
यह पोस्ट “BA 3rd Semester Economics Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए तृतीय सेमेस्टर में अर्थशास्त्र (Economics) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 3rd सेमेस्टर अर्थशास्त्र का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत तृतीय सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 3rd Semester Economics Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए थर्ड सेमेस्टर अर्थशास्त्र (Economics) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
📌 विवरण (Details)
पाठ्यक्रम का नाम: बी.ए. इकोनॉमिक्स
सेमेस्टर: तृतीय
कोर्स कोड: A080301T
कोर्स का शीर्षक: आर्थिक विचारों का इतिहास (History of Economic Thought)
प्रकार: थ्योरी (Core Compulsory)
क्रेडिट: 6
कुल अंक: 100 (25 आंतरिक + 75 बाह्य)
पाठन समय: 4 घंटे प्रति सप्ताह
🎯 कोर्स उद्देश्य (Course Outcomes)
- अर्थशास्त्र के विकास की ऐतिहासिक यात्रा को समझने की क्षमता विकसित करना।
- अर्थशास्त्र के विभिन्न स्कूलों की विचारधाराओं की तुलना करना।
- भारतीय अर्थशास्त्रियों के योगदान और उनकी प्रासंगिकता को पहचानना।
- क्लासिकल, मार्क्सवादी, सीमांतवादी, कल्याणकारी और आधुनिक विचारों को समग्र रूप से समझना।
- आर्थिक विचारों को समाज और नीति निर्माण से जोड़कर देखना।
📚 इकाइयाँ (Units with Explanation and Examples)
🔹 इकाई I: प्राचीन भारतीय और आधुनिक भारतीय विचारक
– कौटिल्य, वल्लुवर, दादाभाई नौरोजी, आर.सी. दत्त, डॉ. अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया, गांधीवादी अर्थशास्त्र। – उदाहरण: कौटिल्य का “अर्थशास्त्र” शासन, कराधान और व्यापार नीति पर प्राचीन भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
🔹 इकाई II: समकालीन भारतीय विचारक
– पं. दीनदयाल उपाध्याय, जे.के. मेहता, अमर्त्य सेन, जगदीश भगवती, ए.के. माथुर। – उदाहरण: अमर्त्य सेन की क्षमतावादी दृष्टिकोण (Capability Approach) ने गरीबी और मानव विकास को मापने का नया दृष्टिकोण दिया।
🔹 इकाई III: प्रारंभिक पश्चिमी विचारक
– प्लेटो और अरस्तू का आर्थिक दृष्टिकोण, न्याय मूल्य और न्याय लागत की संकल्पना। – उदाहरण: अरस्तू ने विनिमय मूल्य को नैतिक दृष्टि से देखने की आवश्यकता पर बल दिया।
🔹 इकाई IV: मर्केंटिलिज़्म और फिजियोकै्रसी
– mercantilism के अंतर्गत थॉमस मुन, फिजियोकै्रसी के अंतर्गत टैर्गो, टैब्लो इकोनॉमिक, सामाजिक वर्ग। – उदाहरण: फिजियोकै्रट्स ने कृषि को मूल्य सृजन का मुख्य स्रोत माना।
🔹 इकाई V: क्लासिकल विचारधारा
– एडम स्मिथ: श्रम विभाजन, मूल्य सिद्धांत, व्यापार विचार। – डेविड रिकार्डो: रेंट का सिद्धांत, तुलनात्मक लाभ। – माल्थस: जनसंख्या सिद्धांत, अधिशेष उत्पादन। – उदाहरण: माल्थस का यह विचार कि जनसंख्या भोजन उत्पादन से तेज़ी से बढ़ती है, आज भी प्रासंगिक है।
🔹 इकाई VI: मार्क्सवादी विचारधारा
– कार्ल मार्क्स: सामाजिक परिवर्तन, अधिशेष मूल्य, पूंजीवादी संकट। – जे.बी. से, जे.एस. मिल और सिसमोंदी के विचार। – उदाहरण: मार्क्स के अनुसार पूंजीवाद अंततः अपने ही अंतर्विरोधों से नष्ट हो जाएगा।
🔹 इकाई VII: सीमांतवादी क्रांति और कल्याण अर्थशास्त्र
– मार्शल का मूल्य निर्धारण में समय का प्रभाव, उपभोक्ता अधिशेष, प्रतिनिधि फर्म। – पिगू का कल्याण अर्थशास्त्र, शमपेटर का नवाचार सिद्धांत। – उदाहरण: शमपेटर का “उद्यमी नवाचार” आधुनिक स्टार्टअप संस्कृति को समझने में सहायक है।
🔹 इकाई VIII: आधुनिक सीमांतवादी और अन्य विचार
– जेवन्स, वालरास, मेंगर (सीमांत क्रांति)। – फिशर, विक्सेल, गोसेन, बेम बावर्क, विक्स्टीड। – उदाहरण: फिशर का “मात्रात्मक मुद्रा सिद्धांत” आज के मुद्रास्फीति विश्लेषण में प्रयुक्त होता है।
BA 3rd Semester Economics Book in Hindi
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