
यह पोस्ट “BA 2nd Semester Sociology Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए द्वितीय सेमेस्टर में समाजशास्त्र (Sociology) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 2nd सेमेस्टर समाजशास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत दूसरे सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 2nd Semester Sociology Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए सेकंड सेमेस्टर समाजशास्त्र (Sociology) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
B.A. प्रथम वर्ष – द्वितीय सेमेस्टर (Semester II)
कोर्स कोड: A070201T
कोर्स का नाम: भारत का समाज: संरचना, संगठन एवं परिवर्तन (Society in India: Structure, Organization & Change)
प्रकार: थ्योरी | क्रेडिट: 4 | अंक: 100 (न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33)
कुल कक्षाएँ (Lectures): 6 प्रति सप्ताह
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes):
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इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय समाज की संरचना, विविधता और उसमें हो रहे परिवर्तनों से परिचित कराना है।
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छात्रों को पारंपरिक और समकालीन भारतीय समाज के बीच संबंध को समझने की दृष्टि दी जाती है।
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यह पाठ्यक्रम सामाजिक संगठन, जाति व्यवस्था, जनसंख्या और सामाजिक समस्याओं जैसे विषयों पर गहन अध्ययन प्रदान करता है।
📘 इकाईवार सिलेबस विवरण:
इकाई I: भारतीय समाज की संरचना एवं संघटन
गाँव, नगर, शहर तथा ग्रामीण-शहरी संबंधों की भूमिका और विशेषताएँ। भारत में एकता और विविधता का स्वरूप — जैसे भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र आदि के आधार पर विविधताएँ और उनमें निहित एकता।
इकाई II: भारतीय समाज के अध्ययन हेतु दृष्टिकोण
भारतीय समाज को समझने हेतु प्रयुक्त प्रमुख दृष्टिकोणों का विवेचन – इंद्र-प्रेरित दृष्टिकोण (Indological), ऐतिहासिक दृष्टिकोण, संरचनात्मक-कार्यात्मक दृष्टिकोण। इन दृष्टिकोणों के माध्यम से समाजशास्त्रीय विश्लेषण की प्रक्रिया को समझाया गया है।
इकाई III: सांस्कृतिक एवं जातीय विविधता
भारत में भाषायी, जातिगत, धार्मिक और क्षेत्रीय विविधताएँ। इन विविधताओं के समाज पर प्रभाव, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहिष्णुता के मूल्य पर विशेष बल दिया गया है।
इकाई IV: भारत की जनजातियाँ
भारत में जनजातीय समुदायों का भौगोलिक वितरण, आत्मसातिकरण (Assimilation), एकीकरण (Integration), पिछड़ापन और विकास से जुड़ी समस्याएँ, तथा उनकी पहचान और अधिकारों की चेतना पर चर्चा की गई है।
इकाई V: भारतीय समाज की मूल संस्थाएँ
जाति, विवाह, धर्म, वर्ग और संयुक्त परिवार जैसे सामाजिक संस्थानों की संरचना, कार्य एवं समाज पर उनका प्रभाव। जाति व्यवस्था की विशेषताएँ, विवाह के प्रकार, धार्मिक जीवन और पारिवारिक संबंधों का समाज पर प्रभाव।
इकाई VI: सामाजिक वर्ग और वंचना
भारत के विभिन्न सामाजिक वर्ग — ग्रामीण-अग्रेरियन, शहरी-औद्योगिक, मध्यम वर्ग, पिछड़े वर्ग, दलित, स्त्रियाँ — इनकी सामाजिक स्थिति, अवसरों में समावेशन/बहिष्करण और उभरती चुनौतियाँ।
इकाई VII: जनसंख्या संरचना एवं जनांकिकीय विश्लेषण
जनसंख्या का आकार, संरचना, वृद्धि दर, जनसंख्या विस्फोट, जनसांख्यिकीय सिद्धांतों (Demographic Theories) और नियंत्रण नीतियों का विश्लेषण। भारत में जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव।
इकाई VIII: सामाजिक परिवर्तन एवं राष्ट्रीय एकता में बाधाएँ
जातिवाद, सांप्रदायिकता, नक्सलवाद और इनका भारतीय राजनीति पर प्रभाव। साथ ही यह समझाया गया है कि ये कारक राष्ट्रीय एकता को कैसे प्रभावित करते हैं। भारतीय समाज में परिवर्तन की प्रक्रियाएँ और एकीकरण के प्रयासों की विवेचना।
BA 2nd Semester Sociology Book in Hindi
इस सेक्शन में बीए सेकंड सेमेस्टर के छात्रों के लिए समाजशास्त्र (Sociology) की बुक का लिंक दिया गया है |
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