यह पोस्ट “BSc 5th Semester Microbiology Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीएससी पंचम सेमेस्टर में सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
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इस लेख में आपको BSc 5th सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत पाँचवें सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BSc 5th Semester Microbiology Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
🟦 Paper 1: Medical Microbiology
- कार्यक्रम/कक्षा (Programme/Class): बैचलर ऑफ साइंस (Bachelor of Science)
- वर्ष (Year): तृतीय (Third)
- सेमेस्टर (Semester): पंचम (Fifth)
- विषय (Subject): माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- कोर्स कोड (Course Code): B080501T
- कोर्स शीर्षक (Course Title): मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी (Medical Microbiology)
- क्रेडिट (Credits): 4
- कोर (Core): अनिवार्य (Compulsory)
- अधिकतम अंक (Max. Marks): 25+75
- न्यूनतम उत्तीर्ण अंक (Min. Passing Marks): नियमानुसार
- कुल व्याख्यान (Total Lectures/Hours): 60 घंटे (L-T-P: 4-0-0)
🟩 Course Outcome (पाठ्यक्रम परिणाम)
यह कोर्स पूरा करने पर छात्र:
- मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के ऐतिहासिक विकास को समझेंगे।
- यह जानेंगे कि सूक्ष्मजीव हमारे जीवन में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- संक्रामक बीमारियों से संबंधित सूक्ष्मजीवों की पहचान कर पाएंगे।
- संक्रमणों के इलाज की प्रमुख विधियों को जान पाएंगे।
- एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic Resistance) की अवधारणा को समझेंगे।
- क्लीनिकल सैंपल कलेक्शन और प्रोसेसिंग की प्रक्रियाओं से परिचित होंगे।
📘 Units with Explanation and Examples (इकाइयाँ विवरण सहित)
🟨 Unit I: मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी का इतिहास (History of Medical Microbiology)
- मुख्य विषय:
इस क्षेत्र में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों का परिचय; मानव शरीर की सामान्य माइक्रोफ्लोरा (त्वचा, मुँह, पाचन तंत्र, जनन-मूत्र प्रणाली)। - उदाहरण:
- लुई पाश्चर ने रोगाणुओं के सिद्धांत की स्थापना की।
- Lactobacillus हमारी आंत में सामान्य रूप से पाई जाती है।
🟨 Unit II: बैक्टीरियल रोग (Bacterial Diseases)
- मुख्य विषय:
प्रमुख बैक्टीरिया जनित रोग और उनके कारक जैसे Staphylococcus aureus, Streptococcus pneumoniae, Mycobacterium tuberculosis, Salmonella typhi, Vibrio cholera। - उदाहरण:
- Mycobacterium tuberculosis टीबी का कारण बनता है।
- Vibrio cholerae से हैजा होता है, जो दूषित जल से फैलता है।
🟨 Unit III: वायरल रोग (Viral Diseases)
- मुख्य विषय:
प्रमुख वायरस जनित रोग जैसे HIV (AIDS), हेपेटाइटिस वायरस, इन्फ्लुएंजा वायरस, हर्पीज वायरस। - उदाहरण:
- HIV शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है।
- Influenza virus सामान्य फ्लू का कारण बनता है।
🟨 Unit IV: परजीवी रोग (Parasitic Diseases)
- मुख्य विषय:
प्रोटोजोआ जनित रोग: Giardia, Plasmodium, Leishmania, Entamoeba। - उदाहरण:
- Plasmodium मलेरिया का कारण बनता है।
- Entamoeba histolytica अमीबायासिस उत्पन्न करता है।
🟨 Unit V: रोगजनक फंगल रोग I (Pathogenic Fungal Disease I)
- मुख्य विषय:
डर्मेटोफाइट्स जैसे Trichophyton, Microsporum; सतही व उपत्वचीय संक्रमण फैलाने वाले फफूंद: Mucor, Rhizopus, Aspergillus। - उदाहरण:
- Trichophyton से रिंगवर्म (दाद) होता है।
- Mucor उपत्वचीय फंगल संक्रमण फैलाता है।
🟨 Unit VI: रोगजनक फंगल रोग II (Pathogenic Fungal Disease II)
- मुख्य विषय:
प्रणालीगत फंगल संक्रमण जैसे Blastomyces, Histoplasma, यीस्ट जैसे फंगस: Candida, Cryptococcus। - उदाहरण:
- Candida albicans मुंह व जननांग संक्रमण पैदा करता है।
- Cryptococcus मस्तिष्क झिल्ली में संक्रमण करता है।
🟨 Unit VII: एंटीबायोटिक्स और रसायनिक उपचार (Antibiotics and Chemotherapeutics)
- मुख्य विषय:
एंटीबायोटिक और रासायनिक उपचार का विकास, प्रमुख एंटीमाइक्रोबियल एजेंट्स, उनका कार्यविधि (mode of action)। - उदाहरण:
- Penicillin बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति को नुकसान पहुँचाता है।
- Streptomycin प्रोटीन संश्लेषण को रोकता है।
🟨 Unit VIII: एंटीबायोटिक प्रतिरोध व सैंपल प्रोसेसिंग (Antibiotic Resistance, Sample Collection and Processing)
- मुख्य विषय:
दवा प्रतिरोध, एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण, एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी परीक्षण (Antibiotic Susceptibility Assay); नैदानिक सैंपल का संग्रह व प्रोसेसिंग। - उदाहरण:
- MRSA वह बैक्टीरिया है जो कई एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधी होता है।
- मूत्र सैंपल को स्टेराइल बोतल में संग्रहित कर प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है।
🟦 Paper 2: Immunology
- कार्यक्रम/कक्षा (Programme/Class): बैचलर ऑफ साइंस (Bachelor of Science)
- वर्ष (Year): तृतीय (Third)
- सेमेस्टर (Semester): पंचम (Fifth)
- विषय (Subject): माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- कोर्स कोड (Course Code): B080502T
- कोर्स शीर्षक (Course Title): इम्यूनोलॉजी (Immunology)
- क्रेडिट (Credits): 4
- कोर (Core): अनिवार्य (Compulsory)
- अधिकतम अंक (Max. Marks): 25+75
- न्यूनतम उत्तीर्ण अंक (Min. Passing Marks): नियमानुसार
- कुल व्याख्यान (Total Lectures/Hours): 60 घंटे (L-T-P: 4-0-0)
🟩 Course Outcome (पाठ्यक्रम परिणाम)
यह कोर्स पूरा करने पर छात्र:
- इम्यूनोलॉजी (प्रतिरक्षा विज्ञान) के ऐतिहासिक विकास को समझेंगे।
- इम्यून सिस्टम के घटकों, एंटीजन-एंटीबॉडी की विशेषताओं और इम्यून रिस्पॉन्स के प्रकार को जान पाएंगे।
- हाइपरसेंसिटिविटी (अतिसंवेदनशीलता) और उससे संबंधित प्रतिक्रियाओं को समझेंगे।
- एंटीबॉडी की चिकित्सा और निदान में उपयोगिता तथा एंटीजन-एंटीबॉडी रिएक्शन के प्रयोगों से परिचित होंगे।
📘 Units with Explanation and Examples (इकाइयाँ विवरण सहित)
🟨 Unit I: इम्यूनोलॉजी का परिचय (Overview of Immunology)
- मुख्य विषय:
इम्यूनोलॉजी का इतिहास, शारीरिक और जैविक अवरोध (barriers), जन्मजात (Innate) और अर्जित (Acquired) प्रतिरक्षा; प्रतिरक्षा तंत्र के अंग और कोशिकाएं। - उदाहरण:
- त्वचा और आंसू जैविक अवरोध हैं।
- T-कोशिकाएं अर्जित प्रतिरक्षा में कार्य करती हैं।
🟨 Unit II: कॉम्प्लीमेंट सिस्टम (Complement System)
- मुख्य विषय:
कॉम्प्लीमेंट प्रोटीन, और इसके तीन एक्टिवेशन पाथवे – क्लासिकल, अल्टरनेट और लेक्टिन। - उदाहरण:
- क्लासिकल पथ में एंटीजन-एंटीबॉडी कॉम्प्लेक्स कॉम्प्लीमेंट को सक्रिय करता है।
- यह बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है।
🟨 Unit III: इम्यूनिटी के प्रकार (Types of Immunity)
- मुख्य विषय:
ह्यूमोरल (Humoral) और कोशिका-जनित (Cell-Mediated) इम्यूनिटी; सक्रिय (Active) और निष्क्रिय (Passive) प्रतिरक्षा। - उदाहरण:
- वैक्सीन द्वारा प्राप्त प्रतिरक्षा Active Immunity है।
- मां के दूध से प्राप्त एंटीबॉडी Passive Immunity है।
🟨 Unit IV: एंटीजन और इम्यूनोजेन्स (Antigen & Immunogens)
- मुख्य विषय:
एंटीजन की विशेषताएँ, प्रकार, एडजुवेंट्स, इम्यूनोजेनेसिटी, साइटोकिन्स। - उदाहरण:
- बैक्टीरिया के प्रोटीन एंटीजन की तरह कार्य करते हैं।
- एलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड एक सामान्य एडजुवेंट है।
🟨 Unit V: इम्यूनोग्लोबुलिन और MHC (Immunoglobulins and MHC)
- मुख्य विषय:
एंटीबॉडी के प्रकार (IgG, IgA, IgM, IgE, IgD), उनकी संरचना और कार्य; MHC के प्रकार – Class I और Class II; एंटीजन प्रेजेंटेशन की प्रक्रिया। - उदाहरण:
- IgE एलर्जी प्रतिक्रियाओं में शामिल होता है।
- MHC Class I सभी कोशिकाओं में पाया जाता है जबकि Class II केवल पेशी पेश करने वाली कोशिकाओं में होता है।
🟨 Unit VI: हाइपरसेंसिटिविटी (Hypersensitivity)
- मुख्य विषय:
अतिसंवेदनशीलता की चार श्रेणियाँ (Types I-IV) और उनके उदाहरण। - उदाहरण:
- Type I: एलर्जी जैसे अस्थमा
- Type IV: ट्यूबरक्यूलिन रिएक्शन
🟨 Unit VII: इम्यून रिस्पॉन्स (Immune Response)
- मुख्य विषय:
एंटीबॉडी-निर्भर कोशिका जनित साइटोटॉक्सिसिटी (ADCC), फागोसाइटोसिस, सूजन और उसका जैविक तंत्र। - उदाहरण:
- ADCC में NK कोशिकाएं कार्य करती हैं।
- फागोसाइट्स बैक्टीरिया को निगल लेते हैं।
🟨 Unit VIII: इम्यूनोग्लोबुलिन्स का उपयोग (Applications of Immunoglobulins)
- मुख्य विषय:
एंटीबॉडी का निदान और उपचार में प्रयोग; in vitro परीक्षण विधियाँ जैसे: एग्लूटिनेशन, इम्यूनोडिफ्यूजन, ELISA, RIA। - उदाहरण:
- ELISA टेस्ट HIV, COVID-19 जैसी बीमारियों की जांच में प्रयोग होता है।
- RIA एक रेडियोएक्टिव तकनीक है जो हार्मोन मापन में प्रयुक्त होती है।
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इस सेक्शन में बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) के syllabus का लिंक दिया गया है |
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