यह पोस्ट “BSc 6th Semester Microbiology Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीएससी षष्ठम सेमेस्टर में सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
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इस लेख में आपको BSc 6th सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत छठे सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BSc 6th Semester Microbiology Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीएससी सिक्स्थ सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
🟦 Paper 1: Food Microbiology
- कार्यक्रम/कक्षा (Programme/Class): बैचलर ऑफ साइंस (Bachelor of Science)
- वर्ष (Year): तृतीय (Third)
- सेमेस्टर (Semester): षष्ठम (Sixth)
- विषय (Subject): माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- कोर्स कोड (Course Code): B080601T
- कोर्स शीर्षक (Course Title): फूड माइक्रोबायोलॉजी (Food Microbiology)
- क्रेडिट (Credits): 4
- कोर (Core): अनिवार्य (Compulsory)
- अधिकतम अंक (Max. Marks): 25+75
- न्यूनतम उत्तीर्ण अंक (Min. Passing Marks): नियमानुसार
- कुल व्याख्यान (Total Lectures/Hours): 60 घंटे (L-T-P: 4-0-0)
🟩 Course Outcome (पाठ्यक्रम परिणाम)
यह कोर्स पूरा करने पर छात्र:
- खाद्य सूक्ष्मजीव विज्ञान में सूक्ष्मजीवों की भूमिका को समझ पाएंगे।
- खराब हो चुके भोजन के लक्षण पहचानना सीखेंगे।
- भोजन की माइक्रोबायोलॉजिकल जांच की प्रक्रिया को जानेंगे।
- खाद्य संरक्षण (Food Preservation) की तकनीकों का ज्ञान प्राप्त करेंगे।
- दूध के विश्लेषण की विधियों को समझेंगे।
- खाद्य गुणवत्ता की निगरानी करना सीखेंगे।
📘 Units with Explanation and Examples (इकाइयाँ विवरण सहित)
🟨 Unit I: खाद्य एवं पोषण का परिचय (Introduction to Food & Nutrition)
- मुख्य विषय:
फूड माइक्रोबायोलॉजी का इतिहास, विकास और क्षेत्र; भोजन और पोषक तत्वों की अवधारणा; भोजन के भौतिक और रासायनिक गुण; भोजन में सूक्ष्मजीवों के प्रकार (बैक्टीरिया, यीस्ट, फफूंद); भोजन में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक – आंतरिक (intrinsic) और बाह्य (extrinsic); प्राकृतिक सूक्ष्मजीव और संदूषण के स्रोत। - उदाहरण:
- Lactobacillus दही में पाया जाने वाला लाभकारी सूक्ष्मजीव है।
- उच्च नमी और तापमान पर भोजन में फफूंद आसानी से बढ़ती है।
🟨 Unit II: विभिन्न खाद्य पदार्थों की सूक्ष्मजीवजनित क्षति (Microbial Spoilage of Various Foods)
- मुख्य विषय:
खाद्य क्षरण के सिद्धांत; सब्ज़ियों, फलों, मांस, अंडे, दूध, मक्खन, ब्रेड, और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में होने वाला क्षरण। - उदाहरण:
- ब्रेड में फफूंद (mold) लगने से वह सड़ जाता है।
- दूध में Pseudomonas बढ़ने से उसका स्वाद और गंध बदल जाता है।
🟨 Unit III: भोजन की सूक्ष्मजीव जांच (Microbial Examination of Food)
- मुख्य विषय:
डायरेक्ट माइक्रोस्कोपिक काउंट (DMC), वायबल काउंट, मल संबंधी Streptococci की पहचान; खाद्य गुणवत्ता की निगरानी; बायोसेंसर और इम्यूनोऐसेज़ का प्रयोग। - उदाहरण:
- DMC दूध में उपस्थित जीवों की त्वरित गणना करने की विधि है।
- बायोसेंसर का उपयोग दूषित भोजन की पहचान में होता है।
🟨 Unit IV: खाद्य संरक्षण (Food Preservation)
- मुख्य विषय:
संरक्षण के मूल सिद्धांत; विधियाँ – हीटिंग, फ्रीजिंग, सुखाना, रासायनिक संरक्षक, विकिरण; आधुनिक तकनीकें; पैकेजिंग सामग्री। - उदाहरण:
- Pasteurization दूध को गर्म करके उसमें जीवाणुओं को नष्ट करता है।
- वैक्यूम पैकिंग भोजन को अधिक समय तक ताजा रखती है।
🟨 Unit V: किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermented Foods)
- मुख्य विषय:
किण्वित डेयरी उत्पाद: चीज़, मक्खन, दही, केफिर; अन्य किण्वित खाद्य पदार्थ: सोया सॉस, सॉरक्रॉट, डोसा, टेम्पे; प्रोबायोटिक्स: स्वास्थ्य लाभ, सूक्ष्मजीवों के प्रकार, बाज़ार में उपलब्ध उत्पाद। - उदाहरण:
- दही में Lactobacillus बैक्टीरिया पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है।
- Tempeh एक फर्मेंटेड सोया प्रोडक्ट है जो इंडोनेशिया में लोकप्रिय है।
🟨 Unit VI: खाद्य जनित रोग (Food Borne Diseases)
- मुख्य विषय:
कारण, संक्रामक एजेंट, संक्रमित खाद्य, लक्षण और रोकथाम;- Food intoxication: Staphylococcus aureus, Clostridium botulinum, माइकोटॉक्सिन
- Food infections: E. coli, Salmonella, Bacillus cereus, Shigella, Listeria
- उदाहरण:
- E. coli दूषित जल या भोजन से डायरिया और उल्टी का कारण बनता है।
- Botulinum toxin बहुत ही खतरनाक न्यूरोटॉक्सिन है।
🟨 Unit VII: दूध और सूक्ष्मजीव (Microorganisms and Milk)
- मुख्य विषय:
दूध के भौतिक और रासायनिक गुण; दूध में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि; माइक्रोबायोलॉजिकल विश्लेषण की विधियाँ – Rapid Platform test, Standard Plate Count, MBRT, Alkaline Phosphatase test, DMC; दूध के संरक्षण के तरीके – Pasteurization, Sterilization, Dehydration। - उदाहरण:
- MBRT test दूध की ताजगी का संकेत देता है।
- दूध को उबालने से Listeria जैसे बैक्टीरिया मर जाते हैं।
🟨 Unit VIII: खाद्य स्वच्छता और नियंत्रण (Food Sanitization and Control)
- मुख्य विषय:
HACCP (Hazard Analysis and Critical Control Point), खाद्य स्वच्छता के सूचकांक, सेनिटाइज़र का उपयोग, खाद्य का माइक्रोबायोलॉजिकल गुणवत्ता मानक। - उदाहरण:
- HACCP प्रणाली भोजन में संभावित खतरों को पहचानकर नियंत्रण करती है।
- क्लोरीन आधारित सेनिटाइज़र प्रसंस्करण इकाइयों में सफाई के लिए उपयोग होते हैं।
🟦 Paper 2: Industrial Microbiology
- कार्यक्रम/कक्षा (Programme/Class): बैचलर ऑफ साइंस (Bachelor of Science)
- वर्ष (Year): तृतीय (Third)
- सेमेस्टर (Semester): षष्ठम (Sixth)
- विषय (Subject): माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- कोर्स कोड (Course Code): B080602T
- कोर्स शीर्षक (Course Title): औद्योगिक सूक्ष्मजीव विज्ञान (Industrial Microbiology)
- क्रेडिट (Credits): 4
- कोर (Core): अनिवार्य (Compulsory)
- अधिकतम अंक (Max. Marks): 25+75
- न्यूनतम उत्तीर्ण अंक (Min. Passing Marks): नियमानुसार
- कुल व्याख्यान (Total Lectures/Hours): 60 घंटे (L-T-P: 4-0-0)
🟩 Course Outcome (पाठ्यक्रम परिणाम)
यह कोर्स पूरा करने पर छात्र:
- उद्योगों में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) की भूमिका को समझेंगे।
- उद्योगों में सूक्ष्मजीवों के उपयोग को जानेंगे।
- श्रेष्ठ सूक्ष्मजीवों का चयन और प्रोसेसिंग करना सीखेंगे।
- किण्वन प्रक्रिया (fermentation process) का मूल ज्ञान प्राप्त करेंगे।
- दवाइयों और औद्योगिक उत्पादों के निर्माण की विधियाँ जान पाएंगे।
📘 Units with Explanation and Examples (इकाइयाँ विवरण सहित)
🟨 Unit I: औद्योगिक सूक्ष्मजीव विज्ञान का इतिहास एवं बहुविषयी स्वरूप (History & Multidisciplinary Nature)
- मुख्य विषय:
औद्योगिक सूक्ष्मजीव विज्ञान का विकास, जैव-प्रक्रिया (bioprocess) का परिचय, इसके लाभ और सीमाएँ; पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) का महत्व। - उदाहरण:
- Penicillin के खोजकर्ता Alexander Fleming को पेटेंट नहीं मिला, जिससे दवा सभी के लिए उपलब्ध हो सकी।
- जैव-प्रक्रिया जैसे – शराब निर्माण में किण्वन का प्रयोग।
🟨 Unit II: उद्योगों में उपयोगी जीवों की विविधता (Taxonomic Diversity)
- मुख्य विषय:
औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बैक्टीरिया और फफूंद; उपयोगी जीवों की विशेषताएँ; पृथककरण तकनीकें (Isolation Techniques); GRAS (Generally Regarded as Safe) माइक्रोऑर्गेनिज्म। - उदाहरण:
- Lactobacillus और Saccharomyces cerevisiae GRAS सूक्ष्मजीव हैं।
🟨 Unit III: सूक्ष्मजीवों का दोहन एवं उत्पाद (Exploitation & Products)
- मुख्य विषय:
सूक्ष्मजीवों की स्क्रीनिंग (Screening), स्ट्रेन विकास (Strain Development), इममॉबिलाइजेशन विधियाँ। - उदाहरण:
- Streptomyces से एंटीबायोटिक उत्पादन के लिए स्ट्रेन चयन किया जाता है।
🟨 Unit IV: किण्वन प्रक्रिया (Fermentation Process)
- मुख्य विषय:
किण्वन मीडिया, कच्चा माल, एंटिफोमिंग एजेंट्स, बफर, उपकरण और फर्मेंटर डिज़ाइन; किण्वन के प्रकार – बैच, सतत (Continuous), एकल (Single)। - उदाहरण:
- बीयर का उत्पादन सतत किण्वन से किया जाता है।
- फर्मेंटर में वातन, तापमान नियंत्रण और पीएच बनाए रखना आवश्यक होता है।
🟨 Unit V: डाउनस्ट्रीम प्रोसेसिंग (Downstream Processing)
- मुख्य विषय:
उत्पाद का पता लगाना, आंतरिक व बाह्य उत्पादों की वसूली (recovery), और शुद्धिकरण (solvent extraction, chromatography) की विधियाँ। - उदाहरण:
- पेनिसिलिन की शुद्धिकरण प्रक्रिया में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन का प्रयोग होता है।
🟨 Unit VI: औद्योगिक उत्पादों का निर्माण – भाग 1 (Production – I)
- मुख्य विषय:
शराब (industrial alcohol, wine, beer, whiskey), ऑर्गेनिक एसिड (citric acid), एंटीबायोटिक (penicillin) का उत्पादन। - उदाहरण:
- Aspergillus niger से सिट्रिक एसिड का निर्माण।
- बीयर बनाने में Saccharomyces cerevisiae का उपयोग।
🟨 Unit VII: औद्योगिक उत्पादों का निर्माण – भाग 2 (Production – II)
- मुख्य विषय:
विटामिन (B12), एंजाइम (amylase), अमीनो एसिड (glutamic acid), हार्मोन (insulin), वैक्सीन (Hepatitis B) का उत्पादन। - उदाहरण:
- Corynebacterium glutamicum से ग्लूटामिक एसिड।
- जेनेटिक इंजीनियरिंग से इंसुलिन का उत्पादन।
🟨 Unit VIII: जैव ईंधन एवं जैविक उत्पाद (Biofuels and Bioproducts)
- मुख्य विषय:
बायोफ्यूल (मीथेन), जैव उर्वरक (biofertilizers), जैव कीटनाशक (biopesticides), स्टेरॉयड का बायोट्रांसफॉर्मेशन। - उदाहरण:
- गोबर गैस संयंत्रों से Methanobacterium द्वारा मीथेन प्राप्त की जाती है।
- जैविक कीटनाशक में Bacillus thuringiensis फसलों को कीटों से बचाता है।
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इस सेक्शन में बीएससी सिक्स्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) के syllabus का लिंक दिया गया है |
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