
यह पोस्ट “BA 5th Semester Economics Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए पंचम सेमेस्टर में अर्थशास्त्र (Economics) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 5th सेमेस्टर अर्थशास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत पंचम सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 5th Semester Economics Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए फिफ्थ सेमेस्टर अर्थशास्त्र (Economics) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
📖 बी.ए. इकोनॉमिक्स पंचम सेमेस्टर परिचय: बी.ए. इकोनॉमिक्स के पंचम सेमेस्टर में कुल तीन प्रश्नपत्र (Papers) निर्धारित हैं। इनमें से एक पेपर अनिवार्य (Core Compulsory) है तथा शेष दो पेपर वैकल्पिक (Optional) रूप में प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें से विद्यार्थी को कोई एक या दोनों का चयन करने की सुविधा दी जा सकती है (जैसा विश्वविद्यालय नियमानुसार हो)।
यह सेमेस्टर विद्यार्थियों को पर्यावरणीय आर्थिक समस्याओं, आर्थिक विकास, सांख्यिकीय विधियों एवं जनांकिकीय संरचनाओं की गहराई से समझ प्रदान करता है।
पंचम सेमेस्टर में सम्मिलित पेपर:
- पेपर I: पर्यावरण अर्थशास्त्र, आर्थिक वृद्धि एवं विकास (Environmental Economics, Economic Growth and Development)
- पेपर II: प्रारंभिक सांख्यिकी (Elementary Statistics) – वैकल्पिक
- पेपर III: जनांकिकी (Demography) – वैकल्पिक
📌 Paper I – पर्यावरण अर्थशास्त्र, आर्थिक वृद्धि एवं विकास (Environmental Economics, Economic Growth and Development)
पाठ्यक्रम का नाम: बी.ए. इकोनॉमिक्स
सेमेस्टर: पंचम
कोर्स कोड: A080501T
कोर्स का शीर्षक: पर्यावरण अर्थशास्त्र, आर्थिक वृद्धि एवं विकास
प्रकार: थ्योरी (Core Compulsory)
क्रेडिट: 5
कुल अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 बाह्य)
पाठन समय: 4 घंटे प्रति सप्ताह
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes)
- पर्यावरण, पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के आपसी संबंध को समझाना।
- बाजार विफलताओं और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान हेतु नीति-निर्माण के उपाय सीखना।
- आर्थिक विकास और वृद्धि के प्रमुख सिद्धांतों एवं संकेतकों की व्याख्या करना।
- गरीबी, असमानता और मानव विकास से संबंधित अवधारणाओं की समझ देना।
- स्थायी विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़ी अवधारणाओं को भारत के संदर्भ में जोड़ना।
📚 इकाइयाँ (Units with Explanation and Examples)
🔹 इकाई I: पर्यावरण की प्रमुख समस्याएँ और अर्थशास्त्र
– प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दे और समस्याएँ। – पारेटो दक्षता, बाह्यताएँ और बाजार विफलता।
उदाहरण: वायु प्रदूषण एक नकारात्मक बाह्यता है, जिसमें समाज को वहन करना पड़ता है जबकि उत्पादक इसकी लागत नहीं चुकाते।
🔹 इकाई II: पर्यावरण नीति का स्वरूप और क्रियान्वयन
– पिगूवियन टैक्स, उत्सर्जन शुल्क, ट्रेडेबल परमिट। – भारत और अन्य देशों की पर्यावरणीय नीतियाँ।
उदाहरण: दिल्ली में “पोल्यूशन अंडर कंट्रोल” सर्टिफिकेट एक नियामक उपाय है जबकि कार्बन टैक्स एक बाजार आधारित उपाय है।
🔹 इकाई III: पर्यावरणीय मूल्यांकन और लागत-लाभ विश्लेषण
– बाज़ार से बाहर वस्तुओं का मूल्यांकन, मूल्यांकन की विधियाँ। – पर्यावरणीय नीतियों का लागत-लाभ विश्लेषण।
उदाहरण: किसी नदी को साफ रखने के लिए खर्च और उससे मिलने वाले लाभ की गणना करना।
🔹 इकाई IV: सतत विकास
– सतत विकास की अवधारणा और मापन। – भारत में सतत विकास की चुनौतियाँ और रणनीतियाँ।
उदाहरण: जैविक खेती को बढ़ावा देना सतत कृषि का एक उदाहरण है।
🔹 इकाई V: आर्थिक वृद्धि और विकास की अवधारणाएँ
– GDP, GNP, प्रति व्यक्ति आय आदि संकेतक। – विकास और वृद्धि में अंतर, विकास को प्रभावित करने वाले कारक।
उदाहरण: भारत का GDP बढ़ने के बावजूद अगर बेरोजगारी और असमानता बढ़ रही है, तो यह केवल वृद्धि मानी जाएगी, विकास नहीं।
🔹 इकाई VI: गरीबी, असमानता और मानव विकास
– गरीबी का दुष्चक्र, लोरेन्ज वक्र, जिनी गुणांक। – HDI, PQLI, हंगर इंडेक्स, हैप्पीनेस इंडेक्स।
उदाहरण: भारत का HDI 2023 में 0.633 रहा, जो मध्यम विकास का सूचक है।
🔹 इकाई VII: आर्थिक वृद्धि के मॉडल
– लुईस का श्रम अधिशेष मॉडल, बिग पुश सिद्धांत। – रॉस्टो का विकास चरण, बैलेंस्ड वर्सेस अनबैलेंस्ड ग्रोथ।
उदाहरण: भारत का “मेक इन इंडिया” अभियान बिग पुश रणनीति से प्रेरित माना जा सकता है।
🔹 इकाई VIII: विकास के अंतरराष्ट्रीय पहलू
– अंतरराष्ट्रीय व्यापार, FDI, FII, WTO और विकासशील देश। – क्षेत्रीय सहयोग: SAARC, BRICS, NAFTA आदि।
उदाहरण: भारत द्वारा ASEAN और BRICS देशों के साथ व्यापारिक समझौते विकास को गति देते हैं।
📘 पेपर II – प्रारंभिक सांख्यिकी (Elementary Statistics)
सेमेस्टर: पंचम
कोर्स कोड: A080502T
प्रकार: वैकल्पिक / थ्योरी
क्रेडिट: 5
कुल अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 बाह्य)
पाठन समय: 4 घंटे प्रति सप्ताह
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes)
- सांख्यिकी के बुनियादी सिद्धांतों की समझ और उनकी अर्थशास्त्र में उपयोगिता को स्पष्ट करना।
- डेटा संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण एवं विश्लेषण की विधियों को व्यवहारिक दृष्टिकोण से समझाना।
- केंद्र प्रवृत्ति, प्रसरण, सहसंबंध, पुनरावृत्ति और अनुक्रमणिका संख्याओं के सिद्धांतों का अभ्यास कराना।
- प्रोजेक्ट व रिसर्च कार्य हेतु उपयोगी सांख्यिकीय विधियों में दक्षता देना।
📚 इकाइयाँ (Units with Explanation and Examples)
🔹 इकाई I: सांख्यिकी की मूल अवधारणाएँ
– जनसंख्या और नमूना का अर्थ एवं भेद। – डेटा के प्रकार – प्राथमिक व द्वितीयक। – प्रश्नावली, अनुसूची, साक्षात्कार की संकल्पना।
उदाहरण: किसी सर्वेक्षण में पूछे गए प्रश्न — “आपकी आय कितनी है?” — एक प्राथमिक डेटा का स्रोत है।
🔹 इकाई II: आवृत्ति वितरण एवं ग्राफिक प्रस्तुति
– कक्षा सीमा, आवृत्ति, संचयी आवृत्ति। – ग्राफ और आरेख – बार चार्ट, पाई चार्ट, ओजिव कर्व।
उदाहरण: किसी जिले के शिक्षा स्तर को ग्राफ के रूप में दर्शाना।
🔹 इकाई III: केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापक
– माध्य (Mean), माध्यिका (Median), बहुलक (Mode)। – ज्यामितीय व हार्मोनिक माध्य की अवधारणाएँ।
उदाहरण: यदि 5 लोगों की आय ₹1000, ₹1200, ₹1300, ₹1500, ₹2000 है, तो उनका माध्य ₹1400 होगा।
🔹 इकाई IV: प्रसरण मापन
– सीमा, माध्य विचलन, मानक विचलन, विविधता गुणांक। – क्वारटाइल विचलन, स्क्यूनेस, कुर्टोसिस।
उदाहरण: यदि सभी छात्रों के अंक लगभग समान हैं, तो प्रसरण कम होगा और डेटा “संगठित” कहलाएगा।
🔹 इकाई V: सहसंबंध
– सहसंबंध की परिभाषा, प्रकार और गुण। – पीयरसन और स्पीयरमैन सहसंबंध गुणांक।
उदाहरण: यदि आय और खर्च में सीधा संबंध हो, तो सहसंबंध +1 के समीप होगा।
🔹 इकाई VI: पुनरावृत्ति (Regression)
– पुनरावृत्ति की अवधारणा व अर्थ। – न्यूनतम वर्ग विधि (Least Squares Method)।
उदाहरण: भविष्य में किसी कर्मचारी का वेतन अनुमानित करने हेतु पुनरावृत्ति रेखा का प्रयोग।
🔹 इकाई VII: श्रेणियाँ और समय श्रृंखला
– समय श्रंखला की अवधारणा व घटक – रुझान, मौसमी प्रभाव। – मौसमी सूचकांक का निर्माण।
उदाहरण: वर्ष दर वर्ष मुद्रास्फीति दर की तुलना करना समय श्रृंखला विश्लेषण है।
🔹 इकाई VIII: अनुक्रमणिका संख्याएँ
– मूल्य, मात्रा और मूल्यवर्ग अनुक्रमणिकाएँ। – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), थोक मूल्य सूचकांक (WPI)।
उदाहरण: CPI को महंगाई दर मापने में प्रयोग किया जाता है। 2024 में CPI यदि 6.5% है तो यह महंगाई की दर है।
📘 पेपर III – जनांकिकी (Demography)
सेमेस्टर: पंचम
कोर्स कोड: A080503T
प्रकार: वैकल्पिक / थ्योरी
क्रेडिट: 5
कुल अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 बाह्य)
पाठन समय: 4 घंटे प्रति सप्ताह
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes)
- जनसंख्या से संबंधित प्रमुख संकल्पनाओं जैसे जन्म दर, मृत्यु दर, प्रजनन दर आदि की स्पष्ट समझ प्रदान करना।
- जनसंख्या वृद्धि, संरचना, स्थानिक वितरण और उसके आर्थिक प्रभावों का अध्ययन कराना।
- भारत की जनसंख्या नीति, जनगणना प्रणाली और भविष्य की जनसंख्या प्रवृत्तियों को समझना।
- आर्थिक विकास और जनसंख्या के आपसी संबंधों की व्याख्या करना।
- प्रासंगिक जनांकिकीय मापदंडों की गणना और विश्लेषण करने की क्षमता देना।
📚 इकाइयाँ (Units with Explanation and Examples)
🔹 इकाई I: जनांकिकी की परिभाषा और महत्व
– जनांकिकी का अर्थ, क्षेत्र और महत्व। – जनांकिकी का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध।
उदाहरण: जनसंख्या वृद्धि और संसाधनों के बीच संतुलन बनाए रखने हेतु जनांकिकी का प्रयोग नीति निर्धारण में होता है।
🔹 इकाई II: जनगणना और डेटा स्रोत
– जनगणना का स्वरूप, उद्देश्य और सीमाएँ। – भारत में जनगणना प्रक्रिया, सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम।
उदाहरण: भारत में प्रत्येक 10 वर्षों में जनगणना की जाती है — अंतिम पूर्ण जनगणना 2011 में हुई थी।
🔹 इकाई III: जनसंख्या का आकार और संरचना
– आयु संरचना, लिंग अनुपात, शहरीकरण और ग्रामीण वितरण। – जनसंख्या पिरामिड की व्याख्या।
उदाहरण: भारत का युवा-प्रधान जनसंख्या पिरामिड इसकी श्रम शक्ति को दर्शाता है।
🔹 इकाई IV: जन्म और मृत्यु
– जन्म दर, कुल प्रजनन दर, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर। – जीवन प्रत्याशा, प्राकृतिक वृद्धि दर।
उदाहरण: यदि किसी क्षेत्र में प्रति 1000 में 25 जन्म होते हैं, तो जन्म दर 25 होती है।
🔹 इकाई V: जनसंख्या सिद्धांत
– माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत। – मार्क्सवादी और नव-माल्थूसियन दृष्टिकोण। – जनसंख्या संक्रमण सिद्धांत।
उदाहरण: माल्थस ने कहा कि जनसंख्या ज्यामितीय दर से बढ़ती है जबकि खाद्य आपूर्ति अंकगणितीय दर से।
🔹 इकाई VI: प्रवासन (Migration)
– प्रवासन के प्रकार: आंतरिक व बाह्य, स्वैच्छिक व अनैच्छिक। – प्रवासन के कारण और प्रभाव।
उदाहरण: ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में नौकरी के लिए जाना — आंतरिक आर्थिक प्रवासन।
🔹 इकाई VII: जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास
– जनसंख्या वृद्धि के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव। – जनसांख्यिकीय लाभांश और जनसांख्यिकीय बोझ।
उदाहरण: भारत के युवा कार्यबल को जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में देखा जाता है।
🔹 इकाई VIII: भारत की जनसंख्या नीति
– स्वतंत्रता के बाद की जनसंख्या नीतियाँ: 1952, 2000। – जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम, परिवार नियोजन के उपाय।
उदाहरण: मिशन परिवार विकास जैसी योजनाएँ भारत की जनसंख्या नीति का हिस्सा हैं।
BA 5th Semester Economics Book in Hindi
इस सेक्शन में बीए फिफ्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए अर्थशास्त्र (Economics) की बुक का लिंक दिया गया है |
बुक पढने के लिए – यहाँ क्लिक करें
अगर लिंक काम न करे तो कमेंट करके हमें बताएं |
thanks!

Leave a Reply