने के बाद छात्र:
- जीवों और पर्यावरण के बीच जटिल संबंधों को समझ पाएंगे।
- वनस्पति समुदायों के अध्ययन की विधियों, पारिस्थितिक तंत्र के कार्य और पादप भूगोल के सिद्धांतों को समझेंगे।
- प्राकृतिक संसाधनों के टिकाऊ उपयोग और जैव विविधता संरक्षण की रणनीतियाँ विकसित करने में सक्षम होंगे।
यूनिट I: प्राकृतिक संसाधन और सतत उपयोग (Natural Resources and Sustainable Utilization)
- भूमि उपयोग और मृदा क्षरण
- जल स्रोत और आर्द्रभूमियाँ (Wetlands), रामसर स्थल
- वन उत्पाद (प्रमुख व गौण), जैविक आक्रमण की समस्या
- अक्षय और गैर-अक्षय ऊर्जा स्रोत
- संसाधन प्रबंधन की विधियाँ – EIA, GIS, PRA
- पारिस्थितिक पदचिह्न और कार्बन पदचिह्न
- संसाधन लेखांकन
यूनिट II: पारिस्थितिकी और पारिस्थितिक तंत्र (Ecology and Ecosystem)
- पारिस्थितिकी की मूलभूत परिभाषा और कारक
- जैविक और अजैविक घटक
- ऊर्जा प्रवाह, खाद्य श्रृंखला, खाद्य जाल
- पारिस्थितिक उत्तराधिकार – हाइड्रोसेयर और ज़ेरोसेयर
- पारिस्थितिक पिरामिड, उत्पादकता
- पारिस्थितिक तंत्र के उदाहरण – वन, घासभूमि, कृषि, जल
- पारिस्थितिक अनुकूलन – जलोद्भिद, मरुभिद, लवणोद्भिद, परजीवी आदि
यूनिट III: मृदा निर्माण, गुण और संरक्षण (Soil Formation, Properties and Conservation)
- मृदा की उत्पत्ति, संरचना, प्रकार और प्रोफाइल
- मृदा में सूक्ष्मजीव और जैव रसायनिक चक्र
- मृदा अपरदन और संरक्षण विधियाँ – जैविक व यांत्रिक
- उदाहरण: कंटूर खेती, मल्चिंग, टेरेसिंग
यूनिट IV: जैव विविधता और उसका संरक्षण (Biodiversity and Its Conservation)
- आनुवंशिक, प्रजातीय और पारिस्थितिक विविधता
- जैव विविधता का मूल्य – सामाजिक, नैतिक, सौंदर्यात्मक
- हॉटस्पॉट, संकटग्रस्त प्रजातियाँ
- संरक्षण विधियाँ – इन-सीटू और एक्स-सीटू
- बीज बैंक, जीन बैंक, राष्ट्रीय उद्यान, जैव आरक्षित क्षेत्र
- संस्थाएँ – NBPGR, FAO, BSI आदि
यूनिट V: पादप भूगोल (Phytogeography)
- भारत और विश्व के भौगोलिक क्षेत्र
- भारत के कृषिअभिलाक्षेत्र और पुष्पीय क्षेत्र
- भारत की प्राकृतिक वनस्पति
- उत्तर प्रदेश की प्रमुख वनस्पति किस्में
यूनिट VI: पर्यावरण लेखा और सततता (Environmental Audit and Sustainability)
- पर्यावरण लेखा का अर्थ और पद्धति
- ISO 14000 मानक, ईकोमार्क
- ऊर्जा और ग्रीन ऑडिट
- स्मार्ट सिटी और शहरी पर्यावरण
- सतत कृषि और विकास
यूनिट VII: प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन और परिपथीय अर्थव्यवस्था (Pollution, Waste Management and Circular Economy)
- जल, वायु और ठोस अपशिष्ट प्रदूषण
- जैव उपचार, अपशिष्ट जल उपचार
- ठोस अपशिष्ट पुनः उपयोग, कम्पोस्टिंग, बायोगैस
- परिपथीय अर्थव्यवस्था का महत्व
यूनिट VIII: पर्यावरण नैतिकता, कार्बन क्रेडिट और GIS की भूमिका (Environmental Ethics, Carbon Credit & Role of GIS)
- कार्बन क्रेडिट और कार्बन अवशोषण
- जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत, परमाणु दुर्घटनाएँ
- GIS का परिचय और कार्यप्रणाली
- रिमोट सेंसिंग और कृषि/वन प्रबंधन में GIS के उपयोग
BSc 6th Semester Botany Book in Hindi
इस सेक्शन में बीएससी सिक्स्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए वनस्पति शास्त्र (Botany) की बुक का लिंक दिया गया है |
Paper 1 – Cytogenetics, Plant Breeding and Nanotechnology
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Paper 2 – Ecology & Environment
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