
यह पोस्ट “BA 5th Semester Sociology Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए पंचम सेमेस्टर में समाजशास्त्र (Sociology) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 5th सेमेस्टर समाजशास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत पाँचवें सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 5th Semester Sociology Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए फिफ्थ सेमेस्टर समाजशास्त्र (Sociology) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है | 5th सेमेस्टर में दो पेपर होते हैं, दोनों का सिलेबस यहाँ दिया गया है |
📘 First Paper Syllabus
पाठ्यक्रम शीर्षक: शास्त्रीय समाजशास्त्रीय चिंतन (Classical Sociological Thought)
कोर्स कोड: A070501T
क्रेडिट: 5
अधिकतम अंक: 100
न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes):
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य समाजशास्त्र के प्रमुख शास्त्रीय चिंतकों के योगदान को समझना है। यह पाठ्यक्रम उन ऐतिहासिक परिस्थितियों और सामाजिक बदलावों को सामने लाता है जिनमें समाजशास्त्र का जन्म हुआ। इसके माध्यम से छात्र यह जान पाते हैं कि कैसे यूरोप की औद्योगिक क्रांति, फ्रांसीसी क्रांति और पुनर्जागरण ने सामाजिक सोच को नया आकार दिया।
छात्र विभिन्न समाजशास्त्रीय सिद्धांतों जैसे कि संरचनात्मक कार्यात्मकता, संघर्ष सिद्धांत, सामाजिक क्रिया, वर्ग संघर्ष आदि की मूल अवधारणाओं को गहराई से समझते हैं। यह पेपर अनुसंधान और समाज के व्यवहारिक अध्ययन की दिशा में एक सशक्त नींव प्रदान करता है।
🧭 इकाईवार सिलेबस (Unit-wise Syllabus with Detailed Explanation and Examples):
🔹 इकाई I: समाजशास्त्र का उद्भव और पृष्ठभूमि (Emergence of Sociology and Intellectual Background)
विवरण: समाजशास्त्र के जन्म की ऐतिहासिक और दार्शनिक पृष्ठभूमि को समझाया गया है — जैसे यूरोप की सामाजिक उथल-पुथल, औद्योगिक क्रांति, फ्रांसीसी क्रांति और पुनर्जागरण का प्रभाव।
उदाहरण:
- फ्रांसीसी क्रांति (1789): सामंतवादी व्यवस्था के पतन और लोकतंत्र की ओर बढ़ती प्रवृत्ति।
- औद्योगिक क्रांति: परंपरागत गाँव आधारित समाज से औद्योगिक शहरों की ओर बदलाव।
🔹 इकाई II: ऑगस्ट कॉन्त और हर्बर्ट स्पेंसर (Auguste Comte & Herbert Spencer)
- कॉन्त:
- Positive Philosophy: समाजशास्त्र को विज्ञान के रूप में प्रस्तुत करना।
- Three Stages Theory: धर्मिक → दार्शनिक → वैज्ञानिक अवस्था।
- स्पेंसर:
- Social Evolution: समाज का विकास जैविक प्रक्रिया जैसा।
- Social Darwinism: जो समाज अनुकूलन करेगा वही टिकेगा।
- उदाहरण:
- कॉन्त का दृष्टिकोण: कोविड-19 जैसे संकट में वैज्ञानिक सोच अपनाने की आवश्यकता।
- स्पेंसर: समाजों में प्रतिस्पर्धा — “Survival of the Fittest” की अवधारणा।
🔹 इकाई III: एमिल दुर्खीम (Emile Durkheim)
- विवरण:
- Social Facts: समाज व्यक्ति से बड़ा होता है।
- Mechanical vs Organic Solidarity: पारंपरिक समाज में समानता आधारित एकता बनाम आधुनिक समाज में विभाजन आधारित एकता।
- Suicide Study: आत्महत्या का समाजशास्त्रीय विश्लेषण।
- उदाहरण:
- आत्महत्या का विश्लेषण: अनामिक आत्महत्या – अचानक बेरोजगारी से आत्महत्या।
🔹 इकाई IV: विल्फ्रेडो पैरेटो (Vilfredo Pareto)
- विवरण:
- Logical vs Non-logical Action: इंसान के व्यवहार में तर्क और भावना दोनों होते हैं।
- Residues and Derivatives: मूल प्रवृत्तियां और उनसे उत्पन्न विचार/धारणाएं।
- उदाहरण:
- गौरक्षा आंदोलन: कभी-कभी तर्कहीन भावनाओं के कारण उग्र व्यवहार।
🔹 इकाई V: कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
- विवरण:
- Dialectical & Historical Materialism: समाज का विकास वर्ग संघर्ष के माध्यम से होता है।
- Class Struggle: पूंजीपति और श्रमिक वर्ग के बीच टकराव।
- Alienation: श्रमिक का अपने श्रम और उत्पाद से疎भाव।
- उदाहरण:
- वर्तमान संदर्भ: गिग वर्कर्स का शोषण — काम ज़्यादा, अधिकार कम।
🔹 इकाई VI: मैक्स वेबर (Max Weber)
- विवरण:
- Social Action: व्यक्ति के कार्यों में निहित अर्थ।
- Power and Authority: वैध और अवैध सत्ता का अंतर।
- Protestant Ethic and Capitalism: धार्मिक नैतिकता से पूंजीवाद का विकास।
- उदाहरण:
- समाज में सत्ता: पंचायत चुनाव में सत्ता के पीछे समाज की भूमिका।
- धार्मिक नैतिकता: इसाई समाज में श्रम को ईश्वर की सेवा मानना।
🔹 इकाई VII: जी.एच. मीड (G.H. Mead)
- विवरण:
- Symbolic Interactionism: प्रतीकों के ज़रिए समाजिक संबंध बनते हैं।
- Self and Me: आत्म का सामाजिक निर्माण।
- उदाहरण:
- बच्चों का खेल: “Doctor-Doctor” खेल में बच्चा सामाजिक भूमिका सीखता है।
🔹 इकाई VIII: टाल्कोट पार्सन्स और आर.के. मर्टन (Talcott Parsons & R.K. Merton)
- पार्सन्स:
- Action Theory: समाजिक व्यवहार की क्रिया प्रणाली।
- Pattern Variables: व्यक्तिगत और सामूहिक मूल्यों के बीच संतुलन।
- मर्टन:
- Manifest and Latent Functions: किसी कार्य का घोषित और अघोषित प्रभाव।
- Middle Range Theories: व्यवहारिक स्तर के सिद्धांत।
- उदाहरण:
- शिक्षा का घोषित उद्देश्य: ज्ञान देना;
- अघोषित उद्देश्य: सामाजिक नेटवर्क बनाना।
📘 Second Paper Syllabus
पाठ्यक्रम शीर्षक: सामाजिक विज्ञानों में अनुसंधान पद्धति (Research Methodology in Social Sciences)
कोर्स कोड: A070502T
क्रेडिट: 5
अधिकतम अंक: 100
न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes):
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को समाजशास्त्रीय अनुसंधान की मूलभूत समझ देना है। इसमें अनुसंधान के प्रकार, प्रक्रिया, तकनीक, नैतिकता और सांख्यिकीय विश्लेषण जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
छात्र यह जान सकेंगे कि सामाजिक समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन कैसे किया जाता है, डेटा कैसे इकट्ठा किया जाता है, और निष्कर्षों को कैसे प्रस्तुत किया जाता है।
यह कोर्स उन्हें भविष्य में रिसर्च स्कॉलर, सर्वे विश्लेषक, नीति-निर्माता या सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आगे बढ़ने के लिए तैयार करता है।
🧭 इकाईवार सिलेबस (Unit-wise Syllabus with Detailed Explanation and Examples):
🔹 इकाई I: सामाजिक अनुसंधान की अवधारणा (Concept of Social Research)
- विवरण: सामाजिक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसमें समाज से संबंधित तथ्यों को वैज्ञानिक पद्धति द्वारा एकत्र, विश्लेषित और व्याख्यायित किया जाता है।
- विषय:
- सामाजिक अनुसंधान का महत्व
- प्रकार: मौलिक (Basic) और अनुप्रयुक्त (Applied)
- अनुसंधान की प्रक्रिया के चरण
- उदाहरण:
- मौलिक अनुसंधान: समाज में जातिवाद की जड़ें क्या हैं?
- अनुप्रयुक्त अनुसंधान: किसी NGO द्वारा गाँव में महिला शिक्षा के लिए सर्वेक्षण।
🔹 इकाई II: अनुसंधान डिज़ाइन और परिकल्पना (Research Design and Hypothesis)
- विवरण: अनुसंधान डिज़ाइन एक रूपरेखा है जो पूरे अध्ययन को दिशा देता है। परिकल्पना एक अनुमान होता है जिसे अनुसंधान द्वारा सत्यापित किया जाता है।
- विषय:
- डिज़ाइन के प्रकार: अन्वेषणात्मक, वर्णनात्मक, विश्लेषणात्मक
- परिकल्पना के प्रकार और स्रोत
- उदाहरण:
- परिकल्पना: “ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की स्कूली उपस्थिति शहरों की तुलना में कम होती है।”
🔹 इकाई III: वस्तुनिष्ठता बनाम व्यक्तिनिष्ठता और अनुसंधान नैतिकता (Objectivity vs Subjectivity & Ethics)
- विवरण: अनुसंधान में निष्पक्षता (objectivity) आवश्यक होती है। लेकिन कभी-कभी मूल्य और व्यक्तिगत राय भी प्रभाव डालते हैं। इस इकाई में Plagiarism और Copyright की नैतिक चर्चा भी शामिल है।
- उदाहरण:
- Plagiarism: बिना संदर्भ दिए किसी का डेटा/लेख उठाकर प्रयोग करना।
- Objectivity: एक शोधकर्ता को अपने जातीय/धार्मिक दृष्टिकोण को अलग रखकर अनुसंधान करना चाहिए।
🔹 इकाई IV: अनुसंधान के प्रकार (Types of Research)
- विवरण: अनुसंधान के विविध प्रकार होते हैं – ऐतिहासिक, तुलनात्मक, वर्णनात्मक, खोजपरक, व्याख्यात्मक और निदानात्मक।
- उदाहरण:
- ऐतिहासिक अनुसंधान: भारत में महिला आंदोलन का इतिहास।
- वर्णनात्मक: किसी क्षेत्र विशेष में बेरोजगारी की स्थिति का वर्णन।
- निदानात्मक: कोई सामाजिक समस्या क्यों उत्पन्न हो रही है – इसका विश्लेषण।
🔹 इकाई V: डेटा संग्रहण के स्रोत (Sources of Data Collection)
- विवरण:
- प्राथमिक स्रोत (Primary): सीधे एकत्रित डेटा
- द्वितीयक स्रोत (Secondary): पुस्तक, रिपोर्ट, जनगणना आदि
- जनगणना, केस स्टडी, कंटेंट एनालिसिस
- उदाहरण:
- प्राथमिक स्रोत: किसी गाँव में लोगों से साक्षात्कार द्वारा जानकारी लेना।
- द्वितीयक: 2011 की जनगणना से जनसंख्या डेटा का उपयोग।
🔹 इकाई VI: डेटा संग्रह की तकनीकें (Techniques of Data Collection)
- विवरण: अनुसंधान में प्रयोग होने वाली मुख्य तकनीकों में सैंपलिंग, प्रश्नावली (questionnaire), शेड्यूल और साक्षात्कार शामिल हैं।
- उदाहरण:
- सैंपलिंग: पूरे राज्य की बजाय 100 किसानों का चयन कर सर्वे करना।
- प्रश्नावली: Google Form द्वारा लोगों से प्रतिक्रियाएं लेना।
- साक्षात्कार: किसी महिला अधिकार कार्यकर्ता से व्यक्तिगत बातचीत।
🔹 इकाई VII: डेटा प्रस्तुति और रिपोर्ट लेखन (Data Presentation & Report Writing)
- विवरण: डेटा को तालिकाओं, ग्राफ, चार्ट आदि के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। रिपोर्ट लेखन में प्रस्तावना, विधि, निष्कर्ष और सुझाव दिए जाते हैं।
- उदाहरण:
- तालिका: जाति के अनुसार साक्षरता दर।
- ग्राफ: आयु के अनुसार बेरोजगारी प्रतिशत।
🔹 इकाई VIII: सांख्यिकीय अवलोकन (Statistical Overview)
- विवरण:
- सरल मापन: औसत (mean), माध्यिका (median), बहुलक (mode)।
- यह जानकारी डेटा की सामान्य प्रवृत्तियों को समझने में मदद करती है।
- उदाहरण:
- Mean: किसी गाँव के 5 व्यक्तियों की औसत आय ज्ञात करना।
- Median: मध्यवर्ती आय स्तर निकालना।
BA 5th Semester Sociology Book in Hindi
इस सेक्शन में बीए फिफ्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए समाजशास्त्र (Sociology) की बुक का लिंक दिया गया है |
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