
यह पोस्ट “BA 6th Semester Sociology Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए षष्ठम सेमेस्टर में समाजशास्त्र (Sociology) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 6th सेमेस्टर समाजशास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत छठे सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 6th Semester Sociology Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए सिक्स्थ सेमेस्टर समाजशास्त्र (Sociology) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
📘 First Paper Syllabus
पाठ्यक्रम शीर्षक: भारतीय समाजशास्त्र के प्रवर्तक (Pioneers of Indian Sociology)
कोर्स कोड: A070601T
क्रेडिट: 5
अधिकतम अंक: 100
न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes):
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य भारतीय समाजशास्त्र के उन प्रमुख विद्वानों की विचारधाराओं, शोध विधियों और उनके योगदान को समझना है जिन्होंने भारत को भारतीय दृष्टिकोण से समझने का प्रयास किया।
छात्र इन विचारकों की सामाजिक, सांस्कृतिक और संस्थागत अवधारणाओं को पढ़कर भारत की जाति व्यवस्था, ग्रामीण संरचना, परंपरा, आधुनिकीकरण और वर्ग संरचना जैसे विषयों पर समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से विचार कर सकेंगे।
यह पाठ्यक्रम छात्रों में स्वदेशी समाजशास्त्र (indigenous sociology) की समझ को मजबूत करता है।
🧭 इकाईवार सिलेबस (Unit-wise Syllabus with Detailed Explanation and Examples):
🔹 इकाई I: जी.एस. घुर्ये और डी.एन. मजूमदार (G.S. Ghurye & D.N. Majumdar)
- विवरण:
- घुर्ये: जाति व्यवस्था, साधु परंपरा, ग्रामीण-शहरी मिश्रित समुदाय (rural-urban community)।
- मजूमदार: जनजातीय समाज का भारत में एकीकरण (tribal integration)।
- उदाहरण:
- घुर्ये का “Caste and Race in India” – जाति को नस्ल से जोड़कर देखा।
- मजूमदार: आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा और संस्कृति का समावेश।
🔹 इकाई II: राधाकमल मुखर्जी (Radhakamal Mukherjee)
- विवरण:
- सामाजिक मूल्यों की संरचना (Social structure of values)
- सामाजिक पारिस्थितिकी (Social Ecology) – मानव और प्रकृति के संबंधों का अध्ययन।
- उदाहरण:
- उन्होंने बताया कि विकास केवल आर्थिक नहीं, पर्यावरण-संवेदनशील भी होना चाहिए।
🔹 इकाई III: डी.पी. मुखर्जी (D.P. Mukherjee)
- विवरण:
- भारतीय संस्कृति और विविधताएं
- आधुनिकता (Modernity), भारतीय युवाओं की भूमिका
- मार्क्सवादी दृष्टिकोण (Marxology)
- उदाहरण:
- उन्होंने चेतावनी दी कि भारत में आधुनिकता बिना परंपरा को समझे लागू की गई तो टकराव उत्पन्न होगा।
🔹 इकाई IV: इरावती कर्वे और आई.पी. देसाई (Irawati Karve & I.P. Desai)
- विवरण:
- इरावती कर्वे: भारत में कुटुंब व्यवस्था और रक्त-संबंधों (kinship) का विश्लेषण।
- आई.पी. देसाई: भारतीय संयुक्त परिवार की संरचना और बदलाव।
- उदाहरण:
- कर्वे: उत्तर भारत और दक्षिण भारत में रिश्तों की शब्दावली और पारिवारिक रीतियों में अंतर।
- देसाई: आर्थिक दबाव के कारण संयुक्त परिवार एकल में बदल रहे हैं।
🔹 इकाई V: एम.एन. श्रीनिवास (M.N. Srinivas)
- विवरण:
- संस्कृतिकरण (Sanskritization), पाश्चात्यकरण (Westernization), धर्मनिरपेक्षता (Secularization), प्रभुत्वशाली जाति (Dominant Caste) जैसे विचार।
- उदाहरण:
- संस्कृतिकरण: लोअर कास्ट द्वारा उच्च जातियों की रीति अपनाना।
- प्रभुत्वशाली जाति: एक क्षेत्र विशेष में कोई जाति सामाजिक और राजनीतिक सत्ता पर हावी हो जाए।
🔹 इकाई VI: एस.सी. दुबे (S.C. Dube)
- विवरण:
- भारतीय गांवों का गहन अध्ययन।
- परंपरा और आधुनिकता के द्वंद्व को समझाना।
- विकास और प्रशासन में समाजशास्त्र की भूमिका।
- उदाहरण:
- गांव में अध्ययन: दुबे ने बताया कि बदलाव केवल तकनीक से नहीं, सामाजिक मूल्यों से भी आता है।
🔹 इकाई VII: ए.आर. देसाई और रामकृष्ण मुखर्जी (A.R. Desai & Ramkrishna Mukherjee)
- विवरण:
- देसाई: भारतीय राष्ट्रवाद की समाजशास्त्रीय पृष्ठभूमि, मार्क्सवादी दृष्टिकोण।
- मुखर्जी: कृषक वर्ग की संरचना और वर्ग संघर्ष।
- उदाहरण:
- देसाई: राष्ट्रवाद को केवल भावना नहीं, एक सामाजिक प्रक्रिया माना।
- मुखर्जी: ज़मींदार बनाम किसान संबंधों का विश्लेषण।
🔹 इकाई VIII: आंद्रे बेटाइए (Andre Beteille)
- विवरण:
- जाति, वर्ग और सत्ता का गहन तुलनात्मक अध्ययन।
- उन्होंने समाज में पदानुक्रम को केवल धार्मिक नहीं, आर्थिक और सामाजिक भी माना।
- उदाहरण:
- शोध कार्य: तमिलनाडु के तंजावुर ज़िले में गाँवों में जाति और वर्ग संबंधों पर अध्ययन।
📘 Second Paper Syllabus
पाठ्यक्रम शीर्षक: लिंग और समाज (Gender and Society)
कोर्स कोड: A070602T
क्रेडिट: 5
अधिकतम अंक: 100
न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes):
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य लिंग (gender) की समाजशास्त्रीय समझ को विकसित करना है। यह केवल जैविक भिन्नता (sex) तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक संरचना, संस्कृति, सत्ता और असमानता में लिंग की भूमिका को उजागर करता है।
यह कोर्स छात्रों को यह समझने में मदद करता है कि कैसे लिंग आधारित भेदभाव, पितृसत्ता, कार्यस्थल पर असमानता, घरेलू हिंसा और प्रतिनिधित्व की कमी समाज को प्रभावित करती है।
छात्र लिंग संबंधी आंदोलनों, वैचारिक दृष्टिकोणों और नीतियों का विश्लेषण कर सकते हैं।
🧭 इकाईवार सिलेबस (Unit-wise Syllabus with Detailed Explanation and Examples):
🔹 इकाई I: लिंग की समाजशास्त्रीय समझ (Sociological Understanding of Gender)
- विवरण: लिंग (gender) और लिंग-भूमिकाओं को सामाजिक रूप से निर्मित माना जाता है। समाज बाल्यकाल से ही पुरुष और महिला के लिए अलग भूमिकाएं तय कर देता है।
- उदाहरण:
- लड़कों को “मजबूत” और लड़कियों को “नाजुक” मानना।
- स्कूलों में लड़कों को साइंस और लड़कियों को गृह विज्ञान पढ़ाने की प्रवृत्ति।
🔹 इकाई II: लिंग और समाजीकरण (Gender and Socialization)
- विवरण: लिंग आधारित समाजीकरण में व्यक्ति को समाज की अपेक्षित लिंग भूमिका निभाने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है।
- उदाहरण:
- परिवार: लड़की को रसोई सिखाना, लड़के को बाहर के काम।
- मीडिया: टीवी शो में औरत को हमेशा गृहणी दिखाना।
🔹 इकाई III: लिंग और पितृसत्ता (Gender and Patriarchy)
- विवरण: पितृसत्ता वह सामाजिक व्यवस्था है जिसमें पुरुष को शक्ति, अधिकार और निर्णय लेने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है।
- उदाहरण:
- संपत्ति कानून: पहले बेटियों को संपत्ति में अधिकार नहीं था।
- राजनीति: महिला सांसदों की संख्या पुरुषों से कहीं कम।
🔹 इकाई IV: लिंग, कार्य और श्रम विभाजन (Gender, Work and Division of Labour)
- विवरण: लिंग आधारित श्रम विभाजन में पुरुषों को वेतनयुक्त कार्य और महिलाओं को अवैतनिक घरेलू कार्य सौंपा जाता है।
- उदाहरण:
- घरेलू महिला का काम: खाना बनाना, सफाई – पर इसे “काम” नहीं माना जाता।
- कार्यस्थल: महिला और पुरुष को एक ही काम के लिए अलग वेतन।
🔹 इकाई V: लिंग और सामाजिक संस्थाएं (Gender and Social Institutions)
- विवरण: परिवार, धर्म, शिक्षा और मीडिया जैसी संस्थाएं लिंग भेद को बनाए रखने और मजबूत करने का काम करती हैं।
- उदाहरण:
- धार्मिक ग्रंथों में: महिलाओं के लिए कठोर नियम, जैसे पवित्रता की अपेक्षा।
- शिक्षा: टेक्निकल संस्थानों में महिलाओं की कम उपस्थिति।
🔹 इकाई VI: लिंग आधारित हिंसा (Gender-based Violence)
- विवरण: इसमें यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, बलात्कार, एसिड अटैक आदि शामिल हैं। यह सामाजिक असमानता और शक्ति के दुरुपयोग का परिणाम है।
- उदाहरण:
- निर्भया केस (2012): महिला विरोधी हिंसा का प्रतीक।
- एसिड अटैक: छवि (Laxmi Agarwal) जैसे पीड़ितों की बढ़ती संख्या।
🔹 इकाई VII: नारीवाद और स्त्रीवादी सिद्धांत (Feminism and Feminist Theories)
- विवरण: स्त्रीवाद एक आंदोलन और विचारधारा है जो लिंग आधारित असमानता को समाप्त करने के लिए कार्य करता है।
प्रमुख धाराएं:- उदारवादी (Liberal)
- मार्क्सवादी (Marxist)
- समाजवादी (Socialist)
- रैडिकल (Radical)
- उदाहरण:
- रैडिकल स्त्रीवाद: परिवार संस्था को पितृसत्तात्मक मानता है।
- लिबरल स्त्रीवाद: समान अधिकार और अवसर पर बल।
🔹 इकाई VIII: लिंग, अधिकार और समकालीन बहसें (Gender, Rights and Contemporary Debates)
- विवरण: इसमें लैंगिक समानता, LGBTQ+ अधिकार, कानूनी सुरक्षा, आरक्षण, और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दे शामिल हैं।
- उदाहरण:
- POSH Act 2013: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ क़ानून।
- धारा 377 हटना (2018): LGBTQ+ समुदाय को कानूनी मान्यता।
BA 6th Semester Sociology Book in Hindi
इस सेक्शन में बीए सिक्स्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए समाजशास्त्र (Sociology) की बुक का लिंक दिया गया है |
First Paper (Pioneers of Indian Sociology)
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Second Paper (Gender and Society)
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