
यह पोस्ट “BA 4th Semester History Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए चतुर्थ सेमेस्टर में इतिहास (History) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 4th सेमेस्टर इतिहास का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत पहले सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 4th Semester History Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए 4th सेमेस्टर हिस्ट्री (इतिहास) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
बी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर इतिहास सिलेबस (NEP-2020 के अनुसार)
पाठ्यक्रम का नाम: आधुनिक भारत का इतिहास (1857 ई. – 1950 ई.)
कोर्स कोड: A050401T
क्रेडिट: 6
कुल कक्षाएँ (Lectures): 90
अंतिम मूल्यांकन: 100 अंक (न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33)
कोर्स परिणाम (Course Outcome):
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद के भारत की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों से अवगत कराना है। इसमें ब्रिटिश उपनिवेशवादी नीतियाँ, सुधार योजनाएँ, राष्ट्रीय आंदोलन की पृष्ठभूमि, तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के एकीकरण और संविधान निर्माण तक की घटनाओं को समाहित किया गया है।
इकाईवार पाठ्यक्रम विवरण (Unit-wise Syllabus Description):
इकाई I: लॉर्ड लिटन और लॉर्ड रिपन की नीतियाँ
इस इकाई में लॉर्ड लिटन के शासनकाल की कट्टर औपनिवेशिक नीतियाँ जैसे आर्म्स एक्ट, वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट, और दिल्ली दरबार का आयोजन, तथा लॉर्ड रिपन के उदारवादी प्रयास जैसे स्थानीय स्वशासन, शिक्षा सुधार और फेमिन आयोग पर ध्यान दिया गया है। यह इकाई ब्रिटिश शासन की दो विपरीत नीति दृष्टियों को समझने में सहायक है।
इकाई II: लॉर्ड कर्ज़न और बंगाल विभाजन
यह इकाई 1905 में लॉर्ड कर्ज़न द्वारा किए गए बंगाल विभाजन की योजना और उसके विरुद्ध फैले व्यापक असंतोष पर आधारित है। इस कदम ने स्वदेशी आंदोलन को जन्म दिया और भारतीय राजनीति में उग्र राष्ट्रवाद का आरंभ किया। इस भाग में कांग्रेस के विभाजन और विरोध के विभिन्न स्वरूपों की भी चर्चा की गई है।
इकाई III: कृषि का व्यावसायीकरण और उसके प्रभाव
ब्रिटिश शासन ने भारतीय कृषि को पारंपरिक व्यवस्था से हटाकर निर्यात केंद्रित बना दिया। इस इकाई में कृषि वस्तुओं (जैसे नील, कपास, अफीम आदि) के उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास और इसके परिणामस्वरूप किसानों पर बढ़ते आर्थिक संकट, ऋणग्रस्तता और विद्रोहों पर चर्चा की जाती है।
इकाई IV: रेलवे विकास और प्रभाव
ब्रिटिश शासन में रेलवे को मुख्य रूप से सैन्य और वाणिज्यिक उद्देश्य से विकसित किया गया। इस इकाई में रेलवे के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों को समझाया गया है। इसमें शहरीकरण, जनसंचार, बाजार के विस्तार, तथा औपनिवेशिक नियंत्रण को मजबूती प्रदान करने में रेलवे की भूमिका को भी प्रस्तुत किया गया है।
इकाई V: औपनिवेशिक भारत में शिक्षा का विकास
यह इकाई मैकाले की नीति, वुड के डिस्पैच (1854), हंटर आयोग आदि के माध्यम से ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली के विस्तार और उद्देश्य को स्पष्ट करती है। अंग्रेज़ों की शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करना था, लेकिन उसी से भारतीय बुद्धिजीवी वर्ग का जन्म भी हुआ, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को वैचारिक बल प्रदान किया।
इकाई VI: मॉर्ले-मिंटो सुधार और भारत सरकार अधिनियम 1919 व 1935
इस इकाई में भारत में संवैधानिक विकास की प्रक्रिया को समझाया गया है। मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909) ने सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की नींव रखी, जबकि 1919 और 1935 के अधिनियमों ने भारत में द्वैध शासन और प्रांतीय स्वायत्तता जैसी अवधारणाएँ प्रस्तुत कीं। यह इकाई भारतीय राजनीति में सत्ता-साझेदारी की सीमाओं और संघर्षों को उजागर करती है।
इकाई VII: भारत में सांप्रदायिकता का विकास
यह इकाई 20वीं सदी के आरंभ में उभरी सांप्रदायिक राजनीति पर केंद्रित है। इसमें मुस्लिम लीग की स्थापना, अलग निर्वाचिका की माँग, हिन्दू महासभा की भूमिका, और हिन्दू-मुस्लिम विभाजन की राजनीति की विस्तृत चर्चा है। यह इकाई भारत में साम्प्रदायिक तनाव और विभाजन की पृष्ठभूमि को समझने में मदद करती है।
इकाई VIII: भारत की स्वतंत्रता के बाद रियासतों का विलय और सरदार पटेल की भूमिका
यह इकाई भारत की स्वतंत्रता के बाद 500 से अधिक देसी रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया पर केंद्रित है। इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने की रणनीति, हैदराबाद और जूनागढ़ जैसे मामलों की संवेदनशीलता और उनके समाधान की प्रक्रिया को बताया गया है।
BA 4th Semester History Book in Hindi
इस सेक्शन में बीए 4th सेमेस्टर के छात्रों के लिए हिस्ट्री (इतिहास) की बुक का लिंक दिया गया है |
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