
यह पोस्ट “BA 6th Semester History Syllabus in Hindi” उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जो बीए षष्ठ सेमेस्टर में इतिहास (History) विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दिया गया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) पर आधारित है, जिसे भारत के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है।
इस लेख में आपको BA 6th सेमेस्टर इतिहास का सम्पूर्ण सिलेबस हिंदी में सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि नए शैक्षिक ढांचे के तहत पहले सेमेस्टर में कौन-कौन से यूनिट और टॉपिक शामिल हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगी।
BA 6th Semester History Syllabus in Hindi PDF (2025-26)
Table of Contents
इस सेक्शन में बीए 6th सेमेस्टर हिस्ट्री (इतिहास) का सिलेबस दिया गया है | यहाँ सिलेबस में दिए गये सभी टॉपिक्स को discuss किया गया है |
बी.ए. इतिहास – छठा सेमेस्टर (Semester VI) – सामान्य परिचय
छठे सेमेस्टर में भी कुल चार पेपर होते हैं, जिनमें से:
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एक पेपर अनिवार्य (Compulsory) होता है।
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तीन पेपर ऐच्छिक (Optional) श्रेणी में होते हैं, जिनमें से विद्यार्थी किसी एक का चयन करते हैं।
छठे सेमेस्टर के पेपर इस प्रकार हैं:
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A050601T – गांधी युग और जन आंदोलन (Era of Gandhi and Mass Movement) – अनिवार्य पेपर
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A050602T – आधुनिक विश्व का इतिहास (1815 ई.–1945 ई.) – ऐच्छिक
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A050603T – आधुनिक भारत का सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1700–1900 ई.) – ऐच्छिक
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A050604T – इतिहास एवं इसकी व्यावसायिक उपयोगिता (History and its Professional Utility) – ऐच्छिक
विद्यार्थी यहाँ एक ऐच्छिक पेपर का चयन कर अनिवार्य पेपर के साथ अध्ययन करते हैं।
अनिवार्य पेपर: A050601T – गांधी युग और जन आंदोलन
पाठ्यक्रम का नाम: गांधी युग और जन आंदोलन (Era of Gandhi and Mass Movement)
कोर्स कोड: A050601T
क्रेडिट: 5
कुल कक्षाएँ (Lectures): 75
अंतिम मूल्यांकन: 100 अंक (न्यूनतम उत्तीर्णांक: 33)
कोर्स परिणाम (Course Outcome):
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को गांधी युग के प्रमुख आंदोलनों, क्रांतिकारी संगठनों, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्पन्न राजनीतिक संकटों और भारत की स्वतंत्रता की प्रक्रिया से अवगत कराना है। यह कोर्स गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख पड़ावों का विश्लेषण करता है, साथ ही सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं के योगदान को भी रेखांकित करता है।
इकाईवार पाठ्यक्रम विवरण (Unit-wise Syllabus Description):
इकाई I: गांधी का भारत आगमन और असहयोग आंदोलन
इस इकाई में महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद भारतीय राजनीति में उनके प्रवेश और नेतृत्व का परिचय दिया गया है। असहयोग आंदोलन (1920–22) का विस्तार, उद्देश्य, गांधीजी के सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों की भूमिका, और चौरी-चौरा की घटना के कारण आंदोलन की वापसी को समझाया जाता है। यह भारत में जन-आंदोलनों की शुरुआत का ऐतिहासिक बिंदु था।
इकाई II: भारत में क्रांतिकारी आंदोलन – HRA, HSRA और भगत सिंह का मुकदमा
यह इकाई क्रांतिकारी गतिविधियों पर केंद्रित है। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) और बाद में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) की स्थापना, उद्देश्य, और भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे युवाओं की भूमिका का विस्तृत अध्ययन कराया जाता है। केंद्रीय असेम्बली में बम फेंकना और लाहौर षड्यंत्र केस इस आंदोलन की प्रमुख घटनाएँ थीं।
इकाई III: भारत के बाहर क्रांतिकारी आंदोलन – गदर पार्टी
इस इकाई में प्रवासी भारतीयों द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलनों पर चर्चा की जाती है, विशेषकर गदर पार्टी की भूमिका। इसका गठन, कार्यशैली, मिशन और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में सशस्त्र विद्रोह की योजना जैसे विषयों पर विस्तार से अध्ययन होता है।
इकाई IV: साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट और सविनय अवज्ञा आंदोलन
साइमन कमीशन (1927) के बहिष्कार, ‘साइमन गो बैक’ नारों, और उसके विरोध में हुए देशव्यापी प्रदर्शनों को इस इकाई में शामिल किया गया है। इसके साथ ही मोतीलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत ‘नेहरू रिपोर्ट’ और गांधीजी द्वारा शुरू किया गया सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और दांडी यात्रा की ऐतिहासिक भूमिका पर भी चर्चा की जाती है।
इकाई V: भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
यह इकाई भारत के स्वतंत्रता संघर्ष का निर्णायक चरण है। गांधीजी के ‘करो या मरो’ नारे के साथ प्रारंभ यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के विरुद्ध व्यापक जनसहयोग के रूप में उभरा। इसमें सरकार की दमनकारी नीतियों और भूमिगत गतिविधियों को भी रेखांकित किया गया है।
इकाई VI: संवैधानिक संकट – क्रिप्स मिशन और कैबिनेट मिशन
यह इकाई द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्पन्न संवैधानिक संकटों पर आधारित है। क्रिप्स मिशन (1942) की असफलता और कैबिनेट मिशन (1946) की योजनाओं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग की प्रतिक्रियाओं को समझाया गया है।
इकाई VII: सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फौज
इस भाग में सुभाष चंद्र बोस के विचार, नेतृत्व शैली और आज़ाद हिंद फौज की स्थापना एवं कार्यशैली का अध्ययन होता है। यह बताया जाता है कि कैसे सुभाष बाबू ने जर्मनी और जापान जैसे देशों से सहयोग लेकर अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया।
इकाई VIII: माउंटबेटन योजना, भारत विभाजन और स्वतंत्रता
अंतिम इकाई में माउंटबेटन योजना (1947), भारत का विभाजन, दंगे, जनसंहार, और अंततः भारत की स्वतंत्रता के क्षणों को समझाया गया है। इसमें सावरकर, जिन्ना, नेहरू और गांधी जैसे नेताओं की भूमिका और विचारधाराओं के टकराव की भी समीक्षा की जाती है।
ऐच्छिक पेपर 1: A050602T – आधुनिक विश्व का इतिहास (1815 ई.–1945 ई.)
क्रेडिट: 5 | कुल कक्षाएँ (Lectures): 75
पाठ्यक्रम उद्देश्य:
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को 1815 से 1945 के बीच विश्व राजनीति, राजनयिक संघर्षों, दो विश्व युद्धों, साम्राज्यवाद, राष्ट्रवाद, समाजवाद, और नवविचारधाराओं की ऐतिहासिक प्रक्रिया से परिचित कराना है।
इकाईवार सिलेबस:
इकाई I: वियना कांग्रेस (1815)
नेपोलियन युद्धों के बाद यूरोप में संतुलन बनाए रखने हेतु हुई वियना कांग्रेस के उद्देश्य, नेता (मैटरनिख, कास्टलरे), सिद्धांत (राजतंत्र की पुनः स्थापना), और यूरोपीय सीमाओं के पुनर्गठन को समझाया जाता है।
इकाई II: यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय – इटली और जर्मनी का एकीकरण
इस इकाई में इटली और जर्मनी जैसे खंडित राष्ट्रों के एकीकरण की प्रक्रिया, ग्यूसेपे मैजिनी, गैरीबाल्डी, कावूर और बिस्मार्क जैसे नेताओं की भूमिका को विस्तार से समझाया गया है।
इकाई III: औद्योगिक पूंजीवाद और समाजवादी विचारधारा
मार्क्सवाद, समाजवाद, श्रमिक आंदोलनों, ट्रेड यूनियनों और पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध पैदा हुई प्रतिक्रियाओं की व्याख्या इस इकाई का मुख्य विषय है।
इकाई IV: साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद
19वीं शताब्दी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोपीय शक्तियों द्वारा एशिया और अफ्रीका में उपनिवेश स्थापित करने की प्रक्रिया, औपनिवेशिक शोषण के तरीके और इसका वैश्विक प्रभाव।
इकाई V: प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918)
इस इकाई में युद्ध के प्रमुख कारण (आधिपत्य की होड़, गठबंधन प्रणाली, राष्ट्रीयता), युद्ध की घटनाएँ, और वर्साय की संधि तथा उसके दुष्परिणामों का विश्लेषण किया गया है।
इकाई VI: रूस की क्रांति (1917)
जारशाही शासन की विफलता, बोल्शेविक आंदोलन, लेनिन की भूमिका और सोवियत संघ की स्थापना। इसके प्रभावों की समीक्षा भी की जाती है।
इकाई VII: उदारवाद से फासीवाद तक – हिटलर और मुसोलिनी का उदय
जर्मनी और इटली में लोकतंत्र के पतन, आर्थिक संकट और साम्यवाद के भय ने किस प्रकार तानाशाही को जन्म दिया – इस पर प्रकाश डाला गया है।
इकाई VIII: द्वितीय विश्व युद्ध और उसकी परिणतियाँ
हिटलर की विस्तारवादी नीति, पोलैंड पर आक्रमण, मित्र राष्ट्र बनाम धुरी शक्तियाँ, और अंततः हिरोशिमा-नागासाकी की बमबारी। युद्ध के पश्चात संयुक्त राष्ट्र का गठन और वैश्विक शक्ति संतुलन का परिवर्तित स्वरूप।
ऐच्छिक पेपर 2: A050603T – आधुनिक भारत का सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1700–1900 ई.)
क्रेडिट: 5 | कुल कक्षाएँ (Lectures): 75
पाठ्यक्रम उद्देश्य:
यह पाठ्यक्रम भारत में अंग्रेजों के आगमन से 1900 तक के सामाजिक व आर्थिक परिवर्तनों को दर्शाता है, जिसमें भारत की पारंपरिक व्यवस्थाओं का टूटना, औपनिवेशिक शोषण की रणनीतियाँ और उसके विरोध में हुए आंदोलन प्रमुख हैं।
इकाईवार सिलेबस:
इकाई I: 18वीं सदी का भारत – समाज और अर्थव्यवस्था
इस इकाई में मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिति, जाति व्यवस्था, कारीगरों की दशा, कृषि पद्धतियों और व्यापारिक संरचना को समझाया गया है।
इकाई II: अंग्रेजों द्वारा भारतीय कृषि का व्यावसायीकरण
नील, कपास, चाय, अफीम जैसे नकदी फसलों के विस्तार, खाद्य फसलों की उपेक्षा और किसान विद्रोहों की व्याख्या।
इकाई III: भूमि राजस्व प्रणालियाँ – स्थायी बंदोबस्त, रायत्वारी और महालवाड़ी
इन प्रणालियों की संरचना, लक्ष्य, परिणाम और कृषि पर उनके प्रभावों का विश्लेषण। किसानों की स्थिति कैसे बदतर हुई, इसका मूल्यांकन।
इकाई IV: औद्योगिकीकरण और हस्तशिल्प का पतन
अंग्रेजों की नीतियाँ कैसे भारत के पारंपरिक शिल्प और कुटीर उद्योगों को समाप्त करती गईं और इसके आर्थिक-सामाजिक प्रभाव क्या हुए – इस इकाई में बताया गया है।
इकाई V: परिवहन, संचार और व्यापार का विकास
रेलवे, डाक, टेलीग्राम, और बंदरगाहों के विस्तार से उत्पन्न सामाजिक गतिशीलता और व्यापार के स्वरूप में आए बदलाव।
इकाई VI: सामाजिक सुधार आंदोलन – 19वीं सदी में
राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, स्वामी दयानंद सरस्वती, और आर्य समाज जैसे संगठनों की भूमिका। बाल विवाह, सती प्रथा, विधवा विवाह जैसे मुद्दों पर हुए संघर्ष।
इकाई VII: ब्रिटिश शिक्षा नीति और उसका प्रभाव
मैकाले की शिक्षा नीति, वुड का डिस्पैच, विश्वविद्यालयों की स्थापना और उसके चलते उत्पन्न नवजागरण।
इकाई VIII: भारतीय मध्य वर्ग का उदय और उसकी भूमिका
नए शिक्षित वर्ग की भूमिका, प्रेस की स्वतंत्रता, सार्वजनिक सभा, साहित्य और राजनैतिक चेतना का विकास।
ऐच्छिक पेपर 3: A050604T – इतिहास एवं इसकी व्यावसायिक उपयोगिता (History and its Professional Utility)
क्रेडिट: 5 | कुल कक्षाएँ (Lectures): 75
पाठ्यक्रम उद्देश्य:
यह पेपर इतिहास की व्यावसायिक और प्रायोगिक उपयोगिता को स्पष्ट करता है। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को बताता है कि इतिहास न केवल शैक्षणिक विषय है, बल्कि यह पत्रकारिता, प्रशासन, संरक्षण, संग्रहालय, पर्यटन, अभिलेखागार, शिक्षण, अनुसंधान आदि में करियर के अवसर प्रदान करता है।
इकाईवार सिलेबस:
इकाई I: इतिहास और व्यावसायिकता का संबंध
इतिहास की प्रकृति, दायरा और विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों से इसका जुड़ाव – जैसे दस्तावेज़ विश्लेषण, रिपोर्ट लेखन, और नीति निर्माण।
इकाई II: संग्रहालय और पुरातत्व विभाग में इतिहास की भूमिका
संग्रहालयों में प्रदर्शनी की संरचना, ऐतिहासिक वस्तुओं का वर्गीकरण और संरक्षण। ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) जैसे संगठनों की भूमिका।
इकाई III: अभिलेखागार और पुस्तकालय विज्ञान
दस्तावेज़ प्रबंधन, डिजिटल अभिलेख, वर्गीकरण, संग्रह और ऐतिहासिक शोध कार्य में इनकी उपयोगिता।
इकाई IV: पर्यटन उद्योग में इतिहास
ऐतिहासिक स्थलों का महत्व, विरासत पर्यटन, गाइड प्रशिक्षण, और राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन नीति में इतिहासकारों की भागीदारी।
इकाई V: ऐतिहासिक लेखन और पब्लिशिंग
शोध लेखन, इतिहास पर आधारित प्रकाशन, जीवनी लेखन, और सामग्री संपादन के व्यावसायिक अवसर।
इकाई VI: मीडिया और इतिहास
डॉक्यूमेंट्री निर्माण, ऐतिहासिक फिल्मों की स्क्रिप्ट लेखन, समाचार माध्यमों में ऐतिहासिक संदर्भों की व्याख्या।
इकाई VII: प्रशासनिक सेवाओं में इतिहास की उपयोगिता
IAS, PCS जैसी परीक्षाओं में इतिहास की भूमिका, विश्लेषणात्मक सोच, नीतिगत संदर्भ, और निर्णय क्षमता में योगदान।
इकाई VIII: शिक्षण और अकादमिक शोध
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय स्तर पर इतिहास विषय की पढ़ाई, NET/JRF जैसी योग्यता परीक्षाएँ और शोध संस्थानों में करियर।
BA 6th Semester History Book in Hindi
इस सेक्शन में बीए 6th सेमेस्टर के छात्रों के लिए हिस्ट्री (इतिहास) की बुक का लिंक दिया गया है |
बुक पढने के लिए – यहाँ क्लिक करें
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